जालोर में 20 दिन से सड़कों पर डटे हैं किसान अब बनाएंगे नई रणनीति जानें सबकुछ

Jalore Kisan Andolan : जालोर में अपनी मांगों को लेकर बीते 20 दिनों से जिला मुख्यालय पर महापड़ाव डाले बैठे किसानों को अब 37 विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और स्वयंसेवी संस्थाओं का समर्थन मिल चुका है. इससे अब यह आंदोलन और मजूबत हो गया है. पढ़ें ताजा अपडेट.

जालोर में 20 दिन से सड़कों पर डटे हैं किसान अब बनाएंगे नई रणनीति जानें सबकुछ
रेवाशंकर रावल. जालोर. राजस्थान के जालोर जिला मुख्यालय पर चल रहा किसान आंदोलन दिन प्रतिदिन मजबूत हो जा रहा है. जवाई बांध से पानी की मांग को लेकर जालोर जिले के हजारों किसान 20 से दिन से पड़ाव डाले हुए बैठे हैं. भारतीय किसान संघ के बैनर तले कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन महापड़ाव रविवार को 20वें दिन भी जारी है. किसानों को अब 37 विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और स्वयंसेवी संस्थाओं का समर्थन मिल चुका है. किसानों का लगातार बढ़ रहा समर्थन सूबे की भजनलाल सरकार के लिए सिरदर्द बन सकता है. किसानों की मांग है कि जवाई नदी को पुनर्जीवित किया जाए और जवाई बांध के पानी में जालोर जिले के किसानों का हक तय किया जाए. 20 दिन के आंदोलन और महापड़ाव के बावजूद अभी तक किसानों की मांगों पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है. किसान सरकार की तरफ से सकारात्मक पहल का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें अभी तक वार्ता का बुलावा नहीं मिला है. इससे किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. शनिवार रात को किसानों ने जवाई नदी के नाम का 1008 जप किया. Jalore Kisan Andolan : राजस्थान में सरकार पर भारी पड़े किसान, पुलिस प्रशासन को चकमा देकर जाम कर दिया पूरा जालोर शहर गांवों में चलाया जा सकता है जनसंपर्क अभियान चलाया सूत्रों के अनुसार अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आने के कारण अब किसान नेता नए तरीके से रणनीति बनाने में जुटे हैं. इसके तहत अब वे आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने में जुट गए हैं. इसके लिए जल्द ही गांवों में जनसंपर्क अभियान चलाया जाने पर विचार किया जा रहा है. इसके साथ ही आंदोलन को और अधिक आक्रामक बनाने की रणनीति बनाई जा रही है. किसान नेता गुपचुप अपनी तैयारियों में जुटे हैं. किसान पहले भी पुलिस प्रशासन को चकमा दे चुके हैं जालोर में आंदोलनकारी किसान पहले भी गुपचुप रणनीति बनाकर पुलिस प्रशासन को चक्करघनी कर चुके हैं. किसानों ने आंदोलन के तहत करीब 10 दिन पहले रैली का आयोजन किए जाने का आह्वान किया तो पुलिस प्रशासन अलर्ट हो गया था और उसे रोकने का प्लान बनाया था. लेकिन किसान पुलिस प्रशासन से तेज पड़े और उन्होंने जालोर में बेरिकेडिंग करने से पहले ही रात के अंधेरे में एक हजार से ज्यादा ट्रैक्टर जालोर शहर में घुसा दिए थे. इससे उस दिन पूरा जालोर जाम रहा. Tags: Big news, Farmer movement, Kisan AandolanFIRST PUBLISHED : December 8, 2024, 10:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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