Barmer: पार्किंग में गाड़ी फंसने पर अब QR स्कैन कर मालिक से कर सकेंगे संपर्क जानें क्या है खास
Barmer: पार्किंग में गाड़ी फंसने पर अब QR स्कैन कर मालिक से कर सकेंगे संपर्क जानें क्या है खास
पार्किंग में फंसे वाहन पर लगे अत्याधुनिक क्यूआर कोड को स्कैन कर उसके मालिक को फोन कर सकेंगे. यह ऐप बनाने वाले जयपुर के पारितोष भास्कर का कहना है कि विक्र है तो क्या फिक्र है, विक्र यानी व्हीकल अडेन्टिफिकेशन क्विक रेस्पॉस. वाहन पर लगे क्यूआर कोड को व्यक्ति अपने फोन से जैसे ही स्कैन करेगा वैसे ही एक विंडो खुल जाएगी. इसमे कॉल नाउ, और कॉल इमरजेंसी नाम के दो विकल्प आ जाएंगे
मनमोहन सेजू
बाड़मेर. महानगरों की तर्ज पर अब राजस्थान के बाड़मेर जिले में विशेष क्यूआर कोड (QR Code) से दुर्घटना जैसी स्थिति में परिवार से आसानी से संपर्क किया जा सकेगा. इसके साथ ही पार्किंग में फंसे वाहनों को निकालने के लिए क्यूआर कोड स्कैन कर वाहन मालिक को कॉल कर सकते हैं. जयपुर निवासी परितोष भास्कर ने अनूठी पहल कर एक वेब एप्लिकेशन तैयार की है.
महानगर हो या फिर छोटे शहर… अक्सर पार्किंग स्थल पर लोग एक वाहन के आगे अपनी गाड़ी खड़ी कर चले जाते हैं. इसके बाद पीछे खड़े वाहन के मालिक के पास उनका इंतजार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं होता. ऐसे में कई बार वाहनचालकों के बीच झगड़े तक की नौबत आ जाती है. जयपुर के पारितोष भास्कर ने इस समस्या का समाधान करने के लिए एक अनूठी वेब एप्लिकेशन बनाई है. इसमें न केवल पार्किंग स्थल, बल्कि सड़क दुर्घटना के समय परिजनों से तत्काल संपर्क करने में भी मददगार होगी. आपके शहर से (बाड़मेर) राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब बाड़मेर जयपुर अजमेर उदयपुर कोटा अलवर चित्तौड़गढ़ चूरू जैसलमेर जोधपुर झालावाड़ झुंझुनूं टोंक डूंगरपुर दौसा धौलपुर नागौर पाली पुष्कर प्रतापगढ़ बांसवाड़ा बाड़मेर बारां बीकानेर भरतपुर भीलवाड़ा राजसमन्द सवाई माधोपुर सीकर हनुमानगढ़ सिरोही बूंदी करौली जालोर श्रीगंगानगर
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पार्किंग में फंसे वाहन पर लगे अत्याधुनिक क्यूआर कोड को स्कैन कर उसके मालिक को फोन कर सकेंगे. ऐप बनाने वाले पारितोष भास्कर का कहना है कि विक्र है तो क्या फिक्र है, विक्र यानी व्हीकल अडेन्टिफिकेशन क्विक रेस्पॉस. वाहन पर लगे क्यूआर कोड को व्यक्ति अपने फोन से जैसे ही स्कैन करेगा वैसे ही एक विंडो खुल जाएगी. इसमे कॉल नाउ, और कॉल इमरजेंसी नाम के दो विकल्प आ जाएंगे.
पारितोष का कहना है कि कॉल नाउ पर क्लिक करने पर सीधा वाहन मालिक को फोन जाएगा, लेकिन वाहन मालिक का नंबर फोन पर नहीं दिखाई देगा. यह कॉल सॉफ्टवेयर के माध्यम से जाएगी जिससे लोगों की निजता भी बनी रहेगी. अभी तक करीब 2,500 वाहनों पर स्टिकर लगाए जा चुके हैं. वहीं, इस एप्लिकेशन को इंप्रूव किए हुए चार महीने ही हुए हैं और इसको बनाने के लिए छह-सात महीने लगे हैं. इसे बनाने का अनुमानित खर्च पांच लाख रुपये आया है.
पार्किंग के अलावा यह क्यूआर कोड इमरजेंसी में भी सहायक रहेगा. क्यूआर कोड लगे वाहनों का एक्सीडेंट हो जाने पर उसे स्कैन कर इमरजेंसी कॉल पर फोन किया जा सकता है. फोन कार मालिक की ओर से दिए गए इमरजेंसी नंबर पर जाएगा. इसके लिए दोपहिया वाहन चालकों को 399 रुपये, चौपहिया वाहन चालकों को 499 रुपये और बस व ट्रक के लिए 599 रुपये खर्च करने होंगे. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पारितोष भास्कर के इस एप्लेलिकेशन की सराहना कर चुके हैं.
सरहदी जिले बाड़मेर में इसको लागू करने के लिए पारितोष भास्कर ने जिला कलेक्टर लोकबंधु यादव, नगर परिषद आयुक्त योगेश आचार्य से मिलकर वाहनों पर स्टिकर लगाने को लेकर आह्वान किया है.
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Tags: Barmer news, Car Parking New Rules, Mobile Application, Rajasthan news in hindiFIRST PUBLISHED : November 15, 2022, 13:42 IST