कम पैसों में बच्चों का इलाज करते हैं विकास दिलचस्प है डॉक्टर बनने की कहानी
कम पैसों में बच्चों का इलाज करते हैं विकास दिलचस्प है डॉक्टर बनने की कहानी
डॉक्टर विकास मल्होत्रा बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही बच्चों से बेहद प्यार और लगाव है. तब उन्होंने अपने जीवन में ठान लिया था कि उन्हें बच्चों का ही डॉक्टर बनना है. भविष्य में उनका सपना है कि बच्चों का एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल खोलें. क्योंकि, बच्चों में भी कैंसर होता है और यहां अलीगढ़ में इसका कोई इलाज नहीं है.
अलीगढ़ /वसीम अहमद: अलीगढ़ के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ विकास मल्होत्रा ने कामयाबी की इबारत लिखी है. डॉ विकास मल्होत्रा एक साधारण परिवार से आते हैं. लेकिन, छोटे बच्चों के प्यार और स्नेह की ललक ने इन्हें डॉक्टर बना डाला. ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जब कोई बच्चों के स्नेह में इतना खो जाए कि वह बच्चों का डॉक्टर ही बन बैठे. जनपद अलीगढ़ के जाने-माने डॉक्टर में शामिल डॉक्टर विकास मल्होत्रा बाल रोग विशेषज्ञ हैं. डॉ विकास मल्होत्रा ने न जाने अपने जीवन में अब तक कितने बच्चों की जान बचाई है. और इतना ही नहीं, बल्कि बेसहारा और गरीब बच्चों का निशुल्क इलाज भी करते हैं. इसलिए डॉ विकास मल्होत्रा अपने काम के अलावा अपने नाम के लिए भी जाने जाते हैं.
जानकारी देते हुए डॉक्टर विकास मल्होत्रा बताते हैं कि वह अलीगढ़ जिले में मैरिस रोड स्थित किलकारी हॉस्पिटल पिछले 25 सालों से चला रहे हैं. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से 1989 मे एमबीबीएस किया. आगे उन्होंने बताया कि उन्हें बचपन से ही बच्चों से बेहद प्यार और लगाव है. तब उन्होंने अपने जीवन में ठान लिया था कि उन्हें बच्चों का ही डॉक्टर बनना है. क्योंकि छोटे बच्चे ऐसे होते हैं कि वह अपनी बात को बता नहीं सकते. बच्चों को अगर बुखार है या वह भूखा है तो भी वह रोएगा. बच्चों के डॉक्टर होने के नाते हमें समझना होता है कि बच्चा हमसे क्या कहना चाहता है. यही बच्चों के प्रति लगाव था, जो मैंने डिसाइड किया कि मुझे बच्चों का ही डॉक्टर बनना है. इसलिए पीडियाट्रिक में उन्होंने 1994 मे jnmc से एमडी किया. उसके बाद दिल्ली गंगा राम अस्पताल से मैं क्रिटिकल केयर का कोर्स किया.
कम पैसों में नवजात का इलाज
विकास मल्होत्रा आगे बताते हैं कि उनकी माता जी का भी यह सपना था कि वह बच्चों के लिए कुछ करें. क्योंकि, जो बच्चे अपनी बीमारी के चलते बड़े-बड़े अस्पतालों में इलाज नहीं करा पाते. ऐसे लोगों के लिए ही सुविधाओं को कम पैसों में देने के लिए अलीगढ़ में वह प्रयास करते रहते हैं. उनके लिए हर एक नवजात स्पेशल होता है. आगे बताया कि उन्हें अच्छा लगता है कि वह सेकंड जेनरेशन का इलाज कर रहा हैं. जिन बच्चों का मैंने इलाज किया आज उनके बच्चों का भी इलाज में ही कर रहा हूं. मैं समझता हूं कि यह अपने आप में गर्व की बात है. कई बार ऐसा भी हुआ है जब मैं अपने बच्चों के स्कूल पेरेंट्स मीटिंग में शामिल हुआ. तब मेरे बगल में वही बच्चा बैठा, जिसका मैंने नवजात अवस्था में इलाज किया था. मैं समझता हूं कि इससे बड़ी खुशी जीवन में और कोई नहीं हो सकती. मैं एक मध्यम वर्ग परिवार से हूं. मेरे पिता स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में सर्विस पर थे. उस समय सभी लोग साइकिल से चला करते थे. मैं परिवार में सबसे बड़ा हूं, मेरे दो छोटे भाई हैं. एक इंजीनियर है तो दूसरा एमसीए का स्टूडेंट है. मेरी पत्नी भी महिलाओं की डॉक्टर है.
सबसे बड़ा हथियार है शिक्षा
उनका मानना है कि शिक्षा सबसे बड़ा हथियार होता है आपके जीवन में तरक्की पाने के लिए. भविष्य में उनका सपना है कि बच्चों का एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल खोलें. क्योंकि, बच्चों में भी कैंसर होता है और यहां अलीगढ़ में इसका कोई इलाज नहीं है. इसलिए मेरा सपना है कि यहां मल्टी केयर हॉस्पिटल खुले, जिससे बच्चों को पर्याप्त इलाज मिल सके.
Tags: Aligarh news, Local18, Medical18, UP newsFIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 11:54 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed