कीमोथेरेपी को आसान बनाएगा लचीला इंडोस्कोप MNIT के छात्र ने तैयार किया फार्मूल

Prayagraj News: कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में किए जाने वाले कीमोथेरेपी में अब मरीजों को दर्द नहीं सहना होगा. इसके लिए एमएनआईटी के गणित विभाग के शोधार्थी मोहम्मद रोशन ने एक लचीले एंडोस्कोपी का फार्मूला तैयार किया है.

कीमोथेरेपी को आसान बनाएगा लचीला इंडोस्कोप MNIT के छात्र ने तैयार किया फार्मूल
रजनीश यादव /प्रयागराज: लगातार स्वास्थ्य क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से सुधार देखने को मिल रहा है. नई-नई तकनीक से गंभीर रोगों का इलाज संभव हो पा रहा है. स्वास्थ्य क्षेत्र में जब से नैनो टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाने लगा है, तब से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में भी चीर फाड़ करने की जरूरत नाम मात्र की होने लगी है. ऐसा ही प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के शोध छात्र ने कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में की जाने वाली कीमोथेरेपी पर शोध पत्र जारी किया है. मोतीलाल नेहरू सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रोफेसर प्रमोद कुमार यादव के निर्देशन में गणित विषय में शोध कर रहे मोहम्मद रोशन का एक शोध पत्र चाइनीस जर्नल में प्रकाशित किया गया है. इसे लेकर मोहम्मद रोशन बताते हैं कि उनके द्वारा तैयार किए गए इस फार्मूले से नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से किए जाने वाले कीमोथेरेपी में अब मरीजों को काफी राहत मिलेगी. क्योंकि इस तरह होने वाली एंडोस्कोपी में रिजिड बॉडी की वजह से मरीज को काफी दर्द सहना पड़ता है. लेकिन, इस फार्मूले का प्रयोग कर एक लचीला एंडोस्कोपी तैयार किया जा सकता है, जिससे कीमोथेरेपी में होने वाले दर्द से मरीज को राहत मिलेगी. टार्गेटेड ड्रग डिलीवरी में मिलेगी सफलता प्रोफेसर प्रमोद कुमार यादव बताते हैं कि शोध छात्र मोहम्मद रोशन के द्वारा किए गए इस प्रयास से अब कैंसर जैसी गंभीर बीमारी एवं हार्ट अटैक में होने वाली एंजियोग्राफी में भी इस फार्मूले का प्रयोग तकनीक में किया जा सकता है. यह फ्लैक्सिबल होता है, जो बीमारी को टारगेट कर वहां तक आसानी से दवा पहुंचने में मदद करेगा. वहीं, लचीलापन होने की वजह से बीमारी के आसपास मूव भी कर सकता है. खास बात यह है कि इस एंडोस्कोपी के द्वारा आसपास की हेल्थ कोशिका को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. या अपने लक्षित जगह पर ही जाकर उन खराब कोशिकाओं को हटाने का काम करेगा. ऐसे निर्धारित करते हैं शोध का विषय प्रमोद कुमार यादव बताते हैं कि हमारे यहां आने वाले नए शोधार्थियों को दो कैटेगरी में बांट दिया जाता है. इनमें से एक बायो फ्लुएड मैकेनिक्स एवं दूसरा एयरोनॉटिक्स होता है. शोधार्थियों को इनसे संबंधित शोध के बारे में पहले से रिसर्च हो चुके पेपर को देकर बताया जाता है. फिर वह अपनी सुरक्षा अनुसार टॉपिक को सेलेक्ट करते हैं. उनके द्वारा सेलेक्ट किए टॉपिक पर हमारे द्वारा पूरा सहयोग किया जाता है. आगे बताते हैं कि हमारे शोध छात्रों के इसी प्रयास को देखते हुए इटली में होने वाले डॉक्टर सम्मेलन में शोध विषय पर विचार साझा करने के लिए आमंत्रित भी किया गया है. 50 से अधिक शोध विषयों पर पेटेंट वहीं मोतीलाल नेहरू सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के पीआरओ विकास श्रीवास्तव बताते हैं कि हमारे यहां लगातार किसी न किसी विषय पर शोध चलते रहते हैं. एवं उनके शोध पत्र विभिन्न देशों के जर्नल में प्रकाशित होते रहते हैं. यहां के प्रोफेसर के द्वारा छात्रों का शोध विषय में भरपूर सहयोग किया जाता है, जिसका परिणाम यहां से 50 से अधिक शोध विषयों पर पेटेंट भी कराया जा चुका है. Tags: Health, Local18, Prayagraj Latest NewsFIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 11:15 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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