क्या सिसोदया को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी सामने खड़ी हैं ये 5 चुनौतियां
क्या सिसोदया को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी सामने खड़ी हैं ये 5 चुनौतियां
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी में अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर-2 की हैसियत रखने वाले मनीष सिसोदिया के सामने आने वाले दिनों में कई चुनौतियां पेश होने वाली हैं. इन्हीं चुनौतियों में से कम से कम पांच चुनौतियां ऐसी हैं, जिसको अगर सिसोदिया पार पा लेंगे तो उनका राजनीतिक कद काफी बढ़ जाएगा. एक रिपोर्ट
नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी के नंबर-2 नेता माने जाने वाले और दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया अचानक ही राजनीति के केंद्र बिंदु में आ गए हैं. दिल्ली की राजनीतिक गलियारे में मनीष सिसोदिया को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं. इन्हीं चर्चाओं में से एक चर्चा यह भी हो रही है कि अगर अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर नहीं आते हैं तो क्या सिसोदिया के नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा 2025 का चुनाव लड़ा जाएगा? 17 महीने बाद जेल से बाहर आने वाले सिसोदिया भी बदले-बदले से नजर आ रहे हैं. पार्टी नेताओं के साथ वह लगातार मीटिंग पर मीटिंग कर रहे हैं. राजनीतिक जानकारों की मानें तो ‘आप’ को पटरी पर लाने के लिए सिसोदिया को कई चुनौतियों से सामना करना पड़ सकता है. खासकर, अरविंद केजरीवाल की अगर जल्द रिहाई नहीं होती है तो सिसोदिया ही फ्रंट सीट पर बैठकर पार्टी को ड्राइव करेंगे. ऐसे में कई चुनौतियां सिसोदिया के सामने आने वाली है.
मनीष सिसोदिया के सामने वैसे तो कई चुनौतियां हैं, लेकिन तत्काल प्रभाव से पांच चुनौतियों से निपटना उनके लिए बहुत जरूरी है. पहली चुनौती, विपक्ष के इस आरोप का सिसोदिया को जवाब देना होगा, जिसमें विपक्ष कह रही है कि शराब घोटाले में कोर्ट ने उन्हें दोषमुक्त नहीं किया बल्कि जमानत पर छोड़ा है. ऐसे में दिल्ली में केजरीवाल शासन का अंत निश्चित है? हालांकि, इस सवाल का जवाब सिसोदिया के पॉलिटिकल एक्टिविटी से लगने लगा है. रविवार को सिसोदिया ने अपने आवास पर आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर अहम बैठक की है. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि पार्टी में जान फूंकने के लिए सिसोदिया 14 अगस्त को दिल्ली में पदयात्रा शुरू करने जा रहे हैं. शायद इस सवाल का जवाब वो दें.
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कौन आम आदमी पार्टी की नैया पार लगाएगा?
दूसरी चुनौती, क्या मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम बनेंगे? इस प्रश्न का उत्तर जानने से पहले दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज के उस बयान से निकालिए, जिसमें भारद्वाज ने कहा था कि सिसोदिया जी अब आ गए हैं सरकार चलाएं. सौरभ के इस बयान से जाहिर होता है कि दिल्ली सरकार के तकरीबन सभी मंत्रियों थक चुके हैं. ऐसे में मनीष सिसोदिया उनके लिए नई होप बनकर आए हैं.
क्या बनेंगे डिप्टी सीएम
तीसरी चुनौती, सिसोदिया को पार्टी में जान फूंकनी है. इसकी रूपरेखा भी तैयार हो चुकी है. आगामी 14 अगस्त से सिसोदिया पूरे दिल्ली में पदयात्रा निकालने वाले हैं. इससे निश्चित रूप से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा. पार्टी की बैठक में तय हुआ है कि दिल्ली की जनता के बीच पार्टी जाएगी और घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करेगी. ऐसे में आम आदमी पार्टी एक बार फिर से जनता से सीधे कनेक्ट हो रही है, जो पार्टी का मुख्य औजार है. सिसोदिया इसको लेकर सोमवार को सभी विधायकों और मंगलवार को सभी निगम पार्षदों के साथ बैठक करने वाले हैं. इन दोनों बैठकों में दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाई जाएगी.
चौथी चुनौती, आम आदमी पार्टी के कई नेताओं को भूमिका सिसोदिया तय करेंगे, जो कई नेताओं को नागवार गुजर सकता है. खासकर, अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद कुछ नेता उनकी बात को उतना तवज्जो न दें. खासतौर पर राज्यसभा सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा और संदीप पाठक जैसे नेताओं की भूमिका काफी कुछ तय करने वाली है. इसके साथ ही दिल्ली के आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल राय, कैलाश गहलोत, दुर्गेश पाठक और सौरभ भारद्वाज जैसे नेताओं की भूमिका भी सिसोदिया तय कर सकते हैं.
विपक्षी पार्टियों से कैसे पार पाएंगे सिसोदिया?
पांचवी चुनौती, क्या अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में सिसोदिया पार्टी नेताओं को एकजुट रख सकेंगे? लाख टके का सवाल यह है कि विधानसभा का चुनाव आने वाला है. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि आम आदमी पार्टी में हाल के वर्षों में दरकिनार कर दिए गए कई विधायक और नेता बीजेपी और कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. हाल ही में आम आदमी पार्टी के कई मौजूदा और पूर्व विधायकों ने पाला बदला था. ऐसे में मनीष सिसोदिया की राजनीतिक कुशलता इम्तिहान भी आने वाले दिनों में होने वाला है.
Tags: AAP Politics, Arvind kejriwal, Manish sisodiaFIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 18:57 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed