लालू ने खोला दरवाजा मोदी-शाह की पहरेदारी मजबूत नीतीश दायें-बायें किए तो

बिहार के सर्द मौसम में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के एक बयान ने गर्मी ला दी है. क्या सचमुच सीएम नीतीश कुमार फिर से पाला बदलने जा रहे हैं? अगर ऐसा हुआ तो क्या बीजेपी इस बार पिछले सारे हिसाब-किताब बराबर कर लेगी?

लालू ने खोला दरवाजा मोदी-शाह की पहरेदारी मजबूत नीतीश दायें-बायें किए तो
पटना. बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार के राजनीतिक भविष्य को लेकर असमंजस की स्थिति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के दरवाजा खुला रखने वाले बयान ने तो बीजेपी के खेमे में हड़कंप मचा दिया है. हालांकि, दिल्ली की तरह पटना के मौसम में भी ठंडक बरकरार है, लेकिन लालू यादव और आरजेडी के नेता अपने बयानों से सियासत में गर्मी ला रहे हैं. लालू यादव ने एक इंटरव्यू में कहा है कि सीएम नीतीश कुमार के लिए दरवाजे खुले हैं. लालू यादव के इस बयान के बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा, लालू यादव दिन में ही सपना देख रहे हैं. सम्राट के हमलावर होते ही तेजस्वी यादव ने मोर्चा संभाला और कहा कि मीडिया को चुप रखने के लिए लालू यादव ने यह बयान दिया था. आखिर बिहार में क्या हो रहा है? आपको बता दें कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने हाल ही में नीतीश कुमार को लेकर दरवाजा बंद करने वाला बयान दिया था. लेकिन, तेजस्वी यादव के बयान के 72 घंटे भी नहीं बीते थे कि लालू यादव का नीतीश कुमार को लेकर बयान आ गया. ऐसे में बिहार की सियासत में अगर खिचड़ी पक रही है तो पका कौन रहा है? क्या बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में एक बार फिर से राजनीतिक भूचाल आने वाला है? लालू यादव का यह कहना है कि नीतीश कुमार के लिए तो दरवाजा हमेशा ही खुला रहता है. लेकिन, वही बार-बार दरवाजे से बाहर चले जाते हैं. क्या लालू का यह बयान नीतीश कुमार के लिए ग्रीन सिग्नल का संकेत तो नहीं है? क्या बीजेपी पिछले सारे हिसाब बराबर करेगी? हालांकि, ये भी सच है कि नीतीश कुमार इस बार अगर पलटीमार पॉलिटिक्स के बारे में सोचेंगे भी तो उनके लिए इतना आसान नहीं होने वाला है. क्योंकि, इस बार पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह बिहार को लेकर जबरदस्त पहरेदारी कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो बिहार के राजनीतिक हालात पर दिल्ली से नजर रखी जा रही है. खासकर जेडीयू के दो बड़े नेता कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की पैनी नजर है. आरसीपी वाली कहानी एक बार फिर से न दोहराई जाए, इसलिए बीजेपी भी सतर्क है. ऐसे में इस बार नीतीश कुमार का पलटी मारना इतना आसान नहीं होने वाला है. नीतीश कुमार पाला बदलते हैं तो क्या जेडीयू में टूट होगी? बिहार की राजनीति को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडेय कहते हैं, ‘नीतीश कुमार बड़े चालाक और हार्ड बारगेनर हैं. बीजेपी को बता रहे हैं कि उनका बिहार में अभी भी राजनीतिक जनाधार पहले जैसा ही है. इसलिए पटना में हर 7 दिन के बाद नीतीश कुमार के नाम के अलग-अलग पोस्टर जेडीयू लगा रही है. नीतीश कुमार की ये सारी कवायद आगामी बिहार चुनाव में सीएम पद को लेकर चल रही है. मेरी समझ से नीतीश कुमार को बिहार में एनडीए का नेता मानने के अलावा बीजेपी के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि अगर नीतीश कुमार को आरजेडी सीएम पद का ऑफर देती है तो वह उधर भी जा सकते हैं. हालांकि, इस बार नीतीश कुमार के लिए यह आसान नहीं होने वाला है. क्योंकि, नीतीश कुमार के इर्द-गिर्द जितने भी बड़े लीडर घूमा करते हैं, सब बीजेपी के साथ रहने के पक्षधर हैं.’ कुलमिलाकर बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से राजनीतिक पार्टियां अपनी गोटी सेट करने के जुगाड़ में लग गई है. कोई सीएम पद सुरक्षित करना चाहता है तो कोई सीएम पद तक पहुंचने के लिए रास्ता आसान करना चाहता है. कोई सालों का इंतजार खत्म करना चाहता है. खासकर, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने इस बार बेटे तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का हर हथकंडा अभी से ही अपनाना शुरू कर दिया है, जिससे बेटे की राह आसान हो जाए. वहीं, बीजेपी इस बार नीतीश कुमार को साथ रखते हुए अपना सीएम बनाना चाहती है. Tags: Bihar BJP, Bihar NDA, JDU BJP Alliance, Nitish GovernmentFIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 14:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed