गोपाल कांडा के तकदीर में क्या इस बार भी लिखा है किंगमेकर होना जानें सबकुछ
गोपाल कांडा के तकदीर में क्या इस बार भी लिखा है किंगमेकर होना जानें सबकुछ
हरियाणा का राजनीतिक तापमान गोपाल कांडा जैसे नेताओं को लेकर इस बार भी गर्म है. छोटे दलों और निर्दलियों ने अभी से ही गोल सेट करना शुरू कर दिया है. इसको लेकर बारगेनिंग भी शुरू है. पिछली बार 7 निर्दलीयों ने जीत दर्ज कर बीजेपी और कांग्रेस के साथ खेला कर दिया था.
नई दिल्ली. हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस और बीजेपी के साथ-साथ निर्दलीय और छोटी-छोटी पार्टियां भी दमखम के साथ उतरने जा रही हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलियों ने काफी दम दिखया था. इस बार के चुनाव में भी कहा जा रहा है कि निर्दलीयों की भूमिका अहम हो सकती है. खासकर, गोपाल कांडा और बलराज कुंडू जैसे नेताओं की भूमिका अहम हो सकती है. इनेलो और जेजेपी जैसी पार्टियां पहले की तरह ही मजबूती से उतरेंगी. राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो हरियाणा में इस बार भी साल 2019 की तरह निर्दलीय और छोटी पार्टियों की भूमिका अहम होने वाली है. ये निर्दलीय इस बार भी कांग्रेस और बीजेपी के रास्ते में कांटा बो सकते हैं.
एक अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे और 4 अक्टूबर को नतीजे आएंगे. साल 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40, कांग्रेस को 31, जेजेपी को 10, निर्दलीय 7, इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी को एक-एक सीट मिली थी. इस बार भी हरियाणा का राजनीतिक तापमान निर्दलियों और गोपाल कांडा जैसे नेताओं को लेकर गर्म है. इन छोटे-छोटे दलों ने भी कमर कसना शुरू कर दिया है. पिछली बार जीते 7 निर्दलीय विधायक कांग्रेस और बीजेपी के दफ्तरों और नेताओं के चौखटों पर टिकट के लिए दौड़ भी लगा रहे हैं. अगर इनको इस बार पार्टी का सिंबल नहीं मिलता है तो ये सारे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरेंगे.
क्या निर्दलीय इस बार भी खिलाएंगे गुल
आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में जीते ज्यादातर निर्दलीय विधायकों ने तत्कालीन मनोहर लाल खट्टर सरकार को समर्थन दिया था. पंडूरी, नीलीखोड़ी (एससी), महम, बादशाहपुर, पृथला, दादरी और रानियां सीट को निर्दलीयों ने जीता था. इस बार भी इन सीटों पर निर्दलीयों को दबदबा रह सकता है. क्योंकि, ज्यादातर निर्दलीय विधायकों को बीजेपी ने पिछली बार अपने सिंबल पर टिकट देने का आश्वासन दिया था. लेकिन, अब इसमें पेंच फंसता नजर आ रहा है. क्योंकि, स्थानीय बीजेपी नेता इसका विरोध कर रहे हैं.
क्या कहते हैं जानकार
हरियाणा की राजनीति को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजीव पांडेय न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहते हैं, ‘देखिए, इस बार भी निर्दलीय और छोटी पार्टियां कई सीटें हरियाणा में जीतने की स्थिति में हैं. गोपाल कांडा या बलराज कुंडू की पार्टी एक-दो सीट जीतने की स्थिति में नजर आ रही है. इन लोगो का बीजेपी के साथ गठबंधन की भी बात चल रही है. लेकिन, अभी तक फाइनल नहीं हुआ है. बलराज कुंडू रोहतक और जिंद इलाके में अच्छा प्रभाव रखते हैं. अगर बीजेपी कुंडू को टिकट देती है तो निश्चित रूप से बीजेपी के बागी यहां खेल बिगाड़ेंगे.’
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पांडेय आगे कहते हैं, ‘देखिए, गोपाल कांडा अभी बीजेपी के साथ हैं, लेकिन चुनाव लड़ने को लेकर अभी तक आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है. इस बीच रानियां सीट को लेकर विवाद शुरू हो गया है. देवीलाल के पोते और ओमप्रकाश चौटाला के बेटे रणजीत सिंह चौटाला ने रानियां सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. वहीं, गोपाल कांडा की पार्टी लोक हित पार्टी भी यह सीट बीजेपी से मांग रही है और उसने पहले ही अपना कैंडिडेट इस सीट से ऐलान कर दिया है. हालांकि, चौटाला ने इस सीट पर हुए उपचुनाव में कांडा के भाई गोविंद कांडा को हराया था. अब चौटाला बीजेपी में शामिल हो गए हैं. ऐसे में बीजेपी दुविधा में पड़ गई है करें तो क्या करें? बीजेपी के अंदर इसको लेकर बैठकें हो रही हैं. अगले एक-दो दिनों में स्थिति पूरी तरह से साफ होने लगेगी.’
Tags: Haryana election 2024, Haryana latest newsFIRST PUBLISHED : August 21, 2024, 10:42 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed