80 साल पुराने मदरसे में पहुंची पुलिस अंदर हो रही थी पैसों की बारिश

Prayagraj Latest News: यूपी के प्रयागराज में 80 साल पुराना एक मदरसा है. उस मदरसे में लगभग 105 बच्चें पढ़ते हैं. जब पुलिस उस मदरसे में पहुंची तो अंदर नकली नोट बनाने की मशीन मिली. जिसे देख पुलिस के होश उड़ गए. आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है.

80 साल पुराने मदरसे में पहुंची पुलिस अंदर हो रही थी पैसों की बारिश
प्रयागराज. यूपी की संगम नगरी प्रयागराज में बुधवार को पुलिस ने एक मदरसे में नकली नोट छापने का कारखाना पकड़ा था. पुलिस ने मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम में नकली नोट छापने वाले गैंग के चार अभियुक्तों को भी गिरफ्तार किया था. नकली नोट छापने वाले गैंग में मदरसे का कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन भी शामिल है. इसके अलावा मोहम्मद अफजल, मोहम्मद साहिद और मास्टर माइंड जाहिर खान उर्फ अब्दुल जाहिर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इसका खुलासा सिविल लाइन्स थाना पुलिस ने किया है. अतरसुइया इलाके में स्थित मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम को लेकर न्यूज 18 की जांच पड़ताल में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. 1940 में स्थापित आठ दशक पुराना यह मदरसा बिना रजिस्ट्रेशन के ही अवैध तरीके से चल रहा था. इस मदरसे में दीनी तालीम यानि मजहबी शिक्षा देने के लिए कोई मान्यता भी नहीं ली गई थी. इस मामले में करीब 2 साल पहले ही जांच के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी गई थी. मदरसे के अवैध रूप से संचालित होने की रिपोर्ट भेजे जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. हालांकि जामिया हबीबिया मदरसा सरकार से भी कोई आर्थिक मदद भी नहीं ले रहा था. मदरसे के संचालकों ने जांच टीम को बताया था कि वहां सिर्फ धार्मिक शिक्षा दी जाती है. जेलर को आया कॉल, उठाते ही फूले हाथ-पांव, किसने किया था फोन? नाम सुनते ही पुलिस के उड़े होश प्रयागराज के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी के मुताबिक रजिस्ट्रेशन और मान्यता नहीं होने से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग सीधे तौर पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकता है. हालांकि रजिस्ट्रेशन होने पर इसकी मान्यता रद्द की जा सकती थी. इसके अलावा सरकार से मिलने वाली आर्थिक सहायता रोकी जा सकती थी. नकली नोट छापे जाने के खुलासे के बाद इस मदरसे पर कार्रवाई अब जिला और पुलिस प्रशासन को करनी होगी. जांच में और तथ्य आने पर मदरसे को सील किया जा सकता है या फिर उस पर बुलडोजर एक्शन हो सकता है. अगर पहले ही रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई कर दी गई होती तो इस मदरसे में नकली नोट छापने की देश विरोधी गतिविधि संचालित नहीं हो सकती थी. प्रयागराज पुलिस के सनसनीखेज खुलासे के बाद अब दूसरी एजेंसियां भी आरोपियों से पूछताछ कर सकती हैं. उनके विदेशी और आतंकी कनेक्शन की आशंका के बारे में जानकारी जुटा सकती हैं. पुलिस ने बुधवार को ही मदरसे से नकली नोट छापे जाने के मामले का खुलासा किया था. पुलिस ने मदरसे के कार्यवाहक प्रिंसिपल और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने यहां से सौ सौ रुपए के 1300 नकली नोट और इन्हें छापने के उपकरण बरामद किए थे. मदरसे में 105 बच्चे पढ़ रहे वहीं इस खुलासे के बाद मदरसे में भी हड़कंप मचा हुआ है. मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम में पिछले 25 वर्ष से क्लर्क का कार्य देख रहे मोहम्मद अतीक के मुताबिक, मदरसे में 105 बच्चे पढ़ रहे हैं. उनके मुताबिक, अस्सी साल पुराने मदरसे का कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन उड़ीसा का रहने वाला है. वह भी इसी मदरसे का पूर्व छात्र रहा है. कार्यवाहक प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के पिता मोहम्मद आशिकुर्रहमान भी इस मदरसे के प्रिंसिपल रहे हैं. मदरसे में लोग हैरान 2021 में उनके इंतकाल के बाद बेटे मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीनको कार्यवाहक प्रिंसिपल बनाया गया था. उनका कहना है कि उन्हें नकली नोट छापने की कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि ऊपरी हिस्से में कार्यवाहक प्रिंसिपल अपनी मां के साथ रहता था. वहीं मदरसे के व्यवस्थापक तौसीफ के मुताबिक, उन्हें भी नकली नोट छापने की कोई जानकारी नहीं थी. हालांकि नकली नोट छापने की फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद मदरसे के लोग भी हैरान और परेशान हैं. Tags: Prayagraj News, UP newsFIRST PUBLISHED : August 29, 2024, 16:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed