जयपुर ग्रेटर नगर निगम: चाकू से कुरेद-कुरेदकर हटाया BJP की बर्खास्त महापौर सौम्या गुर्जर का नाम
जयपुर ग्रेटर नगर निगम: चाकू से कुरेद-कुरेदकर हटाया BJP की बर्खास्त महापौर सौम्या गुर्जर का नाम
BJP Mayor Soumya Gurjar sacked: जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर को बर्खास्त करने के बाद निगम कार्यालय में लगी उनकी नेमप्लेट से उसी दिन चाकू (Knife) से कुरेद-कुरेदकर हटा दिया गया. इसका पता चलते ही बीजेपी आक्रामक हो गई. निगम के उप महापौर ने नेमप्लेट से नाम हटाने के तरीके को लेकर आपत्ति जताते हुए आयुक्त कर पत्र लिखा है. अब इस मसले पर राजनीति गरमा गई है.
हाइलाइट्ससौम्या गुर्जर को मेयर पद से मंगलवार को बर्खास्त किया गया थाउप महापौर पुनीत कर्नावट बोले यह अभी अंतिम फैसला नहीं है
जयपुर. जयपुर ग्रेटर नगर निगम की बर्खास्त की गई बीजेपी की महापौर सौम्या गुर्जर (Soumya Gurjar) की नेमप्लेट ऑफिस से हटा दी गई है. अब नेमप्लेट से नाम हटाने के तरीके को लेकर राजनीति गरमा गई है. जयपुर ग्रेटर नगर निगम (Jaipur Greater Municipal Corporation) के उप महापौर पुनीत कर्णावट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई है. उप महापौर ने इस संबंध में आयुक्त को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. बताया जा रहा है कि सौम्या गुर्जर की महापौर पद से बर्खास्ती के आदेश आते ही उनके ऑफिस के बाहर लगे उनके नाम को तत्काल चाकू से कुरेद-कुरेद कर हटा दिया गया.
इस पर उप महापौर पुनीत कर्णावट ने नाराजगी जताते हए कहा कि यह घटना अशोभनीय और निंदनीय है. नाम को हटाने की इतनी जल्दबाजी आखिर क्यों है? लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुनी महापौर को हटाया गया है लेकिन वह अंतिम आदेश नहीं है. न्यायिक फोरम पर उसे चुनौती भी दी जाएगी. वहीं अंतिम विजय होगी. महापौर के कक्ष के बाहर से नाम हटाने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
महापौर को मंगलवार को बर्खास्त किया गया था
वहीं बर्खास्त के आदेश होने के बाद डॉक्टर सौम्या ने कहा की उन्हें मीडिया के माध्यम से बर्खास्तगी के आदेश का पता चला है. उन्होंने कहा की संघर्ष ही मेरा जीवन है. यह जारी रहेगा. राजस्थान की जनता पूरा मामला जानती है. 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने के बाद सरकार को कोर्ट ने 2 दिन तक कार्रवाई नहीं करने का समय दिया था. सोमवार को छुट्टी के दिन सुप्रीम कोर्ट का दिया गया समय पूरा हो गया था. इसके बाद स्वायत्त शासन विभाग ने मंगलवार को महापौर को पद से बर्खास्त करने का प्रस्ताव तैयार करके नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के पास भिजवा दिया था.
सौम्या गुर्जर के पास अभी एक विकल्प बचा है
उस पर धारीवाल ने हस्ताक्षर करके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. मंत्री से मिली मंजूरी के बाद स्वायत्त शासन विभाग ने मंगलवार को आदेश जारी कर मेयर को पद से बर्खास्त करते हुए उन्हें अगले 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया है. पद से बर्खास्त होने के बाद सौम्या गुर्जर के पास अब केवल हाईकोर्ट जाने का विकल्प बचा है. विधि विशेषज्ञ अशोक सिंह की मानें तो सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश जारी किए हैं उसके तहत मेयर सौम्या गुर्जर न्यायिक जांच की रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चैलेंज कर सकती है. उनके पास अब यही एक विकल्प है.
4 जून 2021 को शुरू हुआ था पूरा मामला
दरअसल यह वाकया साल 2021 से जुड़ा हुआ है. 4 जून 2021 को नगर निगम मुख्यालय में महापौर के कक्ष में बैठक चल रही थी. उसमें तत्कालीन सीईओ यज्ञमित्र देव सिंह और पार्षद मौजूद थे. आरोप था कि किसी फाइल पर हस्ताक्षर करने को लेकर पार्षदों और अधिकारियों के बीच में विवाद हो गया था. पार्षदों की सीईओ के साथ में काफी बहस हुई और धक्का-मुक्की हुई. इसके बाद कमिश्नर या सीईओ ने महापौर और पार्षदों के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
सौम्या गुर्जर ने मामले में हाईकोर्ट में दी थी चुनौती
5 जून को सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए महापौर और पार्षदों के खिलाफ मिली शिकायत की जांच स्वायत शासन विभाग को सौंप दी. उसकी रिपोर्ट में चारों को दोषी माना गया और इसके आधार पर तीन पार्षदों को पहले निलंबित कर दिया गया था. तब सरकार ने शील धाबाई को कार्यवाहक महापौर बना दिया था. निलंबन के फैसले के बाद सौम्या गुर्जर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन 28 जून को हाईकोर्ट ने मेयर को निलंबित किए जाने के आदेश पर स्टे देने से मना कर दिया था. फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी|
Tags: BJP Congress, Jaipur nagar nigam, Jaipur news, Rajasthan news, Rajasthan PoliticsFIRST PUBLISHED : September 28, 2022, 11:04 IST