बारिश का कमाल पांचना बांध हुआ निहाल पहली बार लगातार 25 दिन से खुले हैं गेट

Karauli News : करौली जिले के पांचना बांध ने इस बार नया रिकॉर्ड बना दिया है. इलाके में हो रही बारिश के कारण बीते 25 दिनों से बांध के गेट लगातार खुले हैं. बांध के 19 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब इतने लंबे समय तक बांध के गेट लगातार खुले हुए हैं.

बारिश का कमाल पांचना बांध हुआ निहाल पहली बार लगातार 25 दिन से खुले हैं गेट
करौली. करौली जिले का सबसे बड़ा पांचना बांध इलाके में हो रही बारिश के कारण लगातार ओवरफ्लो हो रहा है. बांध के 19 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि बीते 25 दिनों से इसके गेट लगातार खुले हुए हैं. यह दीगर बात है कि समय-समय पर उनकी संख्या घटती बढ़ती रही है. पांचना बांध से पानी गंभीर नदी में छोड़ा जाता है. पांचना बांध की कुल भराव क्षमता 2100 एमसीएफटी है. पांचना बांध का निर्माण करीब 125 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है. करौली जिले में इस बार जबर्दस्त बारिश हुई. लगातार हुई भारी बारिश के कारण करौली और हिंडौन सिटी समेत कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए थे. बांध के कैचमेंट एरिया में हुई बारिश से यह बांध अगस्त माह की शुरुआत में लबालब हो गया था. उसके बाद इस सीजन में पहली बार 1 अगस्त को पांचना बांध के दो गेट खोल कर पानी की निकासी शुरू की गई थी. 5 अगस्त को गेट वापस बंद कर दिए गए थे. इसके बाद क्षेत्र में लगातार अच्छी बारिश के होने के कारण दूसरी बार 8 अगस्त को बांध के तीन गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू की गई. 8 अगस्त से लेकर आज तक लगातार पांचना बांध के गेट खुल हुए हैं और पानी की निकासी जारी है. बांध से पानी निकासी के लिए 7 गेट बनाए गए हैं सिंचाई विभाग के अधिकारी बताते हैं कि यह बांध के 19 साल के इतिहास में पहला मौका है जब लगातार 25 दिनों से बांध के गेट खुले हुए हैं. जल संसाधन विभाग अधिशासी अभियंता सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि इस बांध का निर्माण मांड क्षेत्र में सिंचाई के लिए किया गया था. इस बांध यूं तो निर्माण 1978 में हो गया था. लेकिन तब इस बांध को मिट्टी की पाल से बनाया गया था. बाद में इसे पक्का बनाया गया. बांध का निर्माण 2005 में पूरा हुआ था. बांध से पानी निकासी के लिए 7 गेट बनाए गए हैं. बांध में मछली पालन खूब होता है इस बांध का निर्माण लगभग 3 दर्जन गांवों की 10 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए किया गया था. इसके लिए यहां 130 किलोमीटर लंबी नहरें भी बनाई गई थी. लेकिन उनमें केवल एक बार ही पानी छोड़ा गया था. 2006 से बांध से सिंचाई के लिए नहरों में निकासी नहीं हो सकी है. इसकी वजह है स्थानीय ग्रामीणों का विरोध. बांध के ओवरफ्लो होने पर समय-समय गंभीर नदी में पानी छोड़ा जाता है. इस बांध के कारण करौली शहर और आसपास के क्षेत्र जल स्रोत रिचार्ज हो रहे है. बांध में मछली पालन खूब होता है. 2016 में बांध के सभी 7 गेट एक साथ खोले गए थे बांध से इस बार अब तक रिकॉर्ड 6299 एमसीएफटी पानी की निकासी की जा चुकी है. बांध निर्माण से लेकर अब तक पहली बार इतनी मात्रा में पानी की निकासी की गई है. इस बांध को देखने के लिए कई लोगों का मजमा लगा रहता है. साल 2016 में बांध के सभी 7 गेट एक साथ खोले गए थे. इस बार छह गेट एक साथ खोले गए. बाद में इनकी संख्या कम ज्यादा होती रही. अभी बांध का एक गेट खुला हुआ है. Tags: Big news, Karauli news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : September 2, 2024, 10:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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