बिहार में BJP के सामने ये पांच चुनौतियां क्या नीतीश कुमार ही मारेंगे बाजी
बिहार में BJP के सामने ये पांच चुनौतियां क्या नीतीश कुमार ही मारेंगे बाजी
क्या बिहार बीजेपी के सामने आने वाली है अब तक की सबसे बड़ी चुनौती? क्या बिहार बीजेपी में ओल्ड वर्सेज न्यू की लड़ाई में नीतीश कुमार फिर से बाजी मार ले जाएंगे या कोई नया चेहरा सामने आएगा? बिहार पॉलिटिक्स की साल 2025 की इनसाइड स्टोरी.
पटना. बिहार बीजेपी और खासकर एनडीए के लिए नया साल कई मायनों में खास होने वाला है. बिहार विधानसभा के आगामी चुनाव को लेकर बीजेपी के सामने वैसे तो कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं. लेकिन, कम से कम पांच चुनौतियां ऐसी हैं, जो बीजेपी के लिए इस साल जी का जंजाल बन सकती हैं. जानकारों की मानें तो सुशील कुमार मोदी के बाद से बिहार बीजेपी के पास आजतक कोई भी ऐसा बड़ा चेहरा नहीं मिला है, जिसमें संगठन और सरकार चलाने की काबलियत हो. बीते 8-10 सालों में बीजेपी ने कई चेहरों पर दांव लगाया और आजमाया भी, लेकिन एक भी चेहरा पार्टी आलाकमान के भरोसे पर खड़ा नहीं उतर पाया. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या साल 2025 में भी नीतीश कुमार ही सीएम बनेंगे? या बीजेपी में ओल्ड वर्सेज न्यू की लड़ाई में कोई तीसरा गैरराजनीतिक व्यक्ति बाजी मार ले जाएगा?
बिहार में बीते कुछ दिनों से सीएम नीतीश कुमार के पाला बदलने की खबरें खूब सुर्खियां बटोर रही हैं. लेकिन, बिहार की राजनीति को करीब से जानने वाले कहते हैं कि अब बिहार में नीतीश कुमार की कोई भी तरकीब या चाल नहीं चलने वाली है. क्योंकि, जेडीयू के विधायक, एमपी और कार्यकर्ता भी नहीं चाहते हैं कि वह आरजेडी के साथ चुनावी मैदान में जाएं. ऐसे में नीतीश कुमार एनडीए में रहकर ही गोट्टी सेट करेंगे कि कैसे वह सीएम बन जाएं. एनडीए में रहने पर नीतीश कुमार के सीएम बनने का चांस अभी भी सबसे ज्यादा है. क्योंकि, राज्य बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष दिलीप जयसवाल, दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा के बीच भी सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है. तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, नित्यानंद राय और प्रेम कुमार जैसे पुराने नेता भी राजनीतिक गोटियां सेट करने में लगे हैं. ऐसे में बिहार बीजेपी के सामने नए साल में पांच चुनौतियां आने वाली हैं.
पहली चुनौती- अगर नीतीश कुमार एनडीए के साथ रहते हुए बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में सीएम नहीं बनते हैं तो बीजेपी का चेहरा कौन होगा? क्या बीजेपी दिलीप जयसवाल, सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, रविशंकर प्रसाद, संजय जयसवाल, तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी, नित्यानंद राय, प्रेम कुमार, राम कृपाल यादव और मंगल पांडेय जैसे नेताओं में से ही किसी एक को सीएम कैंडिडेंट घोषित करेगी?
दूसरी चुनौती- अगर बीजेपी से नीतीश कुमार अलग होते हैं तो बीजेपी के सामने क्या रणनीति होगी? क्या बीजेपी, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी के साथ मैदान में जाएगी या फिर मुकेश सहनी और आरसीपी जैसे नेताओं की पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ेगी?
तीसरी चुनौती- नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू अगर एनडीए का हिस्सा नहीं होती है तो क्या बीजेपी नेतृत्व वाला गठबंधन सम्राट चौधरी को चेहरा बनाएगा? क्योंकि, सम्राट चौधरी को लेकर बीजेपी के अंदर ही काफी विरोध हो रहा है. ऐसे में बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती होगी कि पार्टी नेताओं के साथ-साथ चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को भी सम्राट चौधरी के नाम पर सहमति बनाना.
चौथी चुनौती- बीजेपी आलाकमान अगर कोई नया चेहरा सामने लाती है, जिसकी छवि साफ सुथरी हो तो क्या स्टेट बीजेपी नेता और गठबंधन उस नाम पर सहमति देंगे? क्या बिहार का अगला सीएम गैरराजनीतिक व्यक्ति भी हो सकता है? क्या कोई नई नया चेहरे को बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव लड़वा सकती है?
पांचवीं चुनौती– बिहार में अगर बीजेपी को अपने दम पर या गठबंधन में भी बहुमत नहीं मिलती है तो सरकार बनाने के अन्य विकल्पों पर भी बीजेपी विचार करेगी? क्या बीजेपी नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू हो या फिर चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी जैसे नेताओं के साथ-साथ मुकेश सहनी जैसे नेताओं को भी एनडीए में लाएगी? क्योंकि, आरजेडी को अगर बहुमत नहीं मिलती है तो वह पहले की तरह बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए नीतीश कुमार या किसी अन्य को सीएम पद का ऑफर दे सकती है. ऐसे में बीजेपी के लिए अपने गठबंधन दलों को एक साथ रखने की बड़ी चुनौती होगी.
Tags: Bihar BJP, Bihar NDA, CM Nitish KumarFIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 15:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed