कस्टमर बन स्मग्लरों के पास पहुंची DRI टीम तस्करों ने पहचाना तो कर दिया हमला

Bihar News: हाथी दांत के तस्करों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान जब स्मग्लरों को डीआरआई टीम की असली पहचानपता चली तो उन्होंने विरोध करते हुए हमला कर दिया. इस दौरान भी डीआरआई की टीम ने धैर्य बनाये रखा. चोटें भी खाईं और अंत में चार तस्करों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की.

कस्टमर बन स्मग्लरों के पास पहुंची DRI टीम तस्करों ने पहचाना तो कर दिया हमला
हाइलाइट्स हाथी दांत की तस्करी के खिलाफ डॉ राय टीम की बड़ी कार्रवाई. बिहार के सिवान में शिकारी गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार किये. 5.50 किलो से अधिक एशियाई हाथी के दांत बरामद किये गए हैं. पटना. बिहार में सोना तस्करों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चलाने वाली डीआरआई की पटना टीम ने एक महत्वपूर्ण अभियान चलाकर एशियाई हाथी के दांत के अवैध व्यापार में शामिल चार तस्करों को गिरफ्तार किया है. गुप्त सूचना के आधार पर डीआरआई की टीम ने बिहार के सिवान के बाहरी इलाके में यह ऑपरेशन पूरा किया. डीआरआई की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर एक कुख्यात शिकारी गिरोह को पकड़ने की योजना बनाई और ऑपरेशन को अंजाम दिया. जानकारी के अनुसार, जब्त हाथी दांत के दो टुकड़े मिले हैं जिनका कुल वजन 5 किलो 586 ग्राम है. यह हाथी दांत लुप्त होते जा रहे एशियाई हाथी यानी एलिफस मैक्सिमस सेवल निकाला गया था. काले बाजार में इस हाथी दांत की मुंह मांगी कीमत मिलती है. हैरानी की बात है कि इस तरह के हाथी दांत की वैश्विक और घरेलू स्तर पर करें प्रतिबंध है. लेकिन इसका व्यापार अभी भी जारी है. बताया जा रहा है कि, वन विभाग के सहयोग से डीआरआई के अधिकारी नकली खरीदारों के रूप में गिरोह के भारी सुरक्षा वाले क्षेत्र में पहुंच गए. डीआरआई की टीम जहां पहुंची थी वहां अवैध व हाथी दांत के अवैध व्यापार में शामिल तस्करों की पूरी टीम मौजूद थी. पकड़े जाने का भी डर था, लेकिन डीआरआई  टीम के अधिकारियों ने कोई परवाह किए बगैर हाथी दांत के अवैध व्यापार से संबंधित सबूत जुटा लिए. ऑपरेशन के ही दौरान जब तस्करों को डीआरआई टीम की असली पहचान का पता चली तो उन्होंने विरोध करते हुए हमला कर दिया. इस दौरान दोनों पक्षों में झड़प हुई. हालांकि, डीआरआई टीम के लोगों को मामूली चोटें भी आईं. इस दौरान डीआरआई की टीम ने अपना प्रोफेशनल रवैया बनाए रखा और चारों व्यक्तियों को  जिसमें सरगना भी शामिल था को गिरफ्तार कर लिया. पटना और सिवान के वन विभाग की टीम ने इस पूरे ऑपरेशन में डीआरआई टीम के साथ बेहतर कोऑर्डिनेशन के साथ काम किया. जिस हाथी के दांत को बरामद किया गया है वह भारतीय वन्य जीव अधिनियम 1972 जो हाथी की अनुसूची एक के तहत संरक्षित प्रजाति के रूप में वर्गीकृत करता है हाथी दांत के व्यापार को शक्ति से प्रतिबंध भी करता है. एशियाई हाथी को सी आई टी ई एस में शामिल किया गया है. Tags: Bihar crime newsFIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 18:22 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed