6 AUG 1947: तिरंगे को लेकर महात्मा गांधी नाराजगी यूनियन जैक और नेहरू की हामी
6 AUG 1947: तिरंगे को लेकर महात्मा गांधी नाराजगी यूनियन जैक और नेहरू की हामी
लाहौर से वापसी की तैयारी कर रहे महात्मा गांधी को जैसे ही भारत के नए राष्ट्रध्वज के बारे में पता चला, वह भड़क गए. वहीं लॉर्ड माउंटबेटन ने यूनियन जैक को लेकर एक अजीब सी शर्त नेहरू के सामने रख दी थी. क्या था पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे..
77th independence day: भारत और पाकिस्तान के बंटवारे की घोषणा के साथ देश के तमाम हिस्सों में दंगे फैल चुके थे. इन दंगों से लाहौर भी अछूता नहीं था. इन दंगों से आहत महात्मा गांधी ने लाहौर जाने का फैसला किया और 6 अगस्त 1947 की सुबह वाद कैंट से लाहौर के लिए रवाना हो गए. कभी लवपुर के तौर पर पहचान रखने वाले लाहौर में उन दिनों 40 फीसदी से अधिक आबाद हिंदू और सिखों की थी. मुस्लिम लीग द्वारा भड़काए गए दंगों की आग में झुलस रहे ज्यादातर हिंदू और सिखों ने लाहौर से पलायन शुरू कर दिया था.
कुछ समय रावलपिंडी में बिताने के बाद महात्मा गांधी का काफिला दोपहर करीब डेढ़ बजे लाहौर पहुंच चुका था. लाहौर में महात्मा गांधी के रुकने और खाने की व्यवस्था जिस घर में की गई थी, वह हिंदू बहुल बस्ती में था. इस घर के रास्ते महात्मा गांधी जो कुछ देखा, उसके बाद उनका मन काफी व्यथित हो चुका था. रास्ते में नकेवल तमाम जले हुए घर और दुकानें थीं, बल्कि एक मंदिर का दरवाजा भी उखाड़ कर फेंक दिया गया था. काफी व्यथित मन के साथ महात्मा गांधी ने स्वल्पाहार लिया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंच गए.
लेखक प्रशांत पोल के अनुसार, लाहौर से वापसी के दौरान महात्मा गांधी को सूचना दी गई कि भारत का नया राष्ट्रध्वज लगभग तैयार हो गया है. नए राष्ट्रध्वज से चरखे को निकालकर सम्राट अशोक के प्रतीक चिन्ह ‘अशोक चक्र’ को शामिल किया गया है. यह सुनते ही महात्मा गांधी बिफर पड़े. उन्होंने अपने साथ चल रहे एक कार्यकर्ता से कहा कि सम्राट अशोक ने भले ही बौद्ध धर्म स्वीकर कर लिया हो, लेकिन उनका अतीत काफी हिंसक रहा है. ऐसे हिंसक राजा का प्रतीक चिन्ह भारत के राष्ट्रध्वज में कैसे हो सकता है?
नाराज महात्मा गांधी ने बैठक समाप्त होते ही महादेव भाई को एक वक्तव्य तैयार कर अखबारों को देने के लिए कहा. इस वक्तव्य में महात्मा गांधी ने लिखवाया कि… ‘मुझे आज पता चला है कि भारत के राष्ट्रध्वज के संबंध में अंतिम निर्णय लिया जा चुका है, परंतु यदि इस ध्वज के बीचोबीच चरखा नहीं होगा, तो मैं इस ध्वज को प्रणाम नहीं करूँगा. आप सभी जानते हैं कि भारत के राष्ट्रध्वज की कल्पना सबसे पहले मैंने ही की थी और ऐसे में यदि राष्ट्रध्वज के बीच में चरखा नहीं हो, तो ऐसे ध्वज की मैं कल्पना भी नहीं कर सकता.’
क्या यूनियन जैक को फरहाने को लेकर तैयार थे नेहरू?
इधर, 6 अगस्त 1947 को पंडित जवाहर लाल नेहरू अपने 17 यॉर्क रोड स्थिति अपने आवास में लॉर्ड माउंटबेटन द्वारा भेजे गए एक पत्र का जवाब लिखवा रहे थे. लॉड माउंटबेटन ने अपने पत्र में नकेवल कुछ महत्वपूर्ण तारीखों का जिक्र था, बल्कि इन तारीखों में भारतीय राष्ट्रध्वज के साथ यूनियन जैक को फराने की शर्त रखी थी. पंडित नेहरू ने अपने जवाबी पत्र में लिखवाया कि… प्रिय लॉर्ड माउंटबेटन, आपके पत्र में आपने उन दिनों की सूची है, जिनमें भारत की शासकीय इमारतों पर यूनियन जैक फहराया जाने की बात कही गई है.
मेरे अनुसार, इसका अर्थ यह हुआ कि भारत के सभी सार्वजनिक स्थानों पर भारतीय राष्ट्र ध्वज के साथ-साथ यूनियन जैक भी फहराया जाए. आपकी इस सूची में उल्लेखित एक दिन को लेकर मुझे समस्या है और वह दिन है 15 अगस्त अर्थात् हमारी स्वतंत्रता का दिवस. मुझे ऐसा लगता है कि इस दिन यूनियन जैक फहराना उचित नहीं होगा. हालांकि लंदन स्थित ‘इंडिया हाउस’ पर आप उस दिन यूनियन जैक फहराएं तो उसमें मुझे कोई आपत्ति नहीं है.
इन तारीखों में यूनियन जैक फहराने की थी शर्त
तारीख दिवस1 जनवरीसैनिक दिवस1 अप्रैलवायुसेना दिवस25 अप्रैलअन्झाक दिवस24 मईराष्ट्रकुल दिवस12 जूनब्रिटेन के राजा का जन्मदिन14 जूनसंयुक्त राष्ट्रसंघ का ध्वज दिवस4 अगस्तमहारानी का जन्मदिन7 नवंबरनौसेना दिवस11 नवंबरविश्व युद्ध में दिवंगत हुए सैनिकों का स्मरण दिवस
बाबा साहेब कुछ ऐसा चाहते थे बंटवारा
लेखक प्रशांत पोल के अनुसार, 6 अगस्त 1947 को डॉ. बाबा साहब आंबेडकर मुंबई स्थित अपने आवास में भेंट करने वालों का तांता लगा हुआ था. वहीं, बाबा साहेब लोगों से मिल जरूर रहे थे, लेकिन हिंदू-मुस्लिम दंगों से जुड़ी खबरें उन्हें लगातार बेचैन कर रही थीं. बाबा साहेब ने विभाजन को लेकर अपनी सहमति देते हुए स्पष्ट तौर पर अपनी एक शर्त रखी थी और यह शर्त थी जनसंख्या की अदला-बदली. उनका मानना था कि जनसंख्या की अदला बदली से ही भारत का भविष्य शांतिपूर्ण हो सकता है.
Tags: 15 August, 75th Independence DayFIRST PUBLISHED : August 6, 2024, 13:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed