Bihar Political Crisis: जेडीयू-बीजेपी गठबंधन टूट के बीच मांझी के फैसले पर टिकी नजर
Bihar Political Crisis: जेडीयू-बीजेपी गठबंधन टूट के बीच मांझी के फैसले पर टिकी नजर
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के विधायक दल की बैठक शाम 4 बजे हो रही है. यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि बिहार की सत्ता सियासत में इस बैठक पर भी काफी कुछ निर्भर करता है. दरअसल, सीटों का गणित ऐसा है कि मांझी क्या फैसला लेते हैं यह बिहार की राजनीतिक की दिशा तय करने वाली हो सकती है.
पटना. बिहार में भाजपा और जदयू का गठबंधन टू गया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है. शाम चार बजे नीतीश कुमार को राज्यपाल फागू चौहान से मिलने जाएंगे. सत्ता के समीकरण बदलने के साथ ही सियासी गतिविधियां लगातार तेज हैं. इसी क्रम में शाम पांच बजे बीजेपी ने कोर ग्रुप की मीटिंग बुलाई है. सूत्रों से खबर है कि बीजेपी के सभी मंत्री राज्यपाल के पास जाकर इस्तीफा सौंप सकते हैं. हालांकि, इससे पहले एक और अहम हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की होने वाली है जिसपर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के विधायक दल की बैठक शाम 4 बजे हो रही है. पार्टी के प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान के अनुसार, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के पटना आवास पर बैठक होगी. बैठक में राज्य के वर्तमान राजनैतिक स्थिति को लेकर चर्चा होगी. यह बैठक बेहद अहम मानी जा रही है क्योंकि बिहार की सत्ता सियासत में इस बैठक पर भी काफी कुछ निर्भर करता है. दरअसल सीटों का गणित ऐसा है कि मांझी क्या फैसला लेते हैं यह बिहार की राजनीतिक की दिशा तय करने वाली हो सकती है.
बता दें कि पहले आरजेडी के 75 विधायक थे, लेकिन हाल में ही एआईएमआईएम से आए 4 विधायकों के मिलने से इनकी संख्या 79 हो गई है. बोचहा में राजद ने उपचुनाव जीता था तो विधायकों की संख्या 80 हो गई थी, लेकिन अनंत सिंह को सजा का ऐलान होते ही उनकी विधायकी चली गई और राजद के हाथ से मोकामा की सीट भी. ऐसे में राजद के पास फिलहाल 79 सीट है और वह 243 सदस्यीय विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है.
दूसरे नंबर पर भाजपा है. 2020 के चुनाव में 74 सीटें जीतने के बाद दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी बीजेपी. इसी बीच मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के 3 विधायक भाजपा में शामिल हो गए. एक वक्त में भाजपा बिहार विधान सभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई थी. जदयू ने 43 सीटें जीतीं थीं. इसके बाद एक बीएसपी के जमा खान और एक एलजेपी के उम्मीदवार जेडीयू में शामिल हो गए थे. इससे यह संख्या 45 पहुंच गई थी. निर्दलीय सुमित सिंह का भी समर्थन जेडीयू को मिला हुआ है.
कांग्रेस के 19, भाकपा माले और सीपीआईएम व सीपीआई के 2-2 विधायक महागठबंधन का हिस्सा हैं. एआईएमआईएम के एक विधायक अख्तरुल इमान का समर्थन जदयू को मिल सकता है. ऐसे में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के चार विधायकों का फैसला क्या होता है इस पर भी सबकी नजर बनी हुई है. जिस तरह रालोजपा ने एनडीए में बने रहने का फैसला किया है. वहीं, अगर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए में रहता है तो बिहार की सियासत में कुछ अलग सियासी कहानी भी लिखी जा सकती है.
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Tags: Bihar politicsFIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 14:46 IST