कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर तमाम अस्पतालों में पुलिस चौकियां भी फिर भी
कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर तमाम अस्पतालों में पुलिस चौकियां भी फिर भी
डॉक्टरों के काम काज का महत्व किसी को बताने की जरूरत नहीं है. किसी भी बीमार को कोई डॉक्टर ही ठीक कर सकता है. मरीजों का इलाज करने के लिए डॉक्टर को रात में अस्पतालों ड्यूटी करनी ही पड़ती है. बहुत से बड़े अस्पतालों में पुलिस चौकियां भी हैं. फिर भी क्यों नहीं हो पाती है डॉक्टरों की सुरक्षा.
कोरोना का भयानक दौर बीते अभी बहुत समय नहीं हुआ है. सभी ने देखा उस भयावह समय में डॉक्टरों और हेल्थ वर्करों ने कैसे लोगों की जाने बचाईं. इस कोशिश में बहुत से डॉक्टरों और हेल्थ वर्करों ने अपनी जान भी गवां दी. महज दो तीन साल में ही हम मनुष्य जीवन में डॉक्टरों के योगदान को भूल गए. कोलकाता की एक महिला डॉक्टर का रेप और मर्डर कर दिया गया. आरोपी पकड़ा गया है. कहा जा रहा है कि उसे नशे और पोर्न देखने की आदत थी. ये भी बताया जा रहा है कि उसने सेमीनार ऑडिटोरियम में सो रही महिला डॉक्टर की हत्या पहले की और रेप बाद में. फिर भी जो बातें सामने आ रही हैं उससे यही पता चल रहा है कि उसका मोटिव रेप करना ही था.
आरोपी पुलिस का सहयोगी वालंटियर
ये भी पता चला है कि दोषी संजय रॉय एक वालंटियर के तौर पर पुलिस से जुड़ा था. उसकी ड्यूटी आर आर कर अस्पताल की पुलिस चौकी में ही थी. इस वजह से आरोपी सहज ही अस्पताल के किसी भी हिस्से आता जाता रहता था. घटना के दिन महिला डॉक्टर डिनर करने के बाद सेमीनार हाल में ही सो गई थी. अक्सर जूनियर डॉक्टर्स या जूनियर रेजिडेंट्स ऐसे ही रात में आराम करते हैं.
पुलिस के दावों के मुताबिक आरोपी को सीसीटीवी फुटेज में अस्पताल के उसी हिस्से में जाते और आते देखा गया. जाने और आने में फर्क ये था कि जाते समय उसके कान में मोबाइल फोन का ब्ल्यूटूथ इयरपीस था जो लौटते समय नहीं था. यही ब्ल्यूटूथ को पुलिस को घटना स्थल से मिला और बाद में आरोपी के फोन से कनेक्ट भी हो गया. इस मामले में कानूनी कार्यवाई पुलिस करेगी. या अगर मामला सीबीआई को गया तो सीबीआई कानूनी प्रक्रिया पूरी करके कोर्ट से न्याय कराएगी. साथ ही ये भी पुलिस तय करेगी क्या एक व्यक्ति अकेला बिना किसी हथियार के एक महिला की हत्या कर सकता है. या फिर इसमें कोई और भी आरोपी के साथ था या नहीं.
दोषी को सजा के साथ डॉक्टरों की सुरक्षा जरूरी
इस जघन्य कांड के दोषी को तो सजा मिलनी ही चाहिए. इस घटना के बाद अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा का सवाल भी बहुत अहम है. दिल्ली के एम्स जैसे अस्पताल में तो ठीक-ठाक बजट खर्च करके बहुत से सुरक्षा गार्ड रखे गए हैं. पुलिस वाले भी एम्स या इस तरह के बड़े अस्पतालों में सक्रिय रहते हैं. दूसरे बहुत से बड़े या फिर जिला अस्पतालों की बात की जाय तो वहां वास्तव में सुरक्षा बहुत कम होती है. या नहीं ही होती है. चाहे जो भी यहां वहां कहीं भी आसानी से आ- जा सकता है.
रेप और मर्डर की घटना अपने आप में बहुत पैशाचिक और निंदनीय है. लेकिन कोलकाता का ताजा वाकया एक महिला डॉक्टर के साथ किया गया है. इससे ये सोच कर माथे पर बल पड़ जाता है कि आखिर कैसे निर्भय हो कर युवा महिला डॉक्टर अपने अस्पतालों में रात की ड्यूटी कर सकती है. संजय रॉय जैसा कोई सनकी कभी भी अस्पताल में घुस कर उनके साथ कुछ भी कर सकता है. कई मामलों में भर्ती मरीजों को कुछ हो जाने पर उन्मादी बन कर मरीज के रिश्तेदार ही डॉक्टरों पर हमला कर देते हैं. उन्हें ये सब भी झेलना पड़ता है.
पुलिस चौकियों की प्राथमिकता में नहीं है सुरक्षा
इस लिहाज से कहा जा सकता है कि वास्तव में अपस्तालों में सुरक्षा इंतजाम और पुख्ता करने की जरूरत है. आने जाने वालों की निगरानी जरुरी है. सिर्फ सीसीटीवी कैमरों से ही नहीं. बल्कि पुलिस और सुरक्षा गार्डों को इसमें लगाने की जरूरत है. ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में पुलिस चौकी भी होती है. लेकिन इन पुलिस चौकी वालों के लिए अस्पताल के डॉक्टर की सुरक्षा कत्तई प्राथमिकता पर नहीं होती. ये सिविल पुलिस के लोग होते हैं. इनकी प्राथमिकता थानों की ही तरह होती है. इन्हें भी कानून व्यवस्था की दूसरी ड्यूटी के साथ मामलों की तफ्तीस भी करनी होती है. लिहाजा मेडिको लीगल मामलों को छोड़ कर इनका अस्पताल से बहुत लेना देना नहीं रहता.
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वालेटियरऔर सुरक्षा गार्डों की भी निगरानी जरुरी
इस मामले के बाद ही ये तथ्य भी सामने आया कि कोलकाता पुलिस अपने काम काज में वालंटियर की मदद लेता है. जो कुछ संजय रॉय के बारे में बताया जा रहा है कि वो शराब पीता था और पॉर्न भी देखता था. अगर पुलिस किसी को अपने साथ काम में लगाती है तो उसके स्वभाव के बारे में पुलिस को पूरी जानकारी भी रखनी चाहिए. क्योंकि बिना वर्दी और बिना जवाबदेही के इन वालेंटियर को भी लोग पुलिस जैसा ही मान उसके लिए बहुत से रास्ते खोल देते हैं. इस मामले में आरोपी ने इसका फायदा उठाया. जूनियर डॉक्टरों ने इस मसले पर देश भर में विरोध प्रदर्शन करके सुरक्षा की मांग की है. डॉक्टरों की मांग जायज है. इस पर एक नीति बना कर डॉक्टरों को सुरक्षा देनी जरुरी है. ये डॉक्टर ही है जो मनुष्य शरीर में आई किसी दिक्कत को ठीक कर सकते हैं. दूसरा कोई भी किसी बीमार को ठीक कर पाने में सक्षम नहीं है.
Tags: Doctor murder, Kolkata NewsFIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 18:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed