सबसे जुदा है राजस्थान की शेखावाटी के प्याज का स्वाद सालाना 400 करोड़ का होता है कारोबार
सबसे जुदा है राजस्थान की शेखावाटी के प्याज का स्वाद सालाना 400 करोड़ का होता है कारोबार
Onion of Rajasthan is special: प्याज के भाव अक्सर चुनावों में बड़ा मुद्दा बनते रहे हैं. देशभर में प्याज के भावों में उतार-चढ़ाव आते ही राजनीति गरमा जाती है. राजस्थान के शेखावाटी का सीकर जिला पूरे प्रदेश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक इलाका है. यहां सालाना करीब चार सौ करोड़ रुपये का प्याज का कारोबार होता है.
हाइलाइट्ससीकर के रसीदपुरा इलाके में होता है मीठा प्याजसीकर के केवल 2 दर्जन पैदा करते है आधे राजस्थान का प्याजप्याज का बड़ी मात्रा में उत्पादन होने के बावजूद यहां स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है
संदीप हुड्डा.
सीकर. राजस्थान के शेखावाटी इलाके (Shekhawati area) के सबसे बड़े सीकर जिले के रशीदपुरा और आसपास के क्षेत्र के करीब 2 दर्जन गांवों में इस वक्त प्याज की बुवाई (onion sowing) बंपर चल रही है. सीकर जिले के ये दो दर्जन गांव ही ऐसे हैं जो आधे राजस्थान जितना प्याज पैदा करते हैं. सीकर जिले में तकरीबन सालाना 400 करोड़ का प्याज का कारोबार होता है. जिले की खेती की अर्थव्यवस्था काफी हद तक प्याज पर टिकी है. लेकिन इस बार अनुमान है कि प्याज की बुवाई घटेगी. हालांकि इसके बाद भी किसान बड़ी उम्मीद से इस वक्त खेतों में प्याज की बुवाई में जुटा है. खास बात यह है कि सीकर के प्याज को शेखावाटी का मीठा प्याज कहा जाता है.
प्याज के उत्पादन की बात करें तो सीकर जिले में राजस्थान में सबसे ज्यादा प्याज होता है. पूरे जिले में नहीं केवल रसीदपुरा, झीगर, भूकरान का बास और आसपास के 2 दर्जन गांव है जहां आधे राजस्थान के जितना प्याज पैदा होता है. सीकर जिले की बात करें तो यहां पर हर साल करीब 20000 हेक्टेयर में प्याज की बुवाई होती है. हर साल करीब 70 लाख क्विंटल प्याज पैदा होता है. प्याज की बुवाई के वक्त और खुदाई के वक्त यहां चारों तरफ केवल खेतों में प्याज की प्याज नजर आता है. इस वक्त प्याज की बुवाई चल रही है और हर तरफ खेतों में प्याज लगाने वाले मजदूर ही नजर आ रहे हैं.
किसान प्याज का पूरा लाभ नहीं ले पाता है
इतने बड़े स्तर पर उत्पादन होने के बाद भी यहां का किसान प्याज का वह लाभ नहीं ले पाता है जो उसे मिलना चाहिए. हर साल करीब 400 करोड़ रुपये का कारोबार होता है लेकिन फिर भी किसान को उतना फायदा नहीं हो पाता है. स्टोरेज की व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है. सरकार ने रसीदपुरा गांव में स्पेशल प्याज मंडी तो बना दी लेकिन यहां केवल प्याज बिकता है. स्टोरेज की व्यवस्था नहीं है. इस वजह से किसानों के सामने जब प्याज आता है तो उसे स्टोर करने बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है. प्याज की बुवाई में जुटा किसान इस बार इस उम्मीद में है कि उसे अच्छे भाव मिलेंगे और प्याज का अच्छा उत्पादन होगा.
गत बार लागत मूल्य भी नहीं मिल पाया था
पिछले साल प्याज के भाव काफी कम रहे और किसानों को लागत का मूल्य भी पूरा नहीं मिल पाया. शुरुआत में मार्च के महीने में जब प्याज बाजार में आया तो वह 15 किलो बिक रहा था. लेकिन बाद में यह 3 से 4 प्रति किलो पर पहुंच गया. इस वजह से किसानों को खासा नुकसान हुआ. किसानों का कहना है कि सरकार उनके लिए इस तरह की व्यवस्था करें कि प्याज उत्पादक किसानों को राहत मिले और उन्हें परेशानी नहीं उठानी पड़े.
भाव नहीं मिलने की वजह से प्याज खेतों में ही सड़ गया था
गत बार बाहर के इलाके में प्याज की बुवाई बहुत ज्यादा हुई थी. प्याज की पैदावार भी बंपर हुई थी. लेकिन प्याज की ज्यादा बुवाई की वजह से किसानों के सामने चारे का संकट खड़ा हो गया था और प्याज के भाव भी नहीं मिले. भाव नहीं मिलने की वजह से प्याज खेतों में ही सड़ गया था. इस वजह से माना जा रहा है कि इस बार तकरीबन 5 हजार हेक्टर में बुवाई कम होगी. ऐसे में अगर बुवाई कम होती है तो बाजार में प्याज कम आएगा और लोगों के सामने भी प्याज के भाव को लेकर संकट खड़ा होगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: Agriculture producers, Onion Production, Rajasthan news, Sikar newsFIRST PUBLISHED : November 14, 2022, 15:52 IST