इस्माइल हानिया- कत्लेआम का गुनहगार शैतान का अवतार हम न मानते आतंकी क्यों
इस्माइल हानिया- कत्लेआम का गुनहगार शैतान का अवतार हम न मानते आतंकी क्यों
इजराइल में कत्लेआम मचाने वाले फिलिस्तीनी संगठन हमास के नेता इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई है. यह हमास के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है. भारत ने बीते दिनों हमास के हमले को आतंकवादी हमला करार दिया था, लेकिन क्या भारत सरकार इसे एक आतंकवादी संगठन मानती है?
इजरायल-फिलिस्तीन क्षेत्र में हजारों निर्दोषों की हत्या करने वाला संगठन हमास का पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया की ईरान में मारा गया है. इसकी पुष्टि खुद हमास ने की है. इस्माइल हानिया की हत्या से इस संगठन की कमर टूट जाने बात कही जा रही है. हमास के लिए यह बहुत बड़ा नुकसान है. ऐसे में आज सवाल यह है कि यह हमास क्या है और भारत सरकार इस संगठन के बारे में क्या सोचती है.
दरअसल, हमास फिलिस्तीन के गाजा क्षेत्र में शासन करने वाला संगठन है. यह एक सशस्त्र संगठन है और तमाम रिपोर्टों में दावा किया जाता है कि इसके पास 30 हजार से अधिक लड़ाके हैं. इस संगठन का मकसद इजायली इलाके में एक मुस्लिम स्टेट की स्थापना करना है. उसका मानना है इजरायल जैसे किसी देश का अस्तित्व ही नहीं होना चाहिए. इसी कारण यह लंबे समय से इजराइल के साथ जंग लड़ रहा है. वह इजराइल की सीमा के भीतर हमले करता है. इस संगठन को ईरान का समर्थन प्राप्त है.
पीएम मोदी ने बताया आतंकी हमला
बीते साल 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाके इजराइली सीमा में घुसकर कम से कम 1200 लोगों की हत्या कर दी और हजारों लोगों को बंधक बना लिया. यह हमास की ओर से इजराइल में अब तक का एक सबसे घातक हमला था. इसके बाद हालांकि इजराइल ने भी तबाही मचा दी. इजराइल की ओर से आज भी फिलिस्तीन और गाजा में हमले जारी है. इजराइली हमले में अब तक 50वों हजार लोग मारे जा चुके हैं.
7 अक्टबूर को जब हमास ने इजराइल के भीतर यह हमला किया तो पूरी दुनिया थर्रा गई. खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे एक बड़ा आतंकवादी हमला करार दिया. पूरी दुनिया में इस हमले की निंदा हुई.
आतंकवादी संगठन
हमास की इन कार्रवाइयों को दुनिया का एक हिस्सा आतंकवादी हरकत मानती है. इस कारण उसके नेता इस्माइल हानिया और संगठन हमास को इजराइल, अमेरिका, यूरोपीय संघ, इंग्लैंड और अन्य देश आतंकवादी संगठन मानते हैं.
भारत नहीं मानता आतंकवादी संगठन
लेकिन, यहां पर भारत का रुख अलग है. भारत आज भी हमास और उसके नेता इस्माइल हानिया को आतंकवादी संगठन नहीं मानता है. गैर कानूनी (रोकथाम) कानून 1967 के सेक्शन 35 के तहत भारत सरकार की आतंकवादियों की सूची में हमास और उसके नेता शामिल नहीं हैं. अब सवाल उठता है कि ऐसा क्यों है?
भारत का रुख
भारत सरकार इजराइल और फिलिस्तीन के बीच विवाद को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के द्विराष्ट्र के सिद्धांत का समर्थन करती है. भारत सरकार इजराइल और फिलिस्तीन दोनों के अस्तित्व की वकालत करती है. हालांकि, ऐतिहासिक तौर पर भारत सरकार फिलिस्तीन के ज्यादा करीब रही है. फिलिस्तीन के दिग्गद नेता यासर आराफात के दौर में भारत के साथ उसके रिश्ते बहुत अच्छे थे. लेकिन, 1990 के दशक में शीत युद्ध खत्म होने के बाद दुनिया की व्यवस्था में हुए बदलाव के बीच भारत की विदेश नीति में भी रणनीतिक बदलाव हुआ.
तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने पहली बार इजराइल के साथ राजनयिक संबंद्ध स्थापित किए. फिर धीरे-धीरे भारत और इजराइल के रिश्ते मजबूत होने लगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में ये रिश्ते और मजबूत हुए हैं. आज इजराइल भारत का सैन्य साझेदार बन गया है. बावजूद इसके भारत आधिकारिक तौर पर फिलिस्तीन के अपने राष्ट्र की मांग का समर्थन करता है. यही कारण है भारत हमास के हमले को आतंकवादी हमला करार देता है लेकिन उसे आज तक आतंकवादी संगठन करार नहीं दिया है.
Tags: EAM S Jaishankar, Hamas attack on IsraelFIRST PUBLISHED : July 31, 2024, 13:34 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed