बिना परीक्षा दिए भी बन सकते हैं IAS जानें क्या है लैटरल एंट्री

What is Lateral Entry: लैटरल एंट्री के तहत, यूपीएससी परीक्षा पास किए बिना भी योग्य और अनुभवी पेशेवर आईएएस या समकक्ष पदों पर नियुक्त हो सकते हैं. इसके लिए उम्मीदवारों को विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि प्रबंधन.....

बिना परीक्षा दिए भी बन सकते हैं IAS जानें क्या है लैटरल एंट्री
रिपोर्ट- रजनीश यादव प्रयागराज: इन दिनों लैटरल एंट्री को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. संसद सत्र में भी इसकी प्रक्रिया और कार्यशैली पर भी जवाब मांगा गया है. ऐसे में आम लोगों के मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि क्या यूपीएससी परीक्षा पास किए बिना ही आईएएस बनना संभव है. देश के प्रतिष्ठित सिविल सेवा में शामिल होना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इसके लिए संघ लोक सेवा आयोग की कठिन परीक्षा पास करना जरूरी होता है. हालांकि, हाल के वर्षों में सरकार ने सिविल सेवाओं में “लैटरल एंट्री” के माध्यम से भी कुछ पदों पर भर्ती शुरू की है. यह प्रक्रिया उन अनुभवी पेशेवरों के लिए एक सुनहरा मौका है, जो बिना परीक्षा दिए आईएएस या अन्य उच्च पदों पर नियुक्त हो सकते हैं. क्या है लैटरल एंट्री? सिविल सेवा के जानकार एवं शिक्षक सीबीपी श्रीवास्तव ने बताया कि लैटरल एंट्री का मतलब है कि सरकारी सेवाओं में बाहरी अनुभवी पेशेवरों को सीधे उच्च पदों पर नियुक्त किया जाता है, खासकर नीति निर्धारण और प्रशासनिक कार्यों में. यह प्रक्रिया विशेष रूप से संयुक्त सचिव और निदेशक स्तर के पदों के लिए होती है जो आमतौर पर यूपीएससी के माध्यम से चयनित आईएएस अधिकारियों द्वारा भरे जाते हैं. बिना परीक्षा दिए कैसे बन सकते हैं आईएएस? लैटरल एंट्री के तहत, यूपीएससी परीक्षा पास किए बिना भी योग्य और अनुभवी पेशेवर आईएएस या समकक्ष पदों पर नियुक्त हो सकते हैं. इसके लिए उम्मीदवारों को विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि प्रबंधन, अर्थशास्त्र, इंजीनियरिंग, विज्ञान, कानून, और अन्य संबंधित विषयों में कम से कम 10 से 15 साल का कार्यानुभव होना चाहिए. कौन सी पढ़ाई करनी जरूरी? लैटरल एंट्री के लिए कोई विशिष्ट शैक्षणिक पृष्ठभूमि आवश्यक नहीं है लेकिन, निम्नलिखित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा और कार्यानुभव होना फायदेमंद हो सकता है. प्रबंधन, अर्थशास्त्र, इंजीनियरिंग, विज्ञान, कानून, लोक प्रशासन. अधिकांश उम्मीदवारों के पास मास्टर डिग्री या इससे उच्च शिक्षा होती है और उनके पास सरकारी या निजी क्षेत्र में प्रबंधन, नीति निर्माण, या अन्य उच्चस्तरीय प्रशासनिक कार्यों का अनुभव होता है. एक्सपर्ट के अनुसार नियम और कानून लैटरल एंट्री के तहत नियुक्तियों के लिए निम्नलिखित नियम और प्रक्रिया का पालन किया जाता है: योग्यता और अनुभव: उम्मीदवार को संबंधित क्षेत्र में कम से कम 10 से 15 साल का अनुभव और उच्च शिक्षा (मास्टर या डॉक्टरेट) होनी चाहिए. आवेदन प्रक्रिया: लैटरल एंट्री के तहत पदों के लिए केंद्र सरकार द्वारा विज्ञापन जारी किए जाते हैं. योग्य उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. चयन प्रक्रिया: आवेदकों को उनके अनुभव, शैक्षणिक योग्यता, और अन्य संबंधित कौशल के आधार पर शॉर्टलिस्ट किया जाता है. इसके बाद, इंटरव्यू और अन्य आकलनों के माध्यम से अंतिम चयन किया जाता है. कॉन्ट्रैक्ट आधारित नियुक्ति: लैटरल एंट्री के तहत चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति आमतौर पर कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर होती है, जो 3 से 5 साल के लिए होती है.प्रदर्शन के आधार पर इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 18:21 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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