अखिलेश यादव को मिला था बूस्टर डोज तेजस्वी PK और पप्पू यादव के बीच छिड़ी जंग
अखिलेश यादव को मिला था बूस्टर डोज तेजस्वी PK और पप्पू यादव के बीच छिड़ी जंग
Bihar Politics: बिहार में भी BPSC का मुद्दा बेहद गर्म है. छात्र बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. अब यह मुद्दा ना सिर्फ बिहार बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी तब गर्मा गया है. इस मुद्दे को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर और पप्पू यादव तक एक तरह से बूस्टर डोज के रूप में इस्तेमाल करना चाह रहे हैं.
हाइलाइट्स बिहार की राजनीति में यूपी की तरह 'बूस्टर डोज' लेने की लड़ाई. अखिलेश यादव की राह पर तेजस्वी, प्रशांत किशोर और पप्पू यादव. BPSC मुद्दे को चुनावी हथियार बनाने की तैयारी में विपक्ष के नेता.
पटना. बिहार में विधानसभा का चुनाव 2025 में होने वाला है. ऐसे में तमाम राजनीतिक दलों ने ना सिर्फ तैयारी शुरू कर दी है. बल्कि साथ-साथ उन मुद्दों पर काम करना भी शुरू कर दिया है, जिनके सहारे वे जनता के बीच जाकर वोट मांगने जाएंगे. जहां सत्ताधारी दल नीतीश कुमार के सुशासन काल के विकास कार्यों और रोजगार के साथ-साथ अन्य विकास योजनाओं को जनता को बताने में लगी है. वहीं विरोधी दल भी युवाओं से जुड़े मुद्दे को उठाने की तैयारी में है. दरअसल इस बार बिहार में विपक्ष के नेता यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव की राह पर चलते दिखाई दे रहे हैं. बात चाहे तेजस्वी यादव की हो प्रशांत किशोर और पप्पू यादव की सभी अखिलेश यादव की तरह युवाओं के मुद्दे को अपना चुनावी हथियार बनाना चाहते हैं.
दरअसल जिस लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को घेरने के लिए अखिलेश यादव को सिपाही भर्ती परीक्षा का मुद्दा बतौर बूस्टर डोज मिला था, उसी तरह बिहार में इन दिनों विपक्षी नेताओं को बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग का मुद्दा मिला गया, जिसको लेकर विपक्ष के नेताओं में जंग छिड़ गयी है. दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में सिपाही भर्ती परीक्षा का मुद्दा गर्म था और इसी मुद्दे को उठा अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर खूब हमला बोला जो एक तरह से अखिलेश यादव के लिए बूस्टर डोज़ साबित हुआ और चुनाव में समाजवादी पार्टी को अधिक सीटें मिली थीं.
बिहार में भी BPSC का मुद्दा बेहद गर्म है. छात्र बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. अब यह मुद्दा ना सिर्फ बिहार बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी तब गर्मा गया है. इस मुद्दे को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी से लेकर तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर और पप्पू यादव तक एक तरह से बूस्टर डोज के रूप में इस्तेमाल करना चाह रहे हैं. बीपीएससी अभ्यर्थियों का हीरो बनने के लिए इन तीनों के बीच जंग छिड़ी है.
BPSC वाले मुद्दे को लेकर तेजस्वी यादव, प्रशांत किशोर और पप्पू यादव तीनों पूरी तरह से मुखर हैं और खुलकर छात्रों का समर्थन कर रहे हैं. ये तीनों नेता आंदोलन करने वाले छात्रों के साथ कदम से कदम मिला कर आंदोलन को और धार दे रहे हैं. इस मुद्दे के बहाने तीनों नेता नीतीश सरकार को घेरने का काम कर रहे हैं. हालांकि हैरान करने वाली बात यह है कि बूस्टर डोज लेने के चक्कर में ये तीनों नेता आपस में ही एक दूसरे पर हमलावर हैं. तेजस्वी यादव यादव प्रशांत किशोर पर तो प्रशांत किशोर तेजस्वी यादव पर राजनीति करने का आरोप लगा निशाना साध रहे हैं. वही पप्पू यादव भी इस लड़ाई को त्रिकोणीय बना रहे है और इसके पीछे वजह भी है.
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि बिहार में युवाओ की संख्या और उनके वोट का महत्व राजनीतिक दल बहुत अच्छे से जानते हैं. तेजस्वी यादव ने रोजगार का मुद्दे का असर 2020 के विधानसभा चुनाव में देख भी लिया है. वहीं PK और पप्पू यादव को भी युवा वोटर की ताकत का अंदाजा है. इसी वजह से BPSC के मुद्दे को उठा युवाओं को बड़ा मैसेज देने की कोशिश कर रही है. इस दौरान तीनो नेताओं में छात्रों के बीच आगे रहने की एक तरह जंग से छिड़ी हुई है .
वहीं बिहार के एक और वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि किस भी चुनाव में युवाओं की ताकत किसी भी परिणाम को प्रभावित करने में सबसे महत्वपूर्ण रोल अदा करती है. बेशक अखिलेश यादव को सिपाही भर्ती मुद्दा उठाने के बहाने युवाओं का झुकाव का फायदा वोट के तौर पर मिला था जो बाद में सीट के तौर पर भी दिखती है. ऐसे में बिहार में BPSC जैसे मुद्दे को कैसे तेजस्वी, प्रशांत किशोर और पप्पू यादव जैसे नेता हाथ से जाने देंगे. लेकिन, महत्वपूर्ण यह है कि युवा परीक्षार्थी किसके साथ खड़े होते हैं. यह महत्वपूर्ण है और इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं. जब ये नेता एक दूसरे पर आंदोलन को कमजोर करने का आरोप लगा युवाओं को ये कैसे दे रहे है कि वहीं उसके मुद्दे को सही तरीके से उठा रहे हैं.
लेकिन, सबसे महत्वपूर्ण ये है की नीतीश सरकार ने भी चुनावी साल में इस मुद्दे को शांत करने के लिए पहल शुरू कर दी है. बिहार चीफ सेक्रेटरी ने बातचीत की पहल शुरू कर दी है और कोई हैरानी की बात नहीं होगी जब सरकार आंदोलन को देखते हुए बहुत जल्द कोई बड़ा फैसला लेती नजर आएगी, क्योंकि चुनावी साल में सरकार युवाओ को नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकती है.
Tags: Bihar politics, BPSC, Nitish kumarFIRST PUBLISHED : December 31, 2024, 17:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed