किसी भी महिला के लिए मां बनने का अहसास काफी ख़ास होता है. बच्चे को मां अपने गर्भ में नौ महीने तक पालती है. इस दौरान महिला अपने बच्चे से गर्भ में ही बातें करती है. जब नौ महीना पूरा हो जाता है तो डॉक्टर्स की मदद से बच्चा इस दुनिया में आता है. पहले के जमाने में आया की मदद से महिलाओं की डिलीवरी करवाई जाती थी. पहले के खानपान की वजह से महिलाएं ज्यादातर घरों में नॉर्मल डिलीवरी से बच्चे पैदा करती थी. लेकिन अब अस्पताल में सर्जरी की मदद से ज्यादातर डिलीवरी करवाई जाती है.
पहले प्रेग्नेंसी में महिलाएं घरों में ही रहती थी. उन्हें डॉक्टर्स के पास नहीं ले जाया जाता था. लेकिन अब लोग समझदार हो गए हैं. प्रेग्नेंसी में कोई कॉम्प्लिकेशन ना हो, इसकी वजह से रेगुलर चेकअप करवाया जाता है. लेकिन सोशल मीडिया पर एक महिला डॉक्टर्स ने आज भी प्रेग्नेंसी में लापरवाही बरतने वाले लोगों का वीडियो शेयर किया. इसमें घरवालों ने नौ महीने तक पेट में दर्द ना उठने पर गर्भवती को अस्पताल नहीं पहुँचाया. इसकी कीमत बच्चे ने जान गंवा कर चुकाई.
अट्ठारह दिन बाद आए अस्पताल
डॉक्टर ने वीडियो में महिला की प्रेग्नेंसी ड्यूरेशन बताई. महिला को नौ महीने पूरे होने के बाद भी लेबर पेन शुरू नहीं हुआ था. उसके ससुराल वालों ने उसे डॉक्टर को दिखाना जरुरी नहीं समझा. जब बिना दर्द के अट्ठारह दिन बीत गए, तब जाकर महिला को अस्पताल लाया गया. लेकिन तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी. बच्चा गर्भ में सड़ने लगा था, जिसे डॉक्टर्स ने सर्जरी के जरिये मृत बाहर निकाला. View this post on Instagram
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ना करें ये गलती
डॉक्टर ने लोगों को अवेयर करने के लिए इस वीडियो को शेयर किया. उसने लोगों को सलाह दी कि कभी भी नौ महीने के बाद वेट ना करें. अगर समय बीत गया है और दर्द नहीं उठा है, तब भी अस्पताल जायें. नौ महीने के बाद बच्चे के गर्भ में मरने के चान्सेस काफी बढ़ जाते हैं. डॉक्टर ने कहा कि इस स्थिति में तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए. ताकि बच्चे की जान बचाई जा सके.
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Tags: Ajab Gajab, Child death, Shocking news, Woman deliveryFIRST PUBLISHED : May 1, 2024, 14:58 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed