भारत में कैसे होता है लोकसभा चुनाव जानने के लिए पहुंचे दुनिया के 23 देश

मुख्‍य चुनावआयुक्‍त राजीव कुमार की मौजूदगी में विदेशी प्रतिनिधियों के साथ एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया. आयोजन से इतर, आयोग ने कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और नेपाल के मुख्य चुनाव आयुक्तों और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी की. मुख्य चुनाव आयुक्त ने विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि भारतीय चुनावी क्षेत्र का योगदान और भारतीय चुनाव आयोग द्वारा किया गया कार्य विश्व लोकतांत्रिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हिस्सा रखता है.

भारत में कैसे होता है लोकसभा चुनाव जानने के लिए पहुंचे दुनिया के 23 देश
नई दिल्ली. 23 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 75 प्रतिनिधि भारतीय आम चुनावों को देखने के लिए इस समय भारत में हैं. ये प्रतिनिधि विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव और संबंधित तैयारियों का निरीक्षण करने के लिए छह राज्यों का दौरा करेंगे. इनमें महाराष्ट्र, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश शामिल हैं. यह कार्यक्रम 9 मई को समाप्त होगा. निर्वाचन आयोग ने रविवार को बताया कि विदेशी प्रतिनिधियों को भारत की चुनावी प्रणाली की बारीकियों के साथ-साथ भारतीय चुनाव में सर्वोत्तम प्रथाओं से परिचित कराया जा रहा है. जिन 23 देशों के संगठन भारत आए हैं, उनमें भूटान, मंगोलिया, ऑस्ट्रेलिया, मेडागास्कर, फिजी, किर्गिज़ गणराज्य, रूस, मोल्दोवा, ट्यूनीशिया, सेशेल्स, कंबोडिया, नेपाल, फिलीपींस, श्रीलंका, जिम्बाब्वे, बांग्लादेश, कजाकिस्तान, जॉर्जिया, चिली, उज्बेकिस्तान, मालदीव, पापुआ न्यू गिनी और नामीबिया का प्रतिनिधित्व करने वाला अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल है. इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के सदस्य और भूटान और इज़राइल की मीडिया टीमें भी इसमें भाग ले रही हैं. रविवार को मुख्‍य चुनावआयुक्‍त राजीव कुमार की मौजूदगी में विदेशी प्रतिनिधियों के साथ एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया. आयोजन से इतर, आयोग ने कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और नेपाल के मुख्य चुनाव आयुक्तों और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी की. मुख्य चुनाव आयुक्त ने विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों से कहा कि भारतीय चुनावी क्षेत्र का योगदान और भारतीय चुनाव आयोग द्वारा किया गया कार्य विश्व लोकतांत्रिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हिस्सा रखता है. प्रक्रिया और क्षमता के संदर्भ में, जिसे वैध रूप से ‘लोकतांत्रिक अधिशेष’ कहा जा सकता है, दुनिया भर में लोकतांत्रिक स्थानों के संकुचन या गिरावट की बढ़ती चिंताओं में बहुत महत्वपूर्ण है. कुमार ने कहा कि भारतीय चुनाव क्षेत्र अद्वितीय है, क्योंकि न तो चुनावी पंजीकरण अनिवार्य है और न ही मतदान अनिवार्य है. इसलिए चुनाव आयोग के लिए यह जरूरी है कि वह लोगों को स्वेच्छा से मतदाता सूची का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करे. फिर, एक व्यवस्थित मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें सहमति के अधिकार का प्रयोग करने के लिए मनाने के लिए पूरे विश्‍वास के साथ काम करे. उन्होंने कहा, “यह कहना स्वयंसिद्ध होगा कि हम जो प्रक्रिया अपनाते हैं, उसकी विश्‍वसनीयता चुनावों में भारी मतदान और मतदाता-जनसंख्या अनुपात के संदर्भ में मतदाता सूची की लगभग संतृप्ति के माध्यम से मान्य होती है.” भारत में चुनावी प्रक्रिया के पैमाने पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि देशभर में फैले 10 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर 1.5 करोड़ से अधिक मतदान कर्मियों द्वारा 9.70 करोड़ मतदाताओं का स्वागत किया जाएगा. कुमार ने कहा कि देश के मतदाताओं की विविधता को मतदान केंद्रों पर आने वाले प्रतिनिधियों द्वारा अपनी पूर्ण अभिव्यक्ति में देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि भारत त्योहारों का देश है. उन्होंने प्रतिनिधियों को लोकतंत्र के त्योहार का प्रत्यक्ष अनुभव लेने के लिए आमंत्रित किया. प्रतिनिधियों को ईवीएम-वीवीपैट, आईटी पहल, मीडिया और सोशल मीडिया की भूमिका सहित भारतीय आम चुनाव 2024 के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी गई. ब्रीफिंग सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा ने की और उप चुनाव आयुक्त आर.के. गुप्ता ने चुनावों का अवलोकन किया. इसके बाद ईवीएम-वीवीपीएटी व ईसीआई की आईटी पहल पर प्रस्तुतियां दी गईं. Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha ElectionsFIRST PUBLISHED : May 5, 2024, 23:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed