मम्मी-पापा यहीं रहेंगेबीवी की डिमांड तंग आए पति ने जज से लगाई गुहार फिर
मम्मी-पापा यहीं रहेंगेबीवी की डिमांड तंग आए पति ने जज से लगाई गुहार फिर
Husband Wife Dispute: यह मामला कोलकाता में सामने आया. पत्नी की मम्मी-पापा व अन्य रिश्तेदार पति के साथ घर पर ही रहने लगे. लंबे वक्त तक ऐसा ही सिलसिला चलता रहा. ऐसे में पति का तंग आना तो लाजमी था. शख्स को कोलकाता हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है.
Husband Wife Dispute: कोलकाता का एक शख्स पत्नी की एक जिद से बुरी तरह तंंगआ गया. पत्नी चाहती थी कि उसके मम्मी-पापा और कुछ और रिश्तेदार अब उसके घर पर रहें. पति इसके लिए तैयार नहीं था. उसने पति को साफ-साफ कह दिया कि सुनो जी! अब से मम्मी पापा- यहीं रहेंगे, हमारे साथ. शुरुआत में पति जैसे-तैसे चीजों को बर्दाश्त करता रहा लेकिन धीरे-धीरे दोनों के बीच झगड़े बढ़ने लगे. एक दिन उसके सब्र का बांध टूट गया. उसने पत्नी से तलाक की गुहार ट्रायल कोर्ट से लगाई. निचली अदालत से निराशा हाथ लगने के बाद अब कोलकाता हाईकोर्ट ने उसे तलाक दे दिया है. जज ने इसे पति के साथ क्रूरता करार दिया.
हाईकोर्ट ने माना कि पत्नी के दोस्त और परिवार का पति की इच्छा के विरुद्ध लगातार उनके घर पर रहना क्रूरता के बराबर माना जा सकता है. इस मामले में साल 2006 में दोनों की शादी हुई. इसके तीन साल बाद यानी 2008 में तलाक की अर्जी पति की तरफ से लगाई गई थी. पत्नी कुछ वक्त बाद पति का घर छोड़कर अन्य स्थान पर अकेले शिफ्ट हो गई. हालांकि उसका परिवार पति के घर पर ही रहता रहा. पत्नी का तर्क था कि दूरी के कारण पति के घर से रोज दफ्तर आना-जाना मुश्किल होता है. हालांकि कोर्ट में जिरह के दौरान उसने स्वीकार किया कि वह पति के साथ असहाय स्थिति के कारण वो अलग रहने लगी.
‘पत्नी को बच्चा पैदा करने में इंट्रस्ट नहीं’
पति ने इस आधार पर क्रूरता का अनुरोध किया कि वे अलग रह रहे थे और पत्नी वापस लौटने का इरादा नहीं रखती थी. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि तलाक के मामले के लंबित रहने के दौरान वह 2016 में बंगाल के उत्तरपाड़ा शहर में चली गई थी. पति का आरोप था कि पत्नी कोलाघाट के बजाय उत्तरपाड़ा चली गई, जो पति के घर से काफी दूर है. वह वैवाहिक संबंध या बच्चा पैदा करने में इंट्रस्ट नहीं रखती. पति द्वारा 2008 में तलाक के लिए किए गए आवेदन के एक महीने बाद पत्नी द्वारा उनके और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज कराई गई. हालांकि इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने पति को बरी कर दिया था.
पत्नी का क्या था तर्क?
उधर, पत्नी की तरफ से पति को असभ्य और लालची करार दिया गया. दावा किया गया कि पति उसे मजबूर करता था कि वो अपनी सैलरी उसे दे दे. पति की नजर उसकी मां की पेंशन पर भी थी. हालांकि हाईकोर्ट ने इस तर्क को यह कहतहे हुए नकार दिया. कोर्ट ने माना कि सबूत ऐसे आरोपों को झूठा साबित करते हैं. पत्नी की मां पति के कोलाघाट निवास पर नहीं रहती, अगर उसने मां की पेंशन या पत्नी की सैलरी पर नजर डाली होती.
Tags: Calcutta high court, Husband Wife Dispute, Kolkata News, Kolkata news todayFIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 08:48 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed