पशुपालकों पर दोहरी मार लंपी वायरस का कहर थमा भी नहीं अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की दस्तक हजारों सूअरों की मौत
पशुपालकों पर दोहरी मार लंपी वायरस का कहर थमा भी नहीं अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की दस्तक हजारों सूअरों की मौत
चरखी दादरी में पशुओं में लंपी वायरस का कहर अभी थमा भी नहीं था कि अब अफ्रीकी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है. अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के चलते दादरी इलाके में हजारों सूअरों की मौत हो चुकी है. जिसको देखते हुए पशुपालन विभाग ने अलर्ट जारी किया है.
हाइलाइट्सचरखी दादरी में पशुओं में अब अफ्रीकी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दी.अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के चलते दादरी इलाके में हजारों सूअरों की मौत हो चुकी है.इसे देखते हुए पशुपालन विभाग ने अलर्ट जारी किया है.
चरखी दादरी. पशुओं में लंपी वायरस का कहर अभी थमा भी नहीं था कि अब अफ्रीकी स्वाइन फ्लू ने दस्तक दे दी है. अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के चलते दादरी इलाके में हजारों सूअरों की मौत हो चुकी है. जिसको देखते हुए पशुपालन विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए दादरी का एक इलाका नोटिफाइड कर दिया है. वहीं विभाग ने अपनी रिपोर्ट में 245 सूअरों की मौत होने की बात कही है. अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के कहर के कारण पशुपालकों में हडकंप मच गया और सरकार से मुआवजा की मांग उठाई है. वहीं पशुपालन विभाग ने अपनी स्पेशल टीमें बनाकर फील्ड में उतार दी हैं. जो लोगों को लगातार जागरूक कर रही हैं.
अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के चलते दादरी इलाके में लगातार हो रही सूअरों की मौतों ने पशुपालकों की चिंता बढ़ा दी है. पशुपालकों का कहना है कि लगभग एक हजार सुअरों की मौत हो गई है. सुअरों को बहुत तेज बुखार आता है, वे नीले पड़ जाते हैं, मुंह से झाग आता है और उनकी तत्काल मौत हो जाती है. सुअरों को कुछ दवाइयां भी दी जा रही हैं, लेकिन किसी भी दवा से कोई सुधार नहीं हुआ. सूअरों की मौत के कारण उनको आर्थिक नुकसान हुआ है. पशुपालकों का कहना है कि वे अपने परिवार का पालन-पोषण सूअरों को पालकर उसकी बिक्री करके ही करते थे.
अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के दस्तक देते ही पशुपालन विभाग भी अलर्ट हो गया है. हालांकि विभाग ने अफ्रीकन स्वाइन फ्लू से अब तक 245 सूअरों की मौत होने की पुष्टि की है. वहीं पशुपालकों का कहना है कि हजारों सूअरों की मौतें हुई है. विभाग ने प्रभावित इलाकों को नोटिफाइड करते हुए स्पेशल टीमें फील्ड में उतारी हैं. नगर पार्षद व पशुपालक विनोद वाल्मीकि ने कहा कि पशुपालन विभाग ने इसका कोई खास संज्ञान नहीं लिया. जिसके कारण हजारों सूअरों की मौतें हुई है. सरकार को अफ्रीकी स्वाइन फ्लू से मरे सूअरों के पालकों को मुआवजा देना चाहिए.
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वहीं पशुपालन विभाग के एसडीओ डॉ. तुलसीराम ने बताया कि अफ्रीकी स्वाइन फीवर की चपेट में आए सूअरों को जल्द ही मार दिया जाएगा. शहर में ही यह बीमारी फैली है, जबकि गांवों में इस रोग का प्रकोप नहीं है. शहर में कुल 255 सूअरों की अब तक पहचान हुई है, जिनमें से 245 की मौत हो चुकी है और 10 सूअर जिंदा बचे हैं. इसके बचाव के लिए कोई वैक्सीन नहीं है. प्रभावित सूअरों को विभाग द्वारा मारने व लोगों को जागरुक करने का अभियान शुरू किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : September 15, 2022, 14:03 IST