रिपोर्ट- सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या. कजरी तीज भादो मास (अगस्त महीना) के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. इस व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करती हैं. धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से सुहागिनों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. कथावाचक जगतगुरु राम दिनेश आचार्य बताते हैं कि जब कोई सुहागिन महिला श्रृंगार करके कजरी तीज का व्रत रखती है और भगवान शिव-पार्वती की विधिवत पूजा करती है तो उसके पति की आयु में वृद्धि होती है.
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि भारतीय पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि यानी 13 अगस्त का दिन व्रत के लिए शुभ है. हालंकि शनिवार को रात्रि 12 बजकर 54 मिनट से शुभ मुहूर्त आरम्भ हो रहा है, जो 14 अगस्त शुभ दिन रविवार की रात्रि 10 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगा. कजरी तीज का व्रत उदया तिथि में अर्थात 14 अगस्त 2022 शुभ दिन रविवार को किया जाएगा.
क्या है कजरी तीज की पूजा विधि ?
कजरी तीज के दिन सुहागिन महिलाओं को सुबह उठकर स्नान करने के बाद भगवान शंकर और माता पार्वती का चित्र एक चौकी पर स्थापित करना चाहिए. भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. भगवान शिव को बेलपत्र, गाय का दूध, भांग, धतूरा और जल इत्यादि को अर्पित करने के साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की कथा सुननी चाहिए.
कजरी तीज का क्या है महत्व ?
कजरी तीज के दिन विवाहित महिलाएं को अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखना चाहिए. इस दिन व्रत और विधि-विधान के साथ की गई शिव आराधना से पति की लंबी उम्र के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं समृद्धि की भी प्राप्ति होती है.
(नोट: यहां दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है NEWS 18 LOCAL इसकी पुष्टि नहीं करता.)
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Tags: Ayodhya NewsFIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 14:54 IST