नई लकीर खींचने में लगे तेजस्वी! किताबों की लौ से बिखेरना चाहते हैं लालटेन की रोशनी किया यह ट्वीट
नई लकीर खींचने में लगे तेजस्वी! किताबों की लौ से बिखेरना चाहते हैं लालटेन की रोशनी किया यह ट्वीट
Bouquet vs Book: मंगलवार की देर शाम डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने शुभचिंतकों और बिहार के दूर दराज जिलों से आए राजद कार्यकर्ताओं से मिले और बुके लेकर कार्यकर्ताओं को धन्यवाद कहा. लेकिन इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से आग्रह किया कि उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट न करें. स्नेहवश देना ही चाहते हैं कुछ तो उन्हें किताब भेंट करें या कलम दें.
हाइलाइट्सतेजस्वी राजद कार्यकर्ताओं-नेताओं से पूरे सम्मान के साथ मिल रहे हैं. मिलने आए लोग डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बुके और फूल दे रहे हैं. डिप्टी सीएम की गुजारिश: बुके या फूल न दें. देना ही है तो किताब दें.
पटना. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बधाई देने के लिए राजद के नेता और कार्यकर्ता दूर-दूर से लगातार आ रहे हैं. तेजस्वी यादव भी इन कार्यकर्ताओं और नेताओं से पूरे सम्मान के साथ मिल रहे हैं. मिलने के लिए आनेवाले लोग उन्हें बुके और फूल दे रहे हैं. डिप्टी सीएम ने ऐसे तमाम लोगों से गुजारिश की है कि उन्हें बुके या फूल भेंट न करें. देना ही चाहते हैं तो उन्हें किताब दें, ताकि उससे राजद की लाइब्रेरी समृद्ध हो सके.
मंगलवार की देर शाम डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपने शुभचिंतकों और बिहार के दूर दराज जिलों से आए राजद कार्यकर्ताओं से मिले और बुके लेकर कार्यकर्ताओं को धन्यवाद कहा. लेकिन इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से आग्रह किया कि उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट न करें. स्नेहवश देना ही चाहते हैं कुछ तो उन्हें किताब भेंट करें या कलम दें.
तेजस्वी यादव ने एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया ‘सभी कार्यकर्ताओं, शुभचिंतकों और समर्थकों से हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन है कि जब आप हमसे मिलने/शुभकामनाएं देने आएं तो फूलों के गुलदस्ते के बजाय कोई किताब या कलम ही अपने स्नेह के प्रतीक के रूप में दे । ये किताबें हमारे राजद पुस्तकालय की धरोहर होंगी। धन्यवाद सहित।’
दरअसल, तेजस्वी यादव के इस ट्वीट के कई संकेत हैं. वे चाहते हैं कि राजद के कार्यकर्ता और नेताओं के बीच पढ़ने-पढ़ाने का सिलसिला शुरू हो. फूल और बुके में कार्यकर्ताओं का जो पैसा जा रहा है, उसका और बेहतर इस्तेमाल हो सके. जाहिर है तेजस्वी यादव ऐसी छोटी-छोटी एनर्जी का भी बड़ा इस्तेमाल करने का रास्ता और अवसर लगातार तलाश रहे हैं.
परिपक्व राजनीतिज्ञ और समझदार नागरिक की एक पहचान यह भी होती है कि पार्टी कोई भी हो, संस्था कोई भी हो, व्यक्ति कोई भी हो, अगर उससे कोई अच्छी सीख मिल रही तो उसे अपना लेना चाहिए. तेजस्वी यादव लोक की इस मान्यता के करीब दिखते हैं. संभव है इसीलिए उन्होंने पीएम मोदी की वह सलाह भी मानी जिसमें उन्हें सेहत पर ध्यान देने का इशारा किया था. इसके साथ ही पीएम मोदी के नक्शेकदम पर चलते हुए गिफ्ट के बजाए किताबों की डिमांड की.
याद दिला दें कि बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के जिम्मे स्वास्थ्य विभाग भी है. हालांकि इससे पहले खबरें आई थीं कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने फिर से स्वास्थ्य मंत्री बनने की चाह अपने छोटे भाई और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सामने रखी थी. हालांकि अब जब विभागों का बंटवारा हो चुका और तेजप्रताप यादव को बिहार में पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय मिला है, तो यह कहा जा सकता है कि तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई की इच्छा से ज्यादा बिहार की जरूरत का ध्यान रखा. साथ ही साथ, लालू परिवार पर लगने वाले भाई-भतीजावाद से निकलने का संकेत देने की भी कोशिश की. वैसे देखा जाए तो उनके कई कदम ऐसे दिखते हैं कि वह बिहार की राजनीति में नई लकीर खींचना चाहते हैं.
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Tags: Bihar News, Bihar rjd, Tejashwi YadavFIRST PUBLISHED : August 16, 2022, 22:04 IST