बंग बंधु की मूर्ति अब ढाका में ये हो क्या रहा है पूरी तरह पाक के इशारे

1971 Shaheed Memorial Complex destroyed: ऐसा लगता है कि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की मती मारी गई है. उन्होंने बंग बंधु मजीब रहमान की मूर्ति ढाहने के बाद ढाका के प्रसिद्ध शहीद मेमोरियल कॉम्प्लेक्स को भी तोड़ दिया है.

बंग बंधु की मूर्ति अब ढाका में ये हो क्या रहा है पूरी तरह पाक के इशारे
जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है… राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की ये लाइन आज पड़ोसी बांग्लादेश के लिए सर्वथा उचित लग रही है. पूर्व पीएम शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद वहां पूरी तरह कट्टरपंथियों का कब्जा हो गया है. ऐसा लगता है कि भारत और हिंदुओं से नफरत की आग में इन कट्टरपंथियों का विवेक मर गया है. इन पर पाकिस्तान प्रेम इस कदर हावी है कि वे खुद का इतिहास भी मिटाने लगे हैं. वे भारत से नफरत की आग में जल रहे हैं. वे हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं. इसी क्रम में वे अपनी आजादी के नायक मुजीब उर रहमान को तक नहीं छोड़ रहे. बीते सप्ताह शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद छोड़ने के बाद वहां भड़की हिंसा में मुजीब उर रहमान की मूर्ति ढाह दी गई. उनके स्टैच्यू पर बुलडोजर चलाए गए. अब बांग्लादेश की आजादी के एक और प्रतीक को ढाह दिया गया है. दरअसल, 1971 की जंग में पाकिस्तान के खिलाफ भारत को मिली जीत और बांग्लादेश की आजादी को यादगार बनाने के लिए ढाका के मुजीब नगर में बनाए गए शहीद मेमोरियल कॉम्प्लेक्स (1971 Shaheed Memorial Complex destroyed:) को भी ढाह दिया गया है. इतना ही नहीं कट्टरपंथियों ने इंडियन कल्चरल सेंटर, मंदिरों और हिंदुओं के घरों पर हमले किए हैं. बांग्लादेश की आजादी का प्रतीक यह स्टैच्यू बांग्लादेश की आजादी का प्रतीक था. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने एक्स पर एक पोस्ट में इस घटना का जिक्र किया है. थरूर लिखते हैं- 1971 के शहीद मेमोरियल कॉम्प्लेक्स की स्टैच्यू को ढाहने की यह तस्वीर देखना दुखद है. भारत विरोधी ताकतों ने इसे ढाह दिया है. इस घटना के बाद इंडियन कल्चर सेंटर, मंदिरों और हिंदुओं के घरों पर हमले हुए हैं. हालांकि ऐसी भी रिपोर्ट आई है कि कई मुस्लिम परिवार हिंदुओं की रक्षा में लगे हैं. वे उनके घरों और मंदिरों की रक्षा कर रहे हैं. सबसे बड़ा आत्मसमर्पण 1971 की जंग में न केवल बांग्लादेश आजाद हुआ था. बल्कि पाकिस्तान को गहरी चोट लगी थी. यह स्टैच्यू पाकिस्तान को लगी उसी चोट की याद दिला रही थी. इसमें पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों के भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करने की घटना को दिखाया गया था. पाकिस्तान की ओर से सरेंडर पत्र पर मेजर जनरल आमीर अब्दुल्लाह खान नियाजी ने साइन किया था. उनके साथ 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों ने अपने हथियार डाल दिए थे. भारत की ओर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने ये सरेंडर करवाया था. यह घटना द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद दुनिया के इतिहास में सबसे बड़े सैन्य समपर्ण की घटना थी. लेकिन, बीते दिनों बांग्लादेश में भड़की हिंसा और शेख हसीना के इस्तीफे के बाद स्थिति बिगड़ गई है. इस हिंसा में 450 से अधिक लोग मारे गए हैं. Tags: Bangladesh news, Sheikh hasinaFIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 12:19 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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