सोनभद्र: आपने कई कहानियां सुनी होगी. धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यताओं से जुड़ी एक कहानी ही आज हम आपके लिए लेकर आए हैं. यह पूरी कहानी है यूपी के आखिरी जिले सोनभद्र जिला मुख्यालय से तकरीबन 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक धाम की. लेकिन ऐसा इस धाम में क्या है कि यहां लोग दूर-दूर से पूजा-पाठ के लिए आते हैं.
ब्रह्म बाबा का धाम
कहानी है बड़हर राज परिवार से जुड़ी. लोगों का कहना है कि कई शताब्दी पहले राज घराने के किले से कुछ ही दूरी पर एक ऊंची पहाड़ी हुआ करती थी. यहीं शिखर पर एक सन्यासी ब्राह्मण का आश्रम हुआ करता था. जहां पर हर रोज सुबह शाम भगवान की भक्ति और पूजा के कार्यक्रम होते थे. एक समय जब राज दरबार से देखा गया कि महल के दीप से भी ऊंचाई पर एक दीप जल रहा. जिसके बारे में फिर महारानी ने पता लगाने का आदेश दिया. फिर महारानी ने आदेश दिया की या तो वह रोशनी महल से नीचे जले या न जले. लेकिन पुरोहित द्वारा ऐसा नहीं माना गया. जिसके बाद महल से महारानी ने आदेश जारी किया की उस कुटिया को हटाया जाए.
चमत्कारी पिंड देख लोग हो गए थे हैरान!
आदेश पाते ही महल के सैनिकों ने कुटिया को ध्वस्त करने का प्रयास किया. ऐसी स्थिति में यह बात सन्यासी ब्राह्मण को इतना नागवार लगी कि वह कुटिया छोड़ बाहर कुछ दूरी पर खुले आसमान के नीचे आमरण अनशन पर बैठ गए. कुछ ही दिनों में उनका प्राणांत हो गया. मान्यता है कि इसके कुछ समय बाद उस स्थल पर ही एक पिंड दिखाई दिया, जिसे लोगों न माना की यह ब्रह्म बाबा हैं . उसी दौरान से ही यहां उनकी पूजा होने लगी. आज भी यहां पूजन के लिए दूर दराज से लोगों की भारी भीड़ आती है. मेलों का आयोजन होता है.
एक रोचक बात यह भी है की मंदिर के आस पास बहुत से रैन बसेरा यज्ञ स्थल बने. किंतु जहां ब्रह्म बाबा का असल स्थान है, वहां पर छावनी भी नहीं बन सकी. इस संबंध में लोगों ने बताया कि कई प्रयास किए गए. लेकिन कोई सफल नहीं हो पाया. लोगों का कहना है कि बाबा खुले आसमान में ही रहना पसंद करते हैें.
पुजारी ने कही ये बात
लोकल 18 से खास बातचीत में यहां के प्रधान पुजारी ने बताया कि जब से यहां पर ब्रह्म बाबा की पूजा हो रही. इस गांव में कोई ऐसी प्राकृतिक आपदा नहीं आई और यहां अन्य प्रति समेत यूपी के कई जिलों से लोग हर रोज दर्शन पूजन के लिए आते हैं. सोमवार के दिन यहां पर विशेष भीड़ होती है. यहां आने जाने वाले भक्तों पर ब्रह्म बाबा की कृपा हमेशा बनी रहती है और उनके आशीर्वाद से आने वाले भक्तों के ऊपर आए हुए संकट का निवारण भी होता है. समय-समय पर अपनी मनोरथ पूरी होने के बाद भक्त यहां पर यज्ञ हवन का कार्यक्रम आयोजित करते हैं.
Tags: Hindu Temple, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 14, 2024, 17:01 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed