आनंदी बेन के बाद संघ प्रमुख बोले- विज्ञान को भारतीय दर्शन के साथ करना होगा काम
आनंदी बेन के बाद संघ प्रमुख बोले- विज्ञान को भारतीय दर्शन के साथ करना होगा काम
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि अब समय आ गया है कि विज्ञान को भारतीय दर्शन के साथ मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय धर्म में तर्क और रिजनिंग को महत्व दिया गया है. इसमें अंधविश्वास नहीं है.
सनातन धर्म की पुस्तकों में कई ऐसी कथाएं हैं जिनको आधुनिक युग काल्पनिक मानता है. वहीं समाज के एक बड़े तबके का कहना है कि ये चीजें वास्तविक रूप में थीं, लेकिन बाद के दिनों में भारत पर विदेशी आक्रमणों में इन चीजों के साक्ष्यों को मिटा दिया गया. बीते सप्ताह कुछ इसी तरह की बात उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कही थी. उन्होंने कहा था कि दुनिया का पहला हवाई जहाज राइट बंधुओं ने नहीं, बल्कि वैदिक ऋषि भारद्वाज ने बनाया था, जिन्होंने इसे बॉम्बे की चौपाटी पर एक किलोमीटर तक उड़ाया था. उन्होंने कहा कि विदेश से लोग आए और हमारी तकनीक और आइडिया लेकर चले गए. उसी के आधार उन्होंने आगे आधुनिक समय में कई चीजों का आविष्कार किया.
उनके इस बयान के बाद रविवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी एक अहम बयान दिया है. रविवार को हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि एक ऐसा समय आएगा जब विज्ञान भारतीय दर्शन और पारंपरिक जानकारियों की ओर रुख करेगा. उन्होंने साथ ही दुनिया की तमाम संस्कृतियों के सकारात्मक योगदान की भी चर्चा की.
शहर में आयोजित तीसरे लोकमंथन कार्यक्रम में उन्होंने विज्ञान और भारतीय दर्शन को आपस में जोड़ने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि भारतीय धर्म में तर्क और रिजनिंग को महत्व दिया गया है. इसमें अंधविश्वास नहीं है. धर्म में ये चीजें काफी जांच-परख कर शामिल की गई हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज दूरदर्शी थे. वे केवल भौतिक और बाहरी आनंद के लिए ज्ञान हासिल नहीं करते थे. उन्होंने कहा कि समकालीन विज्ञान में उनकी यह सोच दिखती है. उन्होंने कहा कि जब वैज्ञानिकों ने अणु और भौतिकवाद पर ध्यान दिया तब उन्होंने चेतना की अवधारणा को स्वीकार किया.
हालांकि उन्होंने कहा कि चेतना के प्रयोगात्मक समझ की कमी है, जबकि यह सदियों से भारतीय संस्कृति में समाहित रही है. उन्होंने कहा कि ये दुर्लभ जानकारियों के विलुप्त होने के पीछे कई कारण थे. लेकिन अब समाज इनको हासिल करने के लिए प्रयास कर रहा है. उन्होंने इस संदर्भ में विवेकानंद को याद किया. उन्होंने कहा कि आधुनिकता के काफी आगे निकल जाने के बावजूद उन्होंने जिस दर्शन की नीव रखी थी वो आज भी बेहद अहम है.
Tags: Mohan bhagwat, RSS chiefFIRST PUBLISHED : November 25, 2024, 12:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed