हार रे कलयुग! रिटायर बैंक मैनेजर और पत्नी को बेटे-बहू ने निकला घर से बाहर
हार रे कलयुग! रिटायर बैंक मैनेजर और पत्नी को बेटे-बहू ने निकला घर से बाहर
64 साल के उत्तम सिंह बैंक से मैनेजर की पोस्ट से रिटायर्ड. 50 हज़ार पेंशन पाते हैं. अपने कलयुगी बेटे की करतूत बताते ही रो पड़ते हैं. कैसे उनके बेटे और बहू ने दोनों पति-पत्नी को घर से मारपीट कर बाहर निकाल दिया.
आगरा: नम आंखों से अपनी बहू का फोटो दिखा कर आपनी आप बीती बताते बुजुर्ग दंपत्ति कोई साधारण परिवार से नहीं हैं. यह करोड़ों के मालिक हैं. कुछ दिनों पहले तक मारुति स्टेट स्थित लगभग 3 करोड़ की कोठी में रहते थे . बुजुर्ग उत्तम सिंह बैंक से मैनेजर की पोस्ट से रिटायर हुए . 50 हज़ार रुपये महीना पेंशन आती है. पूरी जिंदगी की कमाई अपने बेटे और बहू पर लुटा दी. लेकिन आखिर में उसी कलयुगी बेटे और बहू ने उन्हें धक्के मार कर घर से बाहर निकाल दिया. कई दिनों तक भीख मांग कर गुजारा किया. उसके बाद किसी की मदद से आगरा के रामलाल वृद्ध आश्रम पहुंचे. जहां पर दोनों बुजुर्ग दंपति अपनी व्यथा सुनाते- सुनते रो पड़ते हैं.
64 साल के उत्तम सिंह बैंक से मैनेजर की पोस्ट से रिटायर्ड. 50 हज़ार पेंशन पाते हैं. अपने कलयुगी बेटे की करतूत बताते ही रो पड़ते हैं. कैसे उनके बेटे और बहू ने दोनों पति-पत्नी को घर से मारपीट कर बाहर निकाल दिया. अब करोड़ों की आलीशान कोटी को छोड़कर रामलाल वृद्ध आश्रम में रहने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा, ‘बैंक से मिलने वाली पेंशन को भी बहू और बेटे हड़प लेते हैं. कुछ कहो तो झगड़ा करते हैं. बेटा शराबी है. शराब पीकर गाली गलौज करता है. इतना ही नहीं बहू के कहने पर मारपीट भी करता है’.
एक बेटे ने गृह प्रवेश के चलते कर ली आत्महत्या
उत्तम सिंह और उनकी पत्नी संघमित्रा मारुति स्टेट के रहने वाले है. आलीशान कोठी है. तीन बच्चे हैं. बड़े बेटे आशीष को शराब की लत है. 2017 में फिरोजाबाद की रहने वाली प्रीति से उसकी शादी हुई. दो पोते भी हैं. आशीष बहू के कहने में चलता है. शराब पीकर उन्हें मारता है. 2021 में उनका छोटा बेटा मनीष घर में झगड़े के चलते फांसी के फंदे पर झूल गया. एक बेटी है. उसको भी घर से बाहर निकाल दिया है.अब वह दिल्ली में रह रही है.
इंसाफ मिले तभी जाएंगे घर…
दोनों बुजुर्ग दंपतियों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है. जब उसके बहू और बेटे ने उन्हें मारपीट कर घर से बाहर निकाला है. वह तीन बार ऐसा कर चुकी हैं ,तो अब उनकी ममता खत्म हो गई है. अब तो वह कानूनी लड़ाई से अपना घर वापस लेंगे. बेटे को जायदात से बेदखल कर देंगे.तभी उस घर में वापस जाएंगे. तब तक वह रामलाल वृद्ध आश्रम में ही रहेगी .अब वृद्ध आश्रम ही उनका घर है और यहां के रहने वाले लोग ही उनका परिवार हैं. वहीं रामलाल वृद्ध आश्रम के संचालक शिवकुमार शर्मा का कहना है कि बुजुर्ग माता-पिता की सेवा में कोई कमी नहीं रहेगी. काउंसलिंग की बात जारी है. अगर काउंसलिंग के जरिए बात बनती है तो पूरी कोशिश की जाएगी.
Tags: Local18, Senior CitizensFIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 08:46 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed