इस बाबा के सामने पिस्तौल भी नहीं करती थी काम वैज्ञानिक नहीं बता पाए उम्र

Devraha Baba: देवरहा बाबा के शिष्य बाबा के सामने पिस्टल लगाकर आए. बाबा ने पूछा यह लौह यंत्र क्या है. शिष्य ने बताया कि पिस्टल है जो हमारी सुरक्षा के लिए है. इस पर उन्होंने....

इस बाबा के सामने पिस्तौल भी नहीं करती थी काम वैज्ञानिक नहीं बता पाए उम्र
रिपोर्ट- रजनीश यादव प्रयागराज: उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जिला वैसे तो तपस्वियों की भूमि रहा है. इस तपोस्थली पर अनेकों सिद्ध पुरुष हुए. उनमें से एक थे देवराहा बाब जिनका आश्रम उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में सरयू नदी के तट पर स्थित है लेकिन वह प्रयागराज से खास लगाव रखते थे. देवरहा बाबा रहस्य बनकर ही इस दुनिया से चले गए जिनकी उम्र ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक भी नहीं बता पाए थे. प्रयागराज से रहा खास लगाव देवरहा बाबा ने महर्षि पतंजलि के योग दर्शन और उनकी योग विद्या को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने इस विद्या के माध्यम से अष्ट सिद्धि और नव निधि को प्राप्त कर लिया और हमेशा योग दर्शन के माध्यम से ब्रह्मलीन ही रहते थे. ऐसा माना जाता है कि उनका ईश्वर से तार हमेशा जुड़ा रहता था. आज भी उनका आश्रम भारत सहित देश-विदेश में फैला हुआ है. उत्तर प्रदेश में ही विंध्याचल देवरिया प्रयागराज एवं वृंदावन में देवरहा बाबा के विशाल आश्रम मौजूद हैं. प्रयागराज से उनका खास लगाव हमेशा रहा और वह प्रत्येक वर्ष माघ मेला और कुंभ के दौरान मकर संक्रांति के पहले ही गंगा के किनारे अपना आश्रम लगते थे. जहां वह 10 फीट ऊंचे मचान पर बैठकर तपस्या करते थे. इस 10 फीट ऊंचाई में आधा झोपड़ी हुआ करता था और आधा ऊपर खुला रहता था. ऑक्सफोर्ड के वैज्ञानिक भी नहीं बता पाये उम्र देवरहा बाबा के शिष्य स्वामी रामेश्वर प्रपन्नाचार्य बताते हैं कि हमारे गुरु देवराहा बाबा एक रहस्य बनकर रह गए. आज तक उनकी उम्र सही कोई नहीं बता पाया था. बताते हैं कि 1976 में महाकुंभ के दौरान ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कुछ वैज्ञानिक मेले में आए हुए थे. उस दौरान इलाहाबाद विश्वविद्यालय के बॉटनी विभाग के प्रोफेसर डॉ परिहर के सामने ही वैज्ञानिकों ने उनकी उम्र बताने के लिए उन पर कई इंस्ट्रूमेंट का प्रयोग किया. उनके सैंपल लिए लेकिन उनका इंस्ट्रूमेंट बाबा के ऊपर काम नहीं किया. बताते हैं कि देवराहा बाबा ने कह दिया था कि आपका उपकरण हमारे परिसर के बाहर काम करेगा. हमारा शरीर ईश्वर के द्वारा दी हुया है और उन्हीं के द्वारा वापस भी लिया जाएगा. प्रपन्नाचार्य बताते हैं कि उस समय वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थी थे. उन्होंने देखा कि वैज्ञानिकों का कैमरा और अन्य उपकरण ब्लैंक हो गया था. ऐसे ही देवरहा बाबा के शिष्य रहे शैलजा कांत मिश्रा जो कि वर्तमान में मथुरा प्राधिकरण के उपाध्यक्ष हैं वह भी बाबा के सामने पिस्टल लगाकर आए. बाबा ने पूछा यह लौह यंत्र क्या है. शैलजा ने बताया कि पिस्टल है जो हमारी सुरक्षा के लिए है. इस पर उन्होंने बाबा के कहने पर पिस्तौल से गोली चलानी चाही लेकिन उनकी पिस्तौल की सभी गोलियां मिस हो गईं और पिस्तौल चली ही नहीं. बाबा ने बताया कि आपका पिस्टल हमारे परिसर के बाहर ही काम करेगा. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 24, 2024, 12:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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