सर्वाइकल कैंसर से महिलाओं की जिंदगी बचा रही हैं डॉक्टर रुचिका गर्ग

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर आम होता जा रहा है. इसका इलाज और बचाव दोनों संभव है. लेकिन इसके इलाज के लिए सबसे जरूरी है कि सही समय पर इस बीमारी के बारे में जानकारी मिल पाना...

सर्वाइकल कैंसर से महिलाओं की जिंदगी बचा रही हैं डॉक्टर रुचिका गर्ग
हरीकांत शर्मा/आगरा: भारत की महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर में सर्वाइकल कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर का बचाव और इलाज दोनों हो सकता है, लेकिन इसके प्रति महिलाओं में जागरुकता की कमी होने से यह कई बार लाइलाज हो जाता है. पीड़ित महिलाएं जब तक डॉक्टरों के पहुंचती हैं तब तक देरी हो जाती है और फिर इलाज मुश्किल हो जाता है. आंकड़े बताते हैं कि 2019 में भारत में 45,000 से अधिक महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर से हुई थी. आगरा एसएन मेडिकल कॉलेज स्त्री रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ रुचिका गर्ग की सर्वाइकल कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं और उनकी मुहिम रंग भी ला रही है. डॉक्टर रुचिका ने समय-समय पर महिलाओं को जागरूक किया है और अब तक उन्होंने 115 से अधिक महिलाओं और युवतियों को एंटी सर्वाइकल वैक्सीन लगवाई है. इसके लिए डॉक्टर रुचिका गर्ग को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है. सर्वाइकल कैंसर क्या है? डॉ.रुचिका गर्ग के मुताबिक किसी भी कैंसर में आपके शरीर की कोशिकाएं असामान्य और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती है. कैंसर को हमेशा शरीर के उस अंग के नाम से जाना जाता है जहां कैंसर शुरू होता है. इसिलिए जब कैंसर आपके गर्भाशय ग्रीवा में शुरू होता है तो उसे गर्भाशय ग्रीवा कैंसर या सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है. इस कैंसर को आम बोल-चाल में बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है. सर्वाइकल कैंसर के कारण? ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) – यह एक यौन संचारित वायरस है, जिसके 100 से ज्यादा प्रकार में लगभग 14 प्रकार सर्वाइकल कैंसर का कारण बनते हैं. असुरक्षित यौन संबंध गर्भधारण – जो महिलाएं तीन या ज्यादा बच्चों को जन्म दे चुकी हैं, उनमें इस कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है. गर्भनिरोधक गोलियों के ज्यादा समय तक सेवन से भी कैंसर के जोखिम को बढ़ावा मिलता है. यौन संचारित बीमारियां जैसे सिफलिस, गोनोरिया याक्लैमाइडिया से संक्रमित हो चुकी महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का जोखिम ज्यादा होता है. धूम्रपान करने वाली महिलाओं में भी सर्वाइकल कैंसर का जोखिम होता है. ज्यादा समय तक तनाव ग्रस्त रहने से भी इस कैंसर का खतरा होता है. सर्वाइकल कैंसर का इलाज? यदि समय रहते सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों का पता चल जाता है तो इसका उपचार संभव है. सर्वाइकल कैंसर को एचपीवी वैक्सीनेशन और आधुनिक स्क्रीनिंग टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर के रोका जा सकता है. इसकी वैक्सीन 9 से 26 साल के लड़कियों के लिए उपलब्ध है. पैप स्मीयर टेस्ट और एचपीवी स्क्रीनिंग के साथ सर्वाइकल स्क्रीनिंग सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए बहुत जरूरी है. Tags: Agra news today, Health, Local18FIRST PUBLISHED : May 8, 2024, 20:36 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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