सच्चर कमेटी: कांग्रेस के हथियार से भाजपा ने किया वार विपक्ष चारों खाने चित
सच्चर कमेटी: कांग्रेस के हथियार से भाजपा ने किया वार विपक्ष चारों खाने चित
Waqf Board Bill Amendment: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कांग्रेस पर उसी के हथियार से करारा प्रहार किया है. इस कारण कांग्रेस को जवाब देना नहीं बन रहा है. सरकार ने कहा है कि वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन संबंधी विधेयक कांग्रेस सरकार में गठित सच्चर कमेटी की रिपोर्ट पर आधारित है.
Waqf Board Bill Amendment: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन के बहाने कांग्रेस पर उसी के हथियार से वार किया है. इस वार से कांग्रेस ही नहीं पूरा विपक्ष चारों खाने चित हो गया है. दरअसल, मोदी सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन संबंधी विधेयक पेश कर दिया. इसको लेकर विपक्ष उस पर आरोप लगा रहा है कि वह धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है. इसी के जवाब में सरकार ने कांग्रेस पर करारा प्रहार किया है.
दरअसल, पू्र्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने वर्ष 2005 में मुस्लिम समुदाय की आर्थिक-सामाजिक स्थिति के अध्ययन के लिए एक कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी के अध्यक्ष दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस राजिंदर सच्चर थे. इस कारण इसका नाम सच्चर कमेटी पड़ा. कमेटी में छह अन्य मेंबर भी थे. इस कमेटी ने मुस्लिम समुदाय की स्थिति बेहतर करने के लिए कई सुझाव दिए थे. उन्हीं सुझावों में एक को आधार बनाकर मोदी सरकार ने विपक्ष पर वार किया है.
रिजिजू ने किया वार
विधेयक पेश करने बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सच्चर कमेटी के बारे में हम सभी को मालूम है. कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड की जितनी भी प्रॉपर्टी से उससे सिर्फ 163 करोड़ ही आमदनी होती है. अगर सही तरीके इन संपत्तियों को मैनेज किया जाए तो इससे 12 हजार करोड़ रुपये सालाना इकट्ठा हो सकते हैं. ये बातें पुराने समय की है. आज के समय में इससे और भी ज्यादा पैसे प्राप्त हो सकते हैं. इससे मुस्लिम समुदाय की स्थिति बेहतर करने में काफी आर्थिक मदद मिलेगी. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया कि बोर्ड में महिला सदस्यों को भी जगह दी जाए. इसने कहा है कि बोर्ड में महिलाओं और बच्चों को भी जगह मिलनी चाहिए. सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही इस बिल को लाया गया है.
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री रिजिजू ने आगे कहा कि इस विधेयक के जरिए धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है. इसमें संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है. वक्फ अधिनियम 1995 अपने उद्देश्य की पूर्ति में सफल नहीं रहा. हम कांग्रेस को बताना चाहते हैं कि ये संशोधन उन कार्यों को पूरा करने के लिए लाए जा रहे हैं जो आप नहीं कर सके.
रिजिजू ने आगे कहा कि संयुक्त संसदीय समिति ने सिफारिश की थी कि वक्फ अधिनियम 1995 का फिर से अध्ययन होना चाहिए. विपक्ष राजनीति के लिए इसका विरोध कर रहा है.
क्या है सच्चर कमेटी
मुस्लिम समुदाय की सामाजिक और आर्थिक स्थिति की जांच करने के लिए 2005 में इस कमेटी का गठन किया गया था. उस वक्त देश में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए-1 की सरकार थी. इस कमेटी की रिपोर्ट पर खूब बवाल भी हुआ था. इसी रिपोर्ट के आधार पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने देश के संसाधनों पर मुस्लिम समुदाय के सबसे पहला अधिकार होने की बात कही थी. रिपोर्ट ने मुस्लिम समुदाय के शैक्षिक, आर्थिक पिछड़ेपन पर प्रकाश डाला गया था. इसमें यह सिफारिश की गई थी कि मुस्लिम समुदाय के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए विशेष विकास योजनाएं और आर्थिक सहायता दी जाए.
Tags: Modi government, Waqf BoardFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 15:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed