विपरीत धर्म में आस्था रखने वाले ऐसे कर सकते हैं शादी हाई कोर्ट का फैसला
विपरीत धर्म में आस्था रखने वाले ऐसे कर सकते हैं शादी हाई कोर्ट का फैसला
UP News : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसले में कहा निश्चित ही शादी का करार अवैध है, लेकिन विशेष विवाह अधिनियम किसी को बिना धर्म बदले विवाह बंधन में बंधने से प्रतिबंधित नहीं करता है.
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि निश्चित ही शादी का करार अवैध है. लेकिन विशेष विवाह अधिनियम किसी को बिना धर्म बदले विवाह बंधन में बंधने से प्रतिबंधित नहीं करता है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि विपरीत धर्म में आस्था रखने वाले जोड़े विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी कर सकते हैं.
कोर्ट ने कहा है कि शादी के लिए धर्म बदलना जरूरी नहीं है. कोर्ट ने पुलिस को विपक्षी से याचियों की सुरक्षा करने का निर्देश दिया है और अपनी सदाशयता दिखाने के लिए याचियों से विशेष विवाह कानून के तहत शादी कर दस्तावेज कोर्ट में दाखिल करने का आदेश दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी.
बिना धर्म परिवर्तित किए विशेष विवाह कानून के तहत शादी
यह आदेश जस्टिस ज्योत्सना शर्मा की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता श्रीमती सुनीता रानी व अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याचियों का कहना है कि दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं. पति-पत्नी की तरह लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं. वह दोनों बालिग है और वे बिना धर्म परिवर्तित किए विशेष विवाह कानून के तहत शादी करना चाहते हैं. जबकि विपक्षी से उनकी सुरक्षा को खतरा है.
शादी का करार ताकी मिल सके सुरक्षा
बिना सुरक्षा के वे स्वतंत्र जीवन नहीं बिता सकते. इसलिए उन्हें सुरक्षा दी जाये. याचियों का कहना है कि वे धर्म परिवर्तन नहीं करेंगे और बिना धर्म बदले शादी कर पति-पत्नी के रूप में रहना चाहते हैं. वहीं सरकारी वकील ने कहा कि याचीगण ने शादी का करार किया है, जिसे कानूनी मान्यता नहीं है. इसलिए उन्हें सुरक्षा नहीं दी जा सकती है.
Tags: Allahabad high court, Allahabad High Court Order, Allahabad news, Hindi news, Hindi samachar, Up news indiaFIRST PUBLISHED : May 31, 2024, 15:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed