प्रयागराज में शीतलाअष्टमी पर मां कल्याणी देवी के धाम में लगेगा मेला

Sheetla Ashtami:संगम नगरी प्रयागराज के कल्याणी देवी मंदिर के पुजारी ने बताया कि हिंदू धर्म में शीतला सप्तमी और अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है. इस दिन मां कल्याणी देवी का श्रृंगार सोना-चांदी के आभूषण, बेला, गुलाब के पुष्प और फलों द्वारा किया जाता है.

प्रयागराज में शीतलाअष्टमी पर मां कल्याणी देवी के धाम में लगेगा  मेला
रजनीश यादव/प्रयागराज: शीतला अष्टमी पर देवी मंदिरों में मां की आराधना होती है. ऐसे में महाशक्ति पीठ मां कल्याणी देवी जी के मंदिर में आषाढ़ कृष्ण शीतला अष्टमी के अवसर पर शनिवार को विशाल मेला एवं मां कल्याणी का भव्य श्रृंगार किया जाएगा. मंदिर के अध्यक्ष पंडित सुशील कुमार पाठक ने बताया कि मां कल्याणी देवी का श्रृंगार सोना-चांदी के आभूषण, बेला, गुलाब के पुष्प तथा आम एवं लीची के फलों के द्वारा किया जाएगा. वहीं, शाम 6 बजे से रात्रि 12 बजे तक मां कल्याणी देवी जी का भव्य श्रृंगार दर्शन होगा. महिलाएं रखती हैं व्रत पंडित सुशील कुमार पाठक ने बताया कि शीतला अष्टमी पर माताएं अपने पुत्रों की मंगल कामना के लिए सप्तमी का व्रत रखती हैं और अष्टमी को बसिऔटा (ठंडा भोजन) मां कल्याणी को अर्पण कर स्वयं भी बासी भोजन ग्रहण करती है. शनिवार को अष्टमी के पर्व पर मां कल्याणी की मंगला आरती के पश्चात सुबह 5 बजे मंदिर का पट खुलेगा, जो दोपहर 2 बजे तक दर्शन पूजन का क्रम चलता रहेगा. जहां मां कल्याणी का महाअभिषेक के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ होगा. वहीं, मंदिर के मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने बताया कि शनिवार को शीतला अष्टमी के दिन मंदिर प्रांगण में शाम 7 बजे से महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन का आयोजन किया जाएगा एवं प्रसाद वितरण होगा. साथ ही मध्य रात्रि तक मां कल्याणी देवी का भव्य दर्शन भक्तों को प्राप्त होता रहेगा. प्रमुख शक्तिपीठों में से हैं एक प्रयागराज के पुराने शहर में स्थित मां कल्याणी देवी मंदिर देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक हैं. प्रयागराज में देश के 51 शक्तिपीठों तीन प्रमुख शक्तिपीठ आलोक शंकरी देवी, मां ललितेश्वर देवी एवं कल्याणी देवी शामिल हैं. ऐसी मान्यता है कि जब महाराजा दक्ष के यहां पार्वती का अपमान होता है और वह अग्निकुंड में कूद कर अपने शरीर का त्याग कर देती हैं. इस घटना से नाराज भगवान शिव दक्ष क्या हो रहे यज्ञ को तहस-नहस कर मां पार्वती की शरीर को लेकर तीनों लोकों में घूमने लगते हैं. इससे ब्रह्मांड में हाहाकार मच जाता है. तब देवताओं के निवेदन पर भगवान विष्णु अपने सुदर्शन चक्र द्वारा मां पार्वती के शरीर को 51 टुकड़ों में विभाजित कर देते हैं. जहां-जहां मां सती के अंग गिरे वहां आज प्रमुख शक्तिपीठ स्थित है. Tags: Allahabad news, Local18, Prayagraj Latest News, Prayagraj News TodayFIRST PUBLISHED : June 28, 2024, 11:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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