आदित्य ठाकरे की तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार से मुलाकात की Inside Story
आदित्य ठाकरे की तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार से मुलाकात की Inside Story
Bihar News: आदित्य ठाकरे के पटना में तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार से मुलाकात से जो सियासी सरगर्मी बढ़ी इसके कारण को लेकर खबरें अब छनकर बाहर आ रही हैं. अब खबर है कि तेजस्वी यादव मुंबई महानगर चुनाव में शिवसेना (उद्धव) के लिए प्रचार करने मुंबई जाएंगे. आदित्य ठाकरे के न्योते पर तेजस्वी यादव मुंबई में बिहारी वोटरों के बीच प्रचार करेंगे. मगर यहां सवाल उठता है कि एक वक्त में मराठी मानुष के नाम पर उत्तर भारतीयों के साथ भेदभाव करनेवाली शिवसेना के लिए वोट मांगना तेजस्वी यादव के लिए क्या सहज रहेगा?
पटना. विगत 23 नवंबर को शिवसेना (उद्धव) के नेता आदित्य ठाकरे पटना पहुंचे तो सियासी सरगर्मी बढ़ गई. इसी दिन डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से वह मिले और बिना तय कार्यक्रम के ही तेजस्वी उन्हें सीएम नीतीश कुमार से मिलाने एक अणे मार्ग लेकर चले गए. 45 मिनट की मुलाकात में तब क्या बात हुई यह तत्काल पता नहीं चला. आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव ने भी किसी भी तरह की सियासी बातचीत से इनकार कर दिया. हालांकि, अब अंदरखाने की बात निकलकर बाहर आने लगी है. जानकारी के मुताबिक, तेजस्वी यादव शिवसेना (उद्धव गुट) के समर्थन में मुंबई महानगर पालिका चुनाव में प्रचार के लिए महाराष्ट्र (मुंबई) जाएंगे.
भीतरखाने से मिल रही जानकारी के अनुसार, आदित्य ठाकरे ने तेजस्वी यादव को मुंबई में रहने वाले बिहारि वोटरों को अपने पक्ष में करने की रणनीति के तहत मुंबई आने का न्योता दिया है. दरअसल, शिवसेना उद्धव गुट अपने गढ़ को बचाए रखने के लिए हर कदम उठाने को तैयार है. शिवसेना में शिंदे गुट के टूट के बाद मुंबई महानगर पालिका का चुनाव उद्धव के लिए बड़ा चैलेंज है; और इसे साधने के लिए अब तेजस्वी का सहारा लेने के प्लान पर काम कर रही है.
बिहारियों पर हमलावर रही शिवसेना के लिए वोट मंगाना बड़ी चुनौती
मुंबई महानगर पालिका चुनाव में बिहारी वोटरों को साधने के लिए शिवसेना उद्धव गुट ने तेजस्वी को प्रचार के लिए बुलाया है. मगर सवाल उठता है कि एक वक्त में ‘मराठी मानुष’ के नाम पर उत्तर भारतीयों के साथ भेदभाव करनेवाली शिवसेना के लिए वोट मांगना तेजस्वी यादव के लिए क्या सहज रहेगा? सियासत के जानकार बताते हैं कि तेजस्वी के लिए यह मुश्किल इसलिए भी है कि एक वक्त में लालू यादव शिवसेना के कट्टर विरोधी रहे हैं और खुलकर विरोध करते रहे हैं. लालू के साथ नीतीश कुमार भी शिवसेना की नीतियों का विरोध करते रहे हैं. आपके शहर से (पटना) बिहार उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब पटना पटना गया मुजफ्फरपुर भागलपुर अररिया अरवल औरंगाबाद कटिहार किशनगंज खगड़िया गोपालगंज जमुई जहानाबाद दरभंगा नवादा नालंदा पश्चिमी चंपारण पूर्णिया पूर्वी चंपारण बक्सर बांका बेगूसराय भोजपुर मधुबनी मधेपुरा मुंगेर मोतिहारी राजगीर रोहतास लखीसराय वैशाली शेखपुरा समस्तीपुर सहरसा सारण सीतामढ़ी सीवान सुपौल कैमूर
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एक वक्त में लालू यादव और नीतीश कुमार रहे हैं शिवसेना के विरोधी
दरअसल. कई ऐसे मौके आए हैं जब उत्तर भारतीयों को ‘मराठी मानुष’ की सियासत के नाम पर शिवसेना और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी मनसे के कार्यकर्ताओं द्वारा बिहारियों (उत्तर भारतीयों) जमकर मारपीट की गई है. उस समय लालू और नीतीश खुलकर विरोध करते रहे हैं. इसके साथ ही सवाल ये भी कि रोजगार के लिए पलायन किए हुए बिहारी क्या तेजस्वी यादव की सुनेंगे? मुंबई में पीटे जाने के बाद अब तेजस्वी शिवसेना उद्धव गुट के पक्ष में प्रचार से कितना प्रभाव पड़ेगा?
रोजगार के नाम पर तेजस्वी यादव की ब्रांडिंग की हो रही कोशिश
यहां यह भी बताना जरूरी है कि बिहार विधानसभा चुनाव से अबतक तेजस्वी रोजगार और नौकरी को सियासत के केंद्र में लाने में सफल रहे हैं. 10 लाख रोजगार देने का वादा और लगातार नियुक्ति पत्र बांटने के बाद शिवसेना उद्धव गुट मानकर चल रही है कि मुंबी में रह रहे बिहारी तेजस्वी के रोजगार की बात का असर होगा. परन्तु सवाल यह है कि बिहार में रोजगार नहीं मिलने के कारण मुंबई पलायन के हुए मजबूर बिहारी तेजस्वी यादव की बातों से कितना प्रभावित होता है? जाहिर है सवाल भविष्य के गर्भ में है.
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Tags: Aditya thackeray, CM Nitish Kumar, Shiv sena, Tejashwi Yadav, Uddhav thackerayFIRST PUBLISHED : November 25, 2022, 14:30 IST