सांप के काटने पर भूलकर भी न करें यह काम वरना जा सकती है जान जानें सलाह
सांप के काटने पर भूलकर भी न करें यह काम वरना जा सकती है जान जानें सलाह
सर्पदंश की स्थिति में घाव में चीरा लगा कर जहर निकालने का प्रयास न करें. जहर चूसने के लिए अपने मुंह का प्रयोग न करें. सांप के काटने पर बर्फ न लगाएं, क्योंकि बर्फ रक्त संचार को अवरुद्ध कर सकती है.
वसीम अहमद /अलीगढ़. अकसर बरसात में सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं. जुलाई से सितंबर के बीच अब तक अलीगढ़ जिले में सर्पदंश की लगभग 250 घटनाएं हो चुकी हैं. इसमें छह लोगों की मौत हो चुकी है. हाल ही मे लोधा में हुई सर्पदंश की घटना में पिता-पुत्र की मौत हो गई थी और गोरई में एक बालक, अकराबाद में महिला, गोंडा में बालक सहित एक अन्य की मौत हो चुकी है. इन घटनाओं में पीड़ित की जान बचाने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है.
जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व व दैवीय आपदा प्रभारी मीनू राणा ने बताया कि सर्पदंश से तंत्रिका तंत्र व मस्तिष्क पर असर दिखता है.आंखों में धुंधलापन, बेहोशी आना, सर्पदंश वाले स्थान पर तेज दर्द होना, उल्टी महसूस होना, पसीना आने लगता है. कुछ भी खाने-पीने व निगलने और बोलने में कठिनाई होती है. सांस लेने में तकलीफ होती है. मसूडों में रक्त आना, सूजन होना, सर्पदंश के स्थान पर लाल-लाल धब्बे होना, प्रभावित अंग पर जलन, दर्द, पेट में अत्यधिक दर्द प्रमुख लक्षण हैं.रक्तस्राव हो सकता है.
जहरीले सर्प की पहचान
मीनू राणा ने कहा कि यदि सर्प विषैला होगा, तो सर्पदंश की स्थिति में शरीर में दो निशान बने होते हैं. जहरीले सर्प के दांतों के निशान शरीर में 2 से 7 मिमी. तक गहरे हो सकते हैं. सर्प यदि जहरीला नहीं होगा तो शरीर में छोटे-छोटे कई निशान बने होंगे, जो ज्यादा गहरे नहीं होंगे. विषैले सर्प के सिर की बनावट त्रिकोण आकार की होती है और विषविहीन सर्प के सिर की बनावट लंबी होती है.
क्या करें
उन्होंने बताया कि घाव को साफ पानी व साबुन से धोएं. तत्काल 1081070112 पर कॉल कर सूचना दें. सर्पदंश वाले अंग को स्थिर रखें. पीड़ित व्यक्ति का सिर ऊंचा कर लिटाएं. प्रभावित अंग को हृदय के स्तर से नीचे रखें. तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाएं, ताकि एंटीस्नेक वेनम (एएसवी) का इंजेक्शन लग सके. सर्पदंश की स्थिति में प्रारंभिक 30 मिनट से लेकर तीन घंटे का समय जीवन रक्षक होता है. पीड़ित व्यक्ति को आश्वस्त करें कि लगभग 80 से 90 प्रतिशत सांप विषैले नहीं होते हैं. प्रभावित अंग के आसपास यदि अंगूठियां, घड़ी, आभूषण, जूते व तंग कपड़े हों तो उन्हें हटा दें, ताकि शरीर में रक्त की आपूर्ति न रुके. सांप काटने का समय नोट करें, ताकि जरूरत पड़ने पर डॉक्टर को बता सकें.
सर्पदंश की स्थिति में घाव में चीरा लगा कर जहर निकालने का प्रयास न करें. जहर चूसने के लिए अपने मुंह का प्रयोग न करें. सांप के काटने पर बर्फ न लगाएं, क्योंकि बर्फ रक्त संचार को अवरुद्ध कर सकती है. सांप काटने पर झाड-फूंक करने वाले से इलाज कराने में समय बर्बाद न करें.
Tags: Health tips, Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 15:14 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed