लैपटॉप और मोबाइल के इस्तेमाल से होती हैं ड्राई आंखें ऐसे पाएं राहत
लैपटॉप और मोबाइल के इस्तेमाल से होती हैं ड्राई आंखें ऐसे पाएं राहत
Dry Eye Syndrome: अगर आप लगातार कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप पर आंखें गड़ाए हुए हैं, तो आपको आंखों से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में एक ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या है. इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति के आंखो में आंसू बहुत ही कम बनता है. इसके साथ ही उसे पढ़ने में भी समस्या होती है.
अलीगढ़: आधुनिक दुनिया में लोग लगातार कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप, टीवी पर आंखें गड़ाए रहने से आंखों से जुड़ी कई समस्याएं लोगों में बढ़ती जा रही हैं. उन्हीं में से एक ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या है. इस बीमारी से आज अधिकतर लोग परेशान हैं. ड्राई आई सिंड्रोम में व्यक्ति की आंखों में सूखापन सा अहसास होने लगता है. यह समस्या तब होती है, जब आंखों में आंसू बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है. हालांकि ड्राई आई होने पर आंखों की रोशनी संबंधित कोई समस्या नहीं होती है. इसमें कई लक्षण भी नजर आते हैं, जिसे समय पर पहचानकर इलाज शुरू करा देना चाहिए.
जानें क्यों होती है ड्राई आई
एएमयू के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के प्रोफेसर मोहम्मद साकिब ने बताया कि आंखें ड्राई तब हो सकती हैं, जब आंसू बहुत जल्दी वाष्पित या इवैपोरेट हो जाते हैं या फिर आंखें बहुत कम आंसू का निर्माण करती हैं. यह समस्या मनुष्यों और कुछ जानवरों में आम है. यह एक या दोनों आंखों को प्रभावित कर सकता है और इससे सूजन हो सकती है.
हेल्दी आंखें हर समय करती हैं आंसुओं का निर्माण
उन्होंने बताया कि हेल्दी आंखें हर समय आंसू का निर्माण करती हैं. यह लगातार फ्लूइड से ढंकी होती हैं, जिसे टियर फिल्म कहा जाता है. यह इस तरह से डिजाइन किया गया है कि आप जब भी पलक झपकाएंगे ये स्थित रहते हैं. इससे आंखें ड्राई नहीं होती हैं और दृष्टि स्पष्ट होती है. यदि आंसू ग्रंथियां कम आंसू पैदा करती हैं, तो टियर फिल्म अस्थिर हो सकती है. यह जल्दी ही टूट सकता है, जिससे आंखों की सतह पर सूखे धब्बे बन सकते हैं.
मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद यह हो जाता है कॉमन
डॉक्टर ने बताया कि जब आंसू का निर्माण बहुत कम होने लगे, तो आंखें ड्राई हो जाती हैं. साथ ही दवाओं के सेवन, वातावरण फैक्टर्स, पलकों की समस्या से भी ड्राई आई की समस्या शुरू हो सकती है. यह बीमारी मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद होना बहुत कॉमन है.
डॉ. साकिब ने बताया कि ड्राई आई सिंड्रोम का सेंटर सिर्फ अलीगढ़ के जेएनएमसी में ही उपलब्ध है. इसके अलावा आसपास के कई जिलों तक यह सेंटर मौजूद नहीं है. इस केंद्र को स्थापित करने और इसका संचालन करने की जिम्मेदारी विभाग के अध्यक्ष अबदान खान, अमिताव, डॉ. अदीब आलम और डॉ. मोहम्मद साकिब की है.
पढ़ने में होती है परेशानी
डॉ. साकिब ने कहा कि ड्राई आई सिंड्रोम में आपको पढ़ने, देखने, स्क्रीन पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी महसूस हो सकती है. इस स्थिति में आपको आंख से पानी और दर्द महसूस होता है. ड्राई आई सिंड्रोम होने पर आंखों में दर्द की समस्या होती है. कई बार यह दर्द इतना तेज हो जाता है कि यह असहनीय महसूस होने लगता है. कई बार ऐसा लगता है कि आंख में कुछ फंसा हुआ है. ये भी ड्राई आई सिंड्रोम का एक लक्षण है.
स्क्रीन पर काम करते समय आंखों को देना चाहिए आराम
इसमें आपकी दृष्टि धुंधली पड़ सकती है. ये एक सीरियस कंडिशन होता है, लेकिन अगर समय पर इसका उपचार किया जाए तो समस्या दूर हो सकती है. साथ ही इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को स्क्रीन का इस्तेमाल कम से काम करना चाहिए. अगर बहुत जरूरी काम लैपटॉप या मोबाइल पर कर रहे हैं तो अगले 20 मिनट के बाद आंखों को कुछ देर का रेस्ट देना चाहिए. कुछ देर तक पलकों को बंद रखना चाहिए और कार्य करने के दौरान भी बीच-बीच में पलकों को झपकाते रहना चाहिए.
Tags: Aligarh news, Local18FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 17:16 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed