मिसिंग गर्ल नंबर 166रिटायर्ड पुलिसवाला और 9 साल की तलाश बहुत दिलचस्प है यह कहानी
मिसिंग गर्ल नंबर 166रिटायर्ड पुलिसवाला और 9 साल की तलाश बहुत दिलचस्प है यह कहानी
राजेंद्र ढोंडू भोसले 1980 में, येलो गेट पुलिस स्टेशन में कांस्टेबल थे, जब उनके घर से आए एक फोन कॉल से उन्हें दहेज के लिए अपनी बहन की मौत के बारे में सूचना मिली. वह एक नई नवेली दुल्हन थी और उसका 23 वर्षीय असहाय भाई था, जो मुंबई पुलिस में अपनी पहली पोस्टिंग पर था. तब से, भोसले ने कभी भी एक महिला से जुड़े आपराधिक मामले को हल्के में नहीं लिया.
मुंबईः राजेंद्र ढोंडू भोसले 1980 में, येलो गेट पुलिस स्टेशन में कांस्टेबल थे, जब उनके घर से आए एक फोन कॉल से उन्हें दहेज के लिए अपनी बहन की मौत के बारे में सूचना मिली. वह एक नई नवेली दुल्हन थी और उसका 23 वर्षीय असहाय भाई था, जो मुंबई पुलिस में अपनी पहली पोस्टिंग पर था. तब से, भोसले ने कभी भी एक महिला से जुड़े आपराधिक मामले को हल्के में नहीं लिया. उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘ऐसे हर मामले में, मैं अपनी बहन को देखता हूं.’
इसलिए जब 22 जनवरी, 2013 को लापता हुई 7 वर्षीय पूजा गौड़ अकेली ऐसी लड़की बनी रही, जो लापता ब्यूरो के प्रभारी अधिकारी के रूप में भोसले के सेवानिवृत्त होने के दिन तक नहीं मिली, तो इस बात ने उन्हें काफी दुखी कर दिया. पूजा दूसरी लड़की बन गई जिसकी तस्वीर राजेंद्र ढोंडू भोसले हमेशा अपने साथ रखने लगे. पहली तस्वीर उनकी अपनी बहन की थी. सेवानिवृत्ति के बाद भी भोसले ने पूजा की तलाश जारी रखी.
आइए जानते हैं एक लापता बच्ची और एक रिटायर्ड पुलिसवाले की सेवा, समर्पण और दृढ़ता की यह पूरी कहानी…
साल 2013, जनवरी का महीना, 22 तारीख. स्कूल जाते समय 7 साल की बच्ची पूजा गौड़ को किसी ने अगवा कर लिया. घरवालों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई. सालों-साल बच्ची की खोज की गई, लेकिन उसका पता नहीं चला. सरकारी रिकॉर्ड में पूजा गौड़ की पहचान मिसिंग गर्ल नंबर 166 बनकर रह गई.
साल 2022, अगस्त का महीना, 4 तारीख. रात 8ः20 बजे वह बच्ची 9 साल बाद अपने परिवार से मिली. मुंबई के अंधेरी पश्चिम इलाके में वह अपने घर से 500 मात्र मीटर की दूरी पर ही इतने वर्षों से रह रही थी. लेकिन न उसे और न ही उसके परिवार को इस बात की खबर थी. है न दिलचस्प कहानी…?
पूजा गौड़ को स्कूल के रास्ते से अगवा कर लिया गया था
पुलिस के मुताबिक एक आदमी ने संतान की चाह में पूजा गौड़ को स्कूल के रास्ते से अगवा कर लिया था. जब उस आदमी का अपना बच्चा हुआ, तो वह पूजा से नौकरानी जैसा काम कराने लगा. आरोपी की पत्नी लड़की से मारपीट भी करती. एक दिन आरोपी ने नशे में पूजा को सच्चाई बता दी. कह दिया कि वह उनकी संतान नहीं है, बल्कि उसे उठाकर लाए थे. आरोपी शख्स का नाम जोसेफ डिसूजा और उसकी पत्नी का नाम सोनी लंबे है.
मीडिया ने मामले को रिपोर्ट करना शुरू किया और स्थानीय लोगों ने पूजा को ढूंढ़ने का कैंपेन चलाया. आरोपी डिसूजा को डर था कि अगर बच्ची को ढूंढ़ लिया गया, तो उसके और उसकी पत्नी के लिए मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी. पकड़े जाने के डर से उसने पूजा को कर्नाटक के रायचूर में एक हॉस्टल में रहने भेज दिया था. साल 2016 में जोसेफ डिसूजा और सोनी के घर बच्चा पैदा हुआ. दो बच्चों का खर्च उठाने में दिक्कत आने के बाद डिसूजा ने पूजा को कर्नाटक से वापस बुला लिया. आरोपी पति-पत्नी ने उसे बेबी सिटिंग के काम में लगा दिया.
आरोपी पूजा के असली घर से 500 मीटर की दूरी पर ही रह रहा था
उन्होंने अपना घर भी बदल लिया और अंधेरी पश्चिम के उसी गिल्बर्ट हिल इलाके में आकर रहने लगे, जहां पूजा के असली माता पिता रहते थे. डीएन नगर पुलिस के मुताबिक डिसूजा को लगा था कि लड़की के बड़े हो जाने के चलते उसे कोई पहचान नहीं पाएगा. डिसूजा शराब के नशे में पूजा से कहता था कि 2013 में उसे कहीं से उठा लाया था. इस बात से पूजा को समझ आ गया कि वे दोनों उसके माता-पिता नहीं हैं. लेकिन वह उन दोनों से इतना डरती थी कि उसे समझ नहीं आता था वहां से कैसे भागे.
शराब के नशे में आरोपी ने पूजा को उसकी किडनैपिंग के बारे में बताया
जोसेफ डिसूजा और सोनी लंबे की हाउस हेल्प ने पूजा की मदद की. उसकी कहानी सुनने के बाद हाउस हेल्प ने गूगल पर पूजा गौड़ का नाम, उसकी गुमशुदगी के बारे में सर्च किया, तो उसे कुछ न्यूज आर्टिकल्स मिले. सबकुछ पढ़ने के बाद पूजा को पूरी कहानी समझ आई. पूजा को गूगल सर्च से ही उसकी गुमशुदगी से जुड़े एक पोस्टर पर पांच फोन नंबर मिले. उसमें से 4 काम नहीं कर रहे थे, लेकिन पांचवां नंबर पड़ोस में रहने वाले रफीक का था, जो अब भी चालू था. पूजा ने काॅल करके रफीक को पूरी कहानी बताई, तो पहले तो उसे शक हुआ. फिर उसने सबूत के तौर पर पूजा का फोटो मांगा. गुरुवार सुबह पूजा ने हाउस हेल्प की मदद से वीडियो कॉल किया, जिसका स्क्रीनशॉट लेकर रफीक ने पूजा की मां और अंकल को दिखाया. तस्वीर में पूजा को देखकर दोनों के आंसू निकल पड़े.
पूजा 9 साल बाद बीते 4 अगस्त, 2022 को अपने असली मां-बाप से मिली
पूजा के परिवार ने उसके काम करने की जगह की डिटेल्स निकाली और डीएन नगर पुलिस स्टेशन को सूचना दी. जब पुलिस 4 अगस्त 2022 को उस पते पर पहुंची तो पूजा, बच्चे को घुमाने का बहाना करके घर से बाहर आई. रात 8ः20 बजे पूजा और उसकी मां 9 साल बाद मिले. पुलिस ने जोसेफ डिसूजा और उसकी पत्नी सोनी लंबे के खिलाफ अपहरण, मानव तस्करी, चाइल्ड लेबर समेत कई धाराओं में मामले दर्ज किए. डिसूजा को पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है, जबकि उसकी पत्नी सोनी को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है. क्योंकि उनकी 6 साल की बच्ची की देखभाल के लिए घर में कोई और मौजूद नहीं है.
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Tags: Crime News, Mumbai, Mumbai NewsFIRST PUBLISHED : August 08, 2022, 09:28 IST