हनुमान जी के जिंदा होने का एहसास कराती है इटावा के पिलुआ मंदिर की मूर्ति
हनुमान जी के जिंदा होने का एहसास कराती है इटावा के पिलुआ मंदिर की मूर्ति
Hanuman Mandir in Etawah: इटावा में यमुना नदी के किनारे हनुमान जी की लेटी हुई एक विशाल प्रतिमा है. यहां मंदिर को लेकर कहा जाता है कि हनुमान जी कि यह प्रतिमा उनके जिंदा होने का एहसास कराती है. यहां दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है.
इटावा: पवन पुत्र बंजरगबली के चमत्कारों के किस्से से दुनिया भर के लोग परिचित हैं, लेकिन महाभारत कालीन सभ्यता से जुडे उत्तर प्रदेश के इटावा के बीहडों मे स्थित पिलुआ महावीर मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति सैकडों साल से उनके जिंदा होने का एहसास कराती नजर आ रही है. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.
इटावा में यमुना नदी के किनारे जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित रूरा गांव के पास पिलुआ महावीर का मंदिर है. इस मंदिर में हनुमान जी की लेटी हुई एक ऐसी मूर्ति है, जिसका मुखार बिंदु आज तक कोई नहीं भर सका है. श्रद्धालु मूर्ति के मुखार बिंदु में चाहे प्रसाद चाहे दूध या फिर अन्य कोई भी वस्तु डालते हैं. वह नहीं भरता है. कहा जाता है यह किसी को आज तक पता नहीं लग सका है.
यहां भी लेटी हुई है मूर्ति
वैसे तो हनुमान जी की लेटी हुई मूर्ति इलाहबाद में भी है, लेकिन जैसी मूर्ति यहां पर है, ऐसी दूसरी मूर्ति देश और दुनिया के किसी भी दूसरे हिस्से में नहीं है. हनुमान जी की इस प्रतिमा के मुख में हर वक्त पानी भरा रहता है. कितना भी प्रसाद मुंह में डालो पूरा प्रसाद मुंह में समा जाता है. आज तक किसी को पता नहीं चला कि यह प्रसाद जाता कहां हैं. महाबली हनुमान जी की प्रतिमा लेटी हुई है और लोगों की माने तो ये मूर्ति सांस भी लेती है और भक्तों के प्रसाद भी ग्रहण करती है.
मंदिर के पुजारी ने बताया
कहा जाता है यहां हनुमान जी खुद जीवित रूप में विराजमान हैं. मंदिर के पुजारी जवाहर सिंह बताते हैं कि बीहड़ में स्थापति हनुमान मंदिर की मूर्ति अपने आप में कई चमत्कार समेटे हुए है, लेकिन आज तक इसके इस रहस्य को कोई पता नहीं लगा पाया कि इसके मुखार बिंदु में प्रसाद के रूप में जाने वाला दूध, पानी और लडडू आखिरकार जाता कहां है. इसको चमत्कार नहीं तो और क्या कहा जायेगा.
राम-नाम की सुनाई देती है ध्वनि
हनुमान भक्तों का यह भी दावा है कि हनुमान जी इस मंदिर में जीवित अवस्था में हैं, तभी एकांंत में सुनने पर प्रतिमा से सांसें चलने की आवाज सुनाई देती है. बताया जाता है कि हनुमान जी के मुख से राम नाम की ध्वनि भी सुनाई देती है. बजरंगबली के ऐसे चमत्कारों के बारे में सुनकर एवं देखकर लोगों का विश्वास उनमें और भी ज्यादा बढ़ जाता है.
यमुना नदी के किनारे है मंदिर
मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी बजरंगबली के दर्शन करता है. उसके जीवन में कभी कष्ट नहीं आते हैं. हनुमान जी की मूूर्ति इतनी प्रभावशाली है कि इनकी आंखों में देखते ही लोगों की परेशानियां हल हो जाती हैं. इन्हें लगाया जाने वाला कई गुणा भोग भी इनके उदर को नहीं भर पाता है. यमुना नदी के किनारे बसे महाभारत कालीन सभ्यता से जुड़े इस मंदिर में हनुमान जी के चमत्कार के आगे हर कोई नतमस्तक है.
मंदिर बना है आस्था का केंद्र
इस मूर्ति के उदगम के बारे में कहा जाता है कि प्रतापनेर के राजा हुक्म तेज प्रताप सिंह को ऐसा सपना आया, जिसमें इस मूर्ति के इसी स्थान पर निकले होने की बात बताई गई. जिसके बाद राजा ने इस मूर्ति को अपने महल में काबिज करने की कोशिश की, लेकिन राजा हार गया और हनुमान जी की मूर्ति आज अपने स्वरूप में हनुमान भक्तों की आस्था का केंद्र बनी हुई है.
प्राण प्रतिष्ठित नहीं है प्रतिमा
यह चमत्कारिक मंदिर चौहान वंश के अंतिम राजा हुक्म देव प्रताप की रियासत में बनाया गया था. यहां की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर में महाबली हनुमान जी की प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठित नहीं है. कहा जाता है यहां हनुमान जी खुद जीवित रूप में विराजमान हैं.
राजा ने विधि विधान से कराया था मंदिर का निर्माण
300 साल पहले यह क्षेत्र प्रतापनेर के राजा हुक्म चंद्र प्रताप सिंह चौहान के अधीन था. एक दिन हनुमान जी ने राजा को सपने में दर्शन दिया और इस मूर्ति के बारें में बताया. फिर राजा उस स्थान पर गए और इस मूर्ति को अपने महल ले जाने की कोशिश करने लगे. राजा के लाख कोशिश करने के बाद भी यह मूर्ति बिल्कुल भी नहीं हिली. फिर राजा ने विधि-विधान से इसी स्थान पर प्रतिमा की स्थापना कराकर मंदिर का निर्माण कराया. धीरे-धीरे यह मंदिर हनुमान भक्तों की आस्था का केंद्र बन गई.
दर्शन करने से मनोकामना होती है पूर्ण
इटावा के बीहड़ों में निर्जन स्थान पर एक टीले पर यह मंदिर स्थित होने के बावजूद हर मंगलवार को भक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ता है, कहा जाता है कि जो भी भक्त अपनी मुराद लेकर आता है. बजरंग बली द्वार उसे खाली नहीं लौटना पड़ता है. इस मंदिर में श्रद्धालु अपनी कई मन्नतें लेकर आते हैं और मान्यता है कि सच्चे दिल से मांगी गई मुरादें बजरंगबली पूरी करते हैं.
Tags: Etawa news, Hanuman mandir, Hanuman Temple, Local18FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 17:51 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed