महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से पहले दांवपेच का खेल शिवसेना ने बुलाई जिला प्रमुखों की अहम बैठक
महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट से पहले दांवपेच का खेल शिवसेना ने बुलाई जिला प्रमुखों की अहम बैठक
Shiv sena party chiefs meeting: महाराष्ट्र में एक तरफ एकनाथ शिंदे सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले दांवपेच का खेल जारी है. शिंदे गुट ने उद्धव ठाकरे खेमे के 16 विधायकों के निलंबन की मांग कर दी है. इस बीच शिवसेना भवन में पार्टी के सभी जिला प्रमुखों की अहम बैठक बुलाई गई है.
मुंबईः महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे सरकार के फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही के बीच शिवसेना ने अपने सभी जिला प्रमुखों की बैठक बुलाई है. ये बैठक मुंबई में शिवसेना भवन में होगी. ये बैठक ऐसे समय बुलाई गई है, जब फ्लोर टेस्ट से पहले शिवसेना के दोनों गुटों में दांवपेच जारी हैं. शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने उद्धव ठाकरे गुट के 16 विधायकों को निलंबित करने की अर्जी विधानसभा अध्यक्ष को दी है. इन 16 विधायकों पर स्पीकर चुनाव में पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है.
इससे पहले, स्पीकर बनते ही राहुल नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे गुट के चीफ व्हिप सुनील प्रभु और शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी को हटा दिया. स्पीकर कार्यालय द्वारा जारी पत्र के मुताबिक, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया गया है. विधायकों को लेकर उठापटक के बीच एनसीपी नेता शरद पवार का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में नवगठित सरकार अगले छह महीनों में गिर सकती है, इसलिए सभी को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए.’ एएनआई के मुताबिक, शरद पवार के बयान का समर्थन करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि यह (बीजेपी-शिंदे गठबंधन) टेंपरेरी अरेंजमेंट है. वो जनता के पास जाने लायक नहीं रहेंगे.
दरअसल शिवसेना की तरफ से जिला प्रमुखों की बैठक बुलाए जाने को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि हाल तक पार्टी के तमाम पदाधिकारी और जिला प्रमुख उद्धव ठाकरे का समर्थन करते रहे थे. उद्धव के सीएम की कुर्सी से उतरने के बाद पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों का कितना समर्थन उनके साथ रहेगा, ये देखने की बात रहेगी. लेकिन शिंदे की बगावत के दौरान शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने खुलकर उद्धव का समर्थन किया था. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शिवसेना के सभी सांसद, विधायक, जिला प्रमुख और वरिष्ठ नेता शामिल रहते हैं.
इनके अलावा शिवसेना संगठन में अध्यक्ष के बाद 12 अहम पदों में से शिंदे को छोड़कर बाकी 11 में से किसी नेता ने उद्धव के खिलाफ बागी तेवर नहीं दिखाए थे. शिवसेना सांसदों में बागी एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे और भावना गवली के अलावा किसी सांसद ने उद्धव का विरोध नहीं किया था. शायद इसकी वजह महाराष्ट्र की 14 महानगर पालिकाओं, 208 नगर परिषद, 13 नगर पंचायतों में होने वाले चुनाव हैं.
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Tags: Eknath Shinde, Maharashtra, Shiv sena, Uddhav thackerayFIRST PUBLISHED : July 04, 2022, 11:19 IST