पायलट बनाम गहलोत: राजस्थान के सियासी संकट को 1 महीना पूरा हुआ खड़गे के आने के बाद फिर गरमाएगा!
पायलट बनाम गहलोत: राजस्थान के सियासी संकट को 1 महीना पूरा हुआ खड़गे के आने के बाद फिर गरमाएगा!
Rajasthan Political Crisis Update: राजस्थान की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दूसरे सियासी संघर्ष को 25 अक्टूबर को एक माह पूरा हो चुका है. इस एक महीने के दौरान कई मोड़ से होकर गुजरे गहलोत बनाम पायलट सियासी संघर्ष को लेकर फिलहाल शांति छाई हुई है. लेकिन आज कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) पदभार संभालेंगे. माना जा रहा है कि उसके बाद राजस्थान की सीएम की कुर्सी को लेकर सियासत एक बार फिर से गरमा सकती है. पढ़ें ताजा अपडेट.
हाइलाइट्स25 सितंबर 2022 को उठा था राजस्थान में सियासी बंवडरराजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर हुआ था बड़ा घमासानफिलहाल शांति छाई हुई है लेकिन अब इसके फिर गरमाने के आसार हैं
जयपुर. राजस्थान के दूसरे सियासी संकट (Political crisis of rajasthan) को आए हुए एक महीना पूरा हो गया है. सचिन पायलट (Sachin Pilot) को सत्ता से दूर रखने के लिए जिस तरह से सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) समर्थक अधिकांश विधायकों ने आलाकमान के एक लाइन के प्रस्ताव को ठुकराकर अपने इस्तीफे स्पीकर को सौंपे वो प्रदेश की राजनीति में पहले कभी नहीं देखने को मिला. 25 सितंबर 2022 को उठा हुआ सियासी बंवडर फिलहाल शांत है. लेकिन थमा नहीं है. इस बंवडर की शांति के पीछे बड़ा कारण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव था. अब चुनाव हो चुके हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे नए अध्यक्ष चुन लिए गए हैं. खड़गे आज कार्यभार संभालेंगे. माना जा रहा है कि उसके बाद राजस्थान की सीएम की कुर्सी की फाइल फिर खुलेगी और मरुधरा की राजनीति में फिर गरमाहट आएगी.
इस एक महीने के दौरान राजस्थान की राजनीति में कई मोड़ आए. पायलट समर्थक बगावत पर कार्रवाई की बाट जोह रहे हैं और गहलोत समर्थक निश्चिंत दिखाई दे रहे हैं. दरअसल राजस्थान में कांग्रेस के सत्ता आने के बाद से ही मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई शुरू हो गई थी. कुर्सी के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे सचिन पायलट को पछाड़कर राजनीति के जादूगर माने जाने वाले अशोक गहलोत कुर्सी पर काबिज हुए. लेकिन उसके बाद से ही लगातार दोनों नेताओं और उनके समर्थकों में सत्ता संघर्ष जारी है.
राजस्थान कांग्रेस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ ऐसा ड्रामा
साल 2020 में पायलट इसी कुर्सी के लिए पार्टी से बगावत करके मानेसर चले गए थे. करीब एक माह के लंबे समय के बाद आलाकमान और पायलट समर्थकों में सहमति बनी. लेकिन एक बार फिर एक माह पहले यानि 25 सितंबर 2022 को प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में जो कुछ हुआ उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. राजस्थान कांग्रेस के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब पार्टी आलाकमान से आया एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं हो सका. उसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली जाकर सोनिया गांधी से माफी भी मांगी.
सियासी पारा अभी ठंडा नहीं हुआ है अंदर ही अंदर गरमा रहा है
बाद में गहलोत खेमे के तीन नेताओं मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेन्द्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस भी जारी हुए. लेकिन उसके बाद कांग्रेस में शांति छाई हुई है. दोनों खेमे चुप हैं. बयानबाजियों पर रोक लगी हुई है. लेकिन सियासी पारा अभी ठंडा नहीं हुआ है. यह बात दीगर है कि वह अब सड़कों पर नहीं आ रहा है बल्कि अंदर ही अंदर सुलग रहा है.
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Tags: Ashok Gehlot Vs Sachin Pilot, Jaipur news, Mallikarjun kharge, Rajasthan Congress, Rajasthan news, Rajasthan PoliticsFIRST PUBLISHED : October 26, 2022, 09:16 IST