सरिस्का की राजमाता ST-2 हुई बीमार: पैरों में मिले गहरे घाव हालात चिंताजनक निगरानी में लिया
सरिस्का की राजमाता ST-2 हुई बीमार: पैरों में मिले गहरे घाव हालात चिंताजनक निगरानी में लिया
बाघिन मछली की बेटी एसटी-2 की तबीयत हुई खराब: सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) की राजमाता (Queen Mother) के नाम से मशहूर बाघिन एसटी-2 के पंजों में गहरे घाव हो गये हैं. यह प्रसिद्ध बाघिन मछली की बेटी है. करीब 17 साल की इस बाघिन के स्वास्थ्य को लेकर वन विभाग चिंतित है. हालांकि उसका इलाज किया जा रहा है लेकिन उसकी उम्र को देखते हुये वन विभाग खासा परेशान है.
हाइलाइट्सराजमाता बाघिन एसटी-2 कई दिनों से सरिस्का के खास इलाकों में नजर नहीं आ रही थीबाघिन एसटी-2 को वन विभाग ने एक हैक्टेयर के विशेष एनक्लोजर में निगरानी में रखा है
जयपुर. सरिस्का टाइगर रिजर्व (Sariska Tiger Reserve) की उम्रदराज बाघिन एसटी-2 की तबीयत खराब हो गई है. सरिस्का टाइगर रिजर्व की राजमाता (Queen Mother) कही जाने वाले बाघिन का इलाज किया जा रहा है लेकिन उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है. बाघिन के पंजों में गहरे जख्म मिले हैं. उन्हें साफ किया गया गया है. वन विभाग को बाघिन मंगलवार को राजगढ़ वन क्षेत्र के कूंचा में रास्ते पर बैठी दिखाई दी थी. कई घंटों तक एक ही स्थान पर बैठे रहने के बाद बाघिन के अस्वस्थ होने की बात सामने आई. इस पर उसका इलाज शुरू किया गया.
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक विभाग की जयपुर टीम ने सरिस्का पहुंचकर बाघिन को ट्रेंक्यूलाइज किया. बाद में उसके जख्मों पर दवा लगाई गई. उसके बाद उसे एक हैक्टेयेर के एनक्लोजर में निगरानी में रखा गया है. बाघिन एसटी-2 रणथंभौर की विख्यात बाघिन मछली की बेटी है. सरिस्का में बाघों को फिर शिफ्ट करने के बाद सबसे पहले इसी बाघिन ने यहां पर शावकों को जन्म दिया था. उसके बाद तीन बार ये मादा शावकों को जन्म दे चुकी है.
बाघिन एसटी-2 सरिस्का के खास इलाकों में नजर नहीं आ रही थी
पिछले कुछ समय से बाघिन एसटी-2 सरिस्का के खास इलाकों में नजर नहीं आ रही थी. लंबे अरसे से इसे पर्यटन क्षेत्र में भी नहीं देखा गया था. युवा बाघों द्वारा बाघिन को पिछले इलाके में पुश कर दिया गया था. बाघिन को बहोश करने के बाद वन विभाग की टीम ने इसे एक छोटे पिंजरे में लिया और राजगढ़ वन क्षेत्र के कूंचा से लेकर गोाला का बास के पास बने एनक्लोजर में शिफ्ट कर दिया है.
वन विभाग को थी इस बात की फिक्र
वन विभाग को इस बात की फिक्र थी कि बाघिन बुजुर्ग होने की वजह से इलाज के लिए बेहोश करने के बाद होश में आएगी या नहीं. लेकिन खुशकिस्मती ये रही कि बाघिन होश में आ गई. होश में आने के बाद उसने लड़खड़ाते हुये कुछ देर चहलकदमी भी की. वन विभाग का कहना है कि बाघिन उम्र 17 से 18 साल के बीच है. बाघिन के जख्म कैसे हुए ये बताना अभी मुश्किल है.
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Tags: Alwar News, Jaipur news, Rajasthan news, Tiger reserve newsFIRST PUBLISHED : August 11, 2022, 12:07 IST