5 साल में सीवर की सफाई में 347 की गई जान मौतों की संख्या कम करने के लिए ये है सरकार का प्लान
5 साल में सीवर की सफाई में 347 की गई जान मौतों की संख्या कम करने के लिए ये है सरकार का प्लान
पिछले 5 सालों में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 347 लोगों की मौत हुई है. आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 47, तमिलनाडु में 43 और दिल्ली में 42 लोगों की मौत हो गई.
हाइलाइट्सभारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 347 लोगों की मौत हुई है.जिसमें केवल उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली में 40 फीसदी मौतें हुई हैं.नमस्ते योजना का उद्देश्य भारत में सफाई कार्य में होने वाले मौतों की संख्या को शून्य पर लाना है.
नई दिल्ली. सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान होने वाली मौतें लंबे समय से भारत के लिए चिंता का विषय हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 5 सालों में भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 347 लोगों की मौत हुई है, जिसमें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और दिल्ली में 40 फीसदी मौतें हुई हैं. लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने 19 जुलाई को कहा कि 2017 में 92, 2018 में 67, 2019 में 116, 2020 में 19, 2021 में 36 और 2022 में 17 मौतें सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दर्ज की गई है.
आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर द्वारा राज्यसभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 47, तमिलनाडु में 43 और दिल्ली में 42 श्रमिकों की मौत हो गई. कौशल किशोर ने बताया कि हरियाणा में 36 मौतें, महाराष्ट्र में 30, गुजरात में 28, कर्नाटक में 26, पश्चिम बंगाल में 19, पंजाब में 14 और राजस्थान में 13 मौतें हुई हैं. राजधानी दिल्ली में 2017 में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान मारे गए लोगों की संख्या 13 थी. साल 2018 में 11, साल 2019 में 10 और 2020 और 2021 में चार-चार. भारत में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई हाथ से करना प्रतिबंधित है.
क्या है नमस्ते योजना
राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि सरकार ने ‘नेशनल एक्शन प्लान फॉर मैकेनाइज्ड सेनिटेशन इकोसिस्टम (नमस्ते) योजना तैयार की है, जिसका उद्देश्य ऐसी मौतों की संख्या को शून्य पर लाना है. यह योजना पेयजल और स्वच्छता विभाग भारत सरकार, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार और आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की एक संयुक्त परियोजना है.
नमस्ते योजना का उद्देश्य
राज्य मंत्री कौशल किशोर ने नमस्ते योजना के उद्देश्य के बारे में भी बताया. कौशल किशोर ने कहा कि नमस्ते योजना का उद्देश्य भारत में सफाई कार्य में होने वाले मौतों की संख्या को शून्य पर लाना है. साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि सभी तरह के सफाई कार्य स्किल्ड वर्कर द्वारा किया जाए. इसके साथ ही सभी सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई वर्करों के पास वैकल्पिक वर्क का भी ऑप्शन होगा.
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Tags: ParliamentFIRST PUBLISHED : July 20, 2022, 09:55 IST