विकाश कुमार/चित्रकूट: धर्मनगरी चित्रकूट प्रभु श्री राम की तपोस्थली रही है. क्योंकि वनवास काल के दौरान प्रभु श्री राम ने साढ़े ग्यारह वर्ष माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ यही पर व्यतीत किया था. ऐसे में हम धर्म नगरी से आपको एक ऐसे स्थान के बारे में बताने जा रहे हैं.जहां वनवास काल के दौरान माता सीता स्नान और अपना श्रृंगार किया करती थीं. जहां आज भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
जानकी कुंड की दिलचस्प कहानी
चित्रकूट के सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय के पास स्थित जानकी कुंड मौजूद है. यही वो कुंड है जिसमें माता सीता पानी लेकर स्नान किया करती थीं. वहीं, कुंड के पास बने एक स्नानघर में वह श्रृंगार किया करती थीं.बता दें कि माता सीता के पाव इतने कोमल थे कि जहां वह अपना श्रृंगार किया करती थीं. जमीन उनके पाव से कोमल हो गई और आज भी उनके श्रृंगार करने के जगह में उनके चरण चिन्ह मौजूद है. जिसके दर्शन के लिए भक्त दूर दूर से इस कुंड के पास पहुंचते है.
पुजारी ने दी जानकारी
मंदिर के पुजारी राम अवतार दास ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि जब प्रभु श्री राम को वनवास कल हुआ था. तब प्रभु श्री राम चित्रकूट आए हुए थे. तभी से माता-पिता इस कुंड में स्नान किया करती थीं. उन्होंने साढ़े ग्यारह वर्ष अपने वनवास काल में इसी कुंड में स्नान किया है. अपने हाथों से बने यज्ञ विधि में वह हवन पूजन किया करती थीं. जिसका प्रमाण आज भी चित्रकूट के जानकी कुंड मंदिर में मौजूद है.
माता सीता के चरण चिन्ह के निशान आज भी मौजूद
पुजारी ने जानकारी देते हुए बताया कि माता सीता कुंड में स्नान करने के बाद बगल में बने स्थान में श्रृंगार किया करती थीं. उनके पांव इतने कोमल थे कि पत्थर भी उनके पांव से कोमल हो गए. जहां वह श्रृंगार किया करती थीं,उनके चरण चिन्ह इस पत्थर की शिला में छप गए इसका चिन्ह आज भी वहां पर मौजूद है. जिसके दर्शन के लिए लोग यहां इस मंदिर में आते हैं.
Tags: Dharma Aastha, Local18FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 16:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed