तलाक ए हसन: सुप्रीम कोर्ट ने पतियों से 4 हफ्ते में मांगा जवाब जानें क्या है पूरा मामला
तलाक ए हसन: सुप्रीम कोर्ट ने पतियों से 4 हफ्ते में मांगा जवाब जानें क्या है पूरा मामला
Talaq-e-Hasan: एक महिला पत्रकार की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि उनके पति ने पहला नोटिस स्पीड पोस्ट से 19 अप्रैल को भेजा था. बाद में एक-एक महीने के अंतराल पर बाकी दो नोटिस भेजे गए.
नई दिल्ली. तलाक ए हसन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी पतियों को नोटिस जारी कर 4 हफ्ते में जवाब मांगा है. तलाक-ए-हसन के मुताबिक,, कोई भी मुस्लिम व्यक्ति महीने में एक बार मौखिक या लिखित रूप में अपनी पत्नी को तलाक देता है और लगातार तीन महीने तक ऐसा करने पर तलाक औपचारिक रूप से मंजूर हो जाता है. इस मामले में एक महिला प्रत्रकार की तरफ से याचिका दाखिल की गई है.
इस मामले को लेकर बेनजीर हीना ने कोर्ट में खुद अपनी बात रख रही. उन्होंने कहा कि पहले तलाक के नोटिस पर उनका बेटा 7 महीने का था, अब उसका बर्थडे है, इतने में 3 तलाक के नोटिस आ गए. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वो इस मामले को लेकर गंभीर है. कोर्ट के मुताबिक कुछ मुद्दे हैं जिन्हे देखना है.
बेनजीर ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा, ‘ पूरे देश में मेरी जैसी तमाम मुस्लिम महिलाएं तलाक ए हसन से पीड़ित हैं.’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोशिश करते हैं, उनको यहां बुलाकर बात करते हैं. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि पहली नजर में तलाक ए हसन उतना अनुचित नहीं लगता है.
एक महिला पत्रकार की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि उनके पति ने पहला नोटिस स्पीड पोस्ट से 19 अप्रैल को भेजा था. बाद में एक-एक महीने के अंतराल पर बाकी दो नोटिस भेजे गए. याचिकाकर्ता ने कहा है कि तलाक ए हसन के प्रावधान मनमाने हैं और मुस्लिम पुरुष इसके तहत पत्नी को तीन महीने में एक-एक कर तीन बार तलाक बोलता है और फिर तलाक हो जाता है.
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FIRST PUBLISHED : August 29, 2022, 14:09 IST