नहीं था इंजीनियरिंग से कोई मोह फिर भी ऐसे क्रैक किया JEE मेन
नहीं था इंजीनियरिंग से कोई मोह फिर भी ऐसे क्रैक किया JEE मेन
JEE IIT Success Story: बिना सोचे अगर कोई काम पूरा हो जाए, तो वह चमत्कार से कम नहीं होता है. हम एक ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें इंजीनियरिंग (Engineering) से कोई मोह नहीं था, लेकिन फिर भी जेईई मेन (JEE Main) में 100 पर्सेंटाइल अंक हासिल की है.
Success Story: कभी-कभी जो हम नहीं सोचते हैं और वह हो जाता है, तो वह चमत्कार से कम नहीं होता है. आज जिस शख्स की बात कर रहे हैं वह जालंधर के 18 वर्षीय रचित अग्रवाल (Rachit Aggarwal) हैं. उन्हें कभी अंदाजा नहीं था कि वह जेईई मेन्स परीक्षा में परफेक्ट स्कोर (100 एनटीए स्कोर) हासिल कर पाएगा. लेकिन जब जेईई मेन (JEE Main) का रिजल्ट आया तो उन्हें खुद पर यकीन नहीं हो रहा था कि वह 100 पर्सेंटाइल अंक हासिल किया है.
अपनी सफलता पर टॉप 100 एनटीए स्कोरर की लिस्ट में आना एक चमत्कार मानने वाले रचित ने कहा कि उनकी कड़ी मेहनत, उनके माता-पिता और शिक्षकों के समर्पण ने आखिरकार उनके लिए सर्वोत्तम परिणाम लाए हैं. अपने परफॉर्मेंस से खुश रचित ने कहा कि वह कक्षा 10वीं तक कभी भी अध्ययनशील छात्र नहीं थे और अपने उच्च माध्यमिक विद्यालय में कभी भी नॉन मेडिकल कक्षाएं नहीं लेना चाहते थे.
पिता का है हार्डवेयर का बिजनेस
रचित कहते हैं कि इंजीनियरिंग करने की मेरी कभी कोई योजना नहीं थी, लेकिन मेरे बड़े भाई, जो वर्तमान में बिट्स पिलानी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहे हैं, उन्होंने मुझे नॉन-मेडिकल लेने और जेईई परीक्षा के लिए प्रयास करने का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रेरित किया. अब, वह आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने की इच्छा रखते हैं. उनकी मां रितु अग्रवाल ट्यूशन पढ़ती हैं, जबकि पिता नीरज अग्रवाल का हार्डवेयर का बिजनेस है.
सोशल मीडिया से बनाई दूरी
वह बताते हैं कि इस जेईई परीक्षा को पूरी ईमानदारी के साथ दिया और प्रयास और तैयारी के दौरान एक सेकंड के लिए भी अपना आत्मविश्वास कम नहीं होने दिया. उन्होंने कहा कि वह कक्षा 10वीं तक इंटरनेट के जानकार थे, लेकिन प्रतियोगिता की तैयारी के दौरान उन्होंने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिए थे. मैंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी और स्मार्ट फोन का उपयोग करने से परहेज किया.
आम तौर वह पर प्रति दिन कम से कम आठ घंटे पढ़ाई करता हूं और फिजिक्स, मैथ्स और केमेस्ट्री सहित सभी विषयों में अवधारणाओं को साफ करने पर ध्यान केंद्रित करता हूं. उन्होंने कहा कि हैरी पॉटर सीरीज और जापानी एनिमेटेड सीरीज ‘ड्रैगन बॉल जेड’ और इसके नायक गोकू को देखकर इंस्पायर हुआ है. उनकी मां रितु ने कहा कि रचित जेईई (एडवांस) परीक्षा की तैयारी के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. उन्होंने कहा उनकी सफलता का सारा श्रेय उनके स्कूल और कोचिंग सेंटर के शिक्षकों को जाता है.
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Tags: IIT, Jee main, JEE Main Exam, Success StoryFIRST PUBLISHED : April 26, 2024, 16:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed