आज भी इस जगह पर राधा-कृष्ण झूला झूलते हैं दोनों के विवाह का सबूत भी मौजूद!
आज भी इस जगह पर राधा-कृष्ण झूला झूलते हैं दोनों के विवाह का सबूत भी मौजूद!
Sanket Van Mathura: मथुरा से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर संकेत वन स्थित है. इस वन को कृष्ण राधा की महारास स्थल भी कहा जाता है. यहां आज भी राधे कृष्ण के विवाह के साक्ष्य आपको मिलते हैं. राधा कृष्ण की विवाह वेदी शीला के बारे में जानकारी देते हुए इंद्रदेव महाराज ने बताया कि वह प्रतिरूप राधा कृष्ण के विवाह की है.
निर्मल कुमार राजपूत /मथुरा: ब्रज की माटी राधा कृष्ण की रासलीलाओं के गुणगान करती है. यहां राधे कृष्ण की भक्ति में सराबोर ब्रज का कण-कण नजर आता है. कहीं भगवान श्री कृष्ण ने राधा के साथ रास रचाया, तो कहीं राधा को झूला झुलाया. भगवान श्री कृष्ण के राधा के साथ विवाह की एक शीला आज भी मौजूद है. जिस पर विवाह का वर्णन लिखा हुआ है.
राधा ही कृष्ण है और कृष्ण ही राधा है. कृष्ण के बिना राधा और राधा के बिना कृष्ण दोनों ही अधूरे हैं. ब्रज का कण-कण राधे कृष्ण की भक्ति में लीन रहता है. यहां का जर्रा-जर्रा राधे कृष्ण की भक्ति करता है. कृष्ण राधे के बिना नहीं चल सकते और राधा कृष्ण के बिना. अनेक लीलाएं ब्रज में कृष्ण ने राधा के साथ की. यहां पर कृष्ण ने राधा के साथ गुप्त विवाह किया, तो एक स्थान ऐसा है जहां आज भी राधा कृष्ण के विवाह का वर्णन एक शीला पर लिखा हुआ है.
राधा-कृष्ण के विवाह का साक्ष्य
मथुरा से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर संकेत वन स्थित है. इस वन को कृष्ण राधा की महारास स्थल भी कहा जाता है. यहां आज भी राधे कृष्ण के विवाह के साक्ष्य आपको मिलते हैं. राधा कृष्ण की विवाह वेदी शीला के बारे में जानकारी देते हुए इंद्रदेव महाराज ने बताया कि वह प्रतिरूप राधा कृष्ण के विवाह की है. इस जिला पर ब्रह्मा जी ने राधा कृष्ण के विवाह का वर्णन किया है. राधा कृष्ण के शिला के आज भी संकेत वन में साक्ष्य मौजूद हैं. कहा जाता है कि यहां भगवान श्री कृष्ण राधा को झूला झूलते थे. उसी स्थान पर थोड़ा आगे राधा कृष्ण का महारास स्थल भी बना हुआ है.
इस झूले पर भगवान श्री कृष्ण और राधा आकर झूलती थी झूला
इंद्रदेव महाराज ने यह भी बताया कि राधा और कृष्ण की विवाह वेदी पत्थर की शिला पर अंकित है. संकेत वन के पुजारी कोमल दास ने पाषाण काल के झूला और विवाह वेदी शिला की जानकारी देते हुए बताया कि यह वह झूला है, जहां भगवान श्री कृष्ण और राधा आकर झूला करती थी. आज भी ऐसा कहा जाता है कि राधा और कृष्ण के यहां आने का आभास लोगों को होता है. इसी झूले पर राधा और कृष्ण झूलते हैं. जब भगवान कृष्ण और राधा का विवाह हुआ था, तो ब्रह्मा के द्वारा इस विवाहवेदी शिला पर उनके विवाह का वर्णन किया है. इसी प्रांगण में रास स्थल भी मौजूद है. जहां राधा और कृष्ण गोपियों के साथ राज किया करते थे.
Tags: Local18, Mathura hindi news, Religion 18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 1, 2024, 10:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed