योगेंद्र यादव दे रहे थे भाषण तभी हंगामा करने लगे लोग खूब चली कुर्सियां-Video

महाराष्ट्र के अकोला में योगेंद्र यादव की एक सभा में जमकर हंगामा हुआ. यहां भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर की अगुवाई में बनी पार्टी VBA यानी वंचित बहुजन आघाडी के कार्यकर्ताओं ने यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. पुलिस ने किसी तरह बीचबचाव करके योगेंद्र यादव को वहां से बाहर निकाला.

योगेंद्र यादव दे रहे थे भाषण तभी हंगामा करने लगे लोग खूब चली कुर्सियां-Video
महाराष्ट्र के अकोला में स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव की एक चुनावी सभा में जमकर हंगामा और धक्कामुक्की हुई. भीमराव आंबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर की अगुवाई में बनी पार्टी VBA यानी वंचित बहुजन आघाडी के कार्यकर्ताओं ने योगेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. योगेंद्र यादव अपने ‘भारत जोड़ो’ अभियान के तहत अकोला पहुंचे थे और एक सभा को संबोधित कर रहे थे. हालांकि इस बीच वहां वीबीए कार्यकर्ता पहुंच गए हंगामा करने लगे. इस दौरान ये कार्यकर्ता मंच पर चढ़ गए और माइक सहित दूसरे उपकरण तोड़ने-फोड़ने की. उन्होंने कुर्सियां फेंकनी भी शुरू कर दी, जिससे कार्यक्रम में अराजकता फैल गई. पूरा सभागार ‘जवाब दो, जवाब दो’ के नारों से गूंज उठा. पुलिस और योगेंद्र यादव के समर्थकों ने बड़ी मुश्किल से VBA कार्यकताओं को मंच पर चढ़ने से रोका, लेकिन इस बवाल की वजह से योगेंद्र यादव को अपना भाषण बीच में ही रोकना पड़ा. वहां हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए कि योगेंद्र यादव को प्रदर्शनकारियों की भीड़ से बाहर निकालना भी मुसीबत बन गया. पुलिसकर्मी और समर्थक घेरा बनाकर उन्हें बाहर ले जाने की कोशिश करते नजर आए. #WATCH | Maharashtra: During a discussion event in Akola, Swaraj Party leader Yogendra Yadav was manhandled by a mob. pic.twitter.com/0UCoP1uIfG — ANI (@ANI) October 21, 2024

अपनी सभा में हुए इस हंगामे को लेकर योगेंद्र यादव ने कहा, ‘आज अकोला में मुझ पर और भारत जोड़ो अभियान के साथियों पर जो हमला हुआ वह हर लोकतंत्रप्रेमी के लिए गंभीर चिंता का विषय है. भारत जोड़ो अभियान के विदर्भ दौरे के तहत हम ‘संविधान की रक्षा और हमारा वोट’ विषय पर सम्मेलन कर रहे थे, तो मुझे बोलने से रोकने के लिए 40-50 लोगों की भीड़ मंच पर चढ़ गई और मेरी ओर बढ़ी. हम बैठे रहे और स्थानीय साथियों ने घेरा बनाकर हमारी रक्षा की. पुलिस के आने के बाद भी हुड़दंगाइयों का आक्रमण और तोड़ फोड़ जारी रहे. सभा वहीं समाप्त हो गई.’

योगेंद्र यादव ने इसके साथ ही कहा, ‘पिछले 25 वर्षों में महाराष्ट्र के अनेक स्थानों पर व्याख्यान दिए हैं, लेकिन ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. यह न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि संविधान और लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों के लिए भी दुखद है. यह घटना हमारे लोकतंत्र की रक्षा के प्रति समर्पण को और भी मजबूत करती है. उन्होंने दोबारा से अकोला आने का वादा करते हुए कहा, ‘जो भी मेरे बोलने से डरा हुआ है, वो सुन ले… मैं वापिस अकोला आऊंगा!’

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