ट्रेन से जा रही थी महिला बीच रास्ते में हुआ ऐसा कांड रह गई सन्न फिर
ट्रेन से जा रही थी महिला बीच रास्ते में हुआ ऐसा कांड रह गई सन्न फिर
ट्रेन में अगर आपका सामान खो जाए, तो क्या करना चाहिए. मध्य प्रदेश की एक महिला यात्री का बैग ट्रेन में चोरी हो गया, फिर कोर्ट ने जो फैसला सुनाया, उसे जानना सबके लिए जरूरी है. यह खबर सबके लिए बेहद काम की है.
नई दिल्ली, ट्रेन से जाते समय हम हमेशा सतर्क रहते हैं. अपने सामान की देखभाल करते रहते हैं. लेकिन भीड़ में कब क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता. एक महिला के साथ ऐसा ही हुआ. महिला घर से बैग लेकर निकली. उसमें काफी कीमती चीजें थीं. लेकिन बीच रास्ते में कांड हो गया. किसी ने उसका बैग चोरी कर लिया. यह देखकर वह सन्न रह गई. काफी खोजबीन की, लेकिन सामान नहीं मिला. लेकिन अब ऐसा फैसला आया है, जो हर यात्री के लिए बेहद काम की चीज है.
मामला मध्य प्रदेश का है. जनवरी 2016 में यह महिला मालवा एक्सप्रेस में चढ़ी. इसे नई दिल्ली से इंदौर जाना था. लेकिन झांसी से ग्वालियर के बीच कोच में चढ़े किसी यात्री ने महिला का बैग चोरी कर लिया. इसके बाद महिला ने उतरते ही जीआरपी को बताया. मामला दर्ज कराना चाहा, लेकिन नहीं हुई. उन्हें दर-दर भटकना पड़ा. बाद में उसने उपभोक्ता फोरम की शरण ली. महिला यात्री ने शिकायत में कहा, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा के साथ-साथ यात्रियों के सामान की सुरक्षा करना रेलवे की जिम्मेदारी है. इसके लिए सभी पैसेंजर टिकट लेते हैं. इसलिए अगर ट्रेन से सामान चोरी होता है, तो रेलवे की ही जिम्मेदारी होगी. आयोग के अध्यक्ष इंदर जीत सिंह और सदस्य रश्मी बंसल ने उसकी दलील को अहम माना और 3 जून को अहम फैसला सुनाया.
रेलवे की सारी दलील खारिज
आयोग ने रेलवे की इस दलील को खारिज कर दिया कि शिकायतकर्ता ने अपने सामान के प्रति लापरवाही बरती और सामान बुक नहीं किया गया था. आयोग ने कहा, शिकायतकर्ता को एफआईआर दर्ज करने के लिए दर-दर भटकना पड़ा. उसका मुकदमा नहीं सुना गया. उसका कीमती सामान चोरी हो गया. उसे उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. शिकायतकर्ता ने रेलवे की लापरवाही और सेवा में कमी को उजागर किया है. इतना ही नहीं, इसके सबूत भी पेश किए हैं.अगर रेलवे के कर्मचारियों की ओर से लापरवाही नहीं होती, तो यह घटना नहीं होती.
महाप्रबंधक करें 1.08 लाख का भुगतान
यह देखते हुए आयोग ने रेलवे के महाप्रबंधक को आदेश दिया कि महिला यात्री को 1.08 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया जाए. इसमें 80 हजार रुपये उसके सामान के लिए, 20,000 रुपये उसे हुई मानसिक पीड़ा के लिए और 8000 रुपये उसे मुकदमा खर्च के लिए दिया जाए. आयोग का यह फैसला बताता है कि यात्रियों के लिए रेलवे की जिम्मेदारी क्या है? हर किसी को रेलवे के अधिकार पता होने चाहिए.
Tags: Ajab Gajab news, Bizarre news, Indian Railway news, Shocking news, Weird newsFIRST PUBLISHED : June 24, 2024, 20:07 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed