कोलकाता से राजस्थान तक हॉस्पिटल से सड़क तक हमें चैन से जीने का हक कब

तमाम दावों, तरक्की और कोशिशों के बावजूद, वे क्या वजहें हैं कि महिलाओं के प्रति अपराध कम होने की बजाय बढ़ते जा रहे हैं? कोलकाता में डॉक्टर का रेप हो या फिर राजस्थान में पत्नी को बाइक से घसीटकर ले जाने का मामला हो, सड़क पर छेड़छाड़ से लेकर जघन्य हत्या तक.. अपराध का ग्राफ नीचे नहीं ढुलकता...

कोलकाता से राजस्थान तक हॉस्पिटल से सड़क तक हमें चैन से जीने का हक कब
आप डॉक्टर हैं, जीवनदान देती हैं, मगर आप औरत हैं. भूलना मत. आप पुलिस की आला अफसर हैं. लोगों को सुरक्षित रखती हैं. मगर आप औरत हैं. भूलना मत. आप पत्नी हैं, बहन हैं, मां हैं. मगर आप औरत हैं. भूलना मत. आप मासूम कोमल बिटिया रानी हैं. गुड्डा गुड़िया खेलती हैं. मगर आप औरत हैं. भूलना मत…. सबसे पहले, कुछ भी करने से पहले, पुरुष से बचने का ही उपाय करना.. मत भूलना कि कहीं से आपके जेंडर पर हमला हो सकता है, भूलना मत. यह कितनी पुरातन, पिछड़ी सलाह मैं आपको दे रही हूं. लेकिन मेरी तरह हर औरत इस सच को देख पा रही है जिसमें वह नितांत अकेली है. तमाम शोर दूध के उबाल की तरह शांत हो जाते हैं. जो तकलीफ और निशान हैं, वे केवल महिला झेलती रहती है, अगर वह जिंदा छोड़ दी जाती है. हर 16 मिनट में एक रेप- क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो… बात महिलाओं के खिलाफ होने वाले रेप, यौन उत्पीड़न, यौन हिंसा, छेड़छाड़ की हो रही है जिससे इस देश की क्या बच्ची, क्या युवा और क्या बूढ़ी महिला… कोई भी अछूती नहीं है! कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत से पूरा देश दहला हुआ है. लड़कियों की हालत और बुरी है. देश विकास के समंदर में डुबकी लगा रहा है और औरतों को छुपने-बचने का ऐसा उपाय खोजना पड़ रहा है जहां वे बस सुरक्षित हों… एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि इस देश में हर 16 मिनट में एक रेप होता है. महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में ठीकरा औरत के सर… बात उसके कपडो़ं की नहीं, आपकी नजर की है, बस… सोशल मीडिया पर एक शख्स कोलकाता रेप केस की पोस्ट पर कमेंट करता है, ‘पुराने जमाने में समय रहते शादी कर दी जाती थी, तब रेप जैसे अपराध नहीं होते थे’.. मुझे याद आता है (हमेशा याद ही रहता है)… 17 साल पहले का वह वाकया जब नवनियुक्त ट्रेनी ने छेड़छाड़ के मसले पर टेढ़ी हंसी हंसते हुए कहा था- साला कपड़े ऐसे पहनती हैं लड़कियां… उकसाती हैं लड़कों को.. कि उन्हें छेड़ें… उन्हें मजा आता है. वहां मौजूद महिलाएं उसे समझाती रह गईं कि कॉम्पलिमेंट देने और छेड़ने में फर्क है लेकिन उसके हाव भाव और चेहरे पर ‘मखौलनुमा’ भाव बने ही रहे, हमें लगा हम कांच की मोटी दीवार से बात कर रहे हैं. वो रात को नौकरी मांगने क्यों गई… महज चंद दिनों में एक के बाद एक महिलाओं के साथ होने वाले अपराध सामने आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के कन्नौज में पूर्व सपा नेता नवाब सिंह यादव पर 15 साल की किशोरी पर रेप का आरोप है. यादव पर पॉक्सो के तहत मामला दर्ज किया गया है. यादव एक प्राइवेट कॉलेज का प्रबंधक भी है और उसने किशोरी को नौकरी दिलाने में मदद करने के बहाने रविवार रात लड़की और उसकी मौसी को कॉलेज में बुलाया था. लोग सवाल उठा रहे हैं कि वे रात को नौकरी मांगने क्यों गईं… एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़ों के आधार पर क्या आप कहेंगे कि हॉस्पिटल में इलाज करवाने क्यों गई… ओडिशा (उड़ीसा) के कटक में SCB मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में एक डॉक्टर के रेप की खबर है. जिन दो औरतों का रेप किया गया, वे MBBS सेकेंड ईयर के स्टूडेंट की मां और चाची हैं. दोनों कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में ECG करवाने गई हुई थीं जहां उनके साथ कथित तौर पर 32 साल के मध्य प्रदेश के रहने वाले डॉक्टर दिलबाग सिंह ठाकुर ने रेप किया. कथित तौर पर प्यार करने वाले पति की हैवानियत… राजस्थान के नागौर जिले में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें 32 साल का प्रेमाराम मेघवाल अपनी पत्नी को अपनी बाइक के पीछे रस्सी से बांधकर रोड पर बाइक दौड़ाए जा रहा है. पथरीली जमीन पर महिला घिसटती चली जा रही है. लोग देख रहे हैं. बताया जाता है कि महिला को बाइक पर बांधने से पहले उससे मारपीटकी गई फिर पूरे गांव में घसीटा गया. दोनों की शादी 6 महीने पहले ही हुई बताई जा रही है. बाइक रुकती है, पत्नी कराहती रहती है, पति मुड़कर देखता है… महिलाओं के प्रति हिंसा.. जो बढ़ती जा रही हैं.. NCRD (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) के मुताबिक, 2020 में प्रति 1 लाख महिलाओं में 42 महिलाओं के साथ प्रति घंटे अपराध हुआ. यह संख्या 2021 में बढ़कर 49 हो गई और 2022 में तो यह 51 गई. यानी महज 1 लाख औरतों के बीच हर घंटे 51 औरतों को अपने जेंडर के कारण किसी न किसी अपराध को झेलना पड़ा, यहां आप इस तथ्य को नजरअंदाज मत करिएगा कि ये आंकड़े रिपोर्टेड क्राइम (अपराध जो दर्ज हुए) पर आधारित हैं. एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़ों के आधार पर कानून के अलावा एकल यूनिट के तौर पर सुधार जरूरी… इन इलस्ट्रेशन्स में आप साफ देख सकते हैं कि 2022 में करीब 84 हजार मामले तो इसकी गरिमा और अस्मिता पर हमला करने के उद्देश्य से हमला करने के ही हैं. अकेले 2022 में देशभर में करीब 32 हजार मामले रेप के दर्ज किए गए. महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की ये गणना इसलिए आपके सामने पेश कर रहे हैं, ताकि हम यह समझ सकें कि कानून लागू होने के साथ साथ ऐसे अपराध न हों, इसके उपाय करने ज्यादा जरूरी हैं. Tags: Brutal rape, Doctor murder, India news, Kolkata News, Odisha news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 13:39 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed